सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी के लिए
इतिहास ने एक बार फिर से खुद को दोहराया। मुंबई इंडियंस टीम ने रविवार को
जैसे ही आईपीएल खिताब जीता, युवा खिलाड़ियों ने सचिन को कंधे पर बैठाकर ईडन
गार्डन्स स्टेडियम के चक्कर लगाए। इसी तरह का नजारा दो साल पहले वानखेड़े
स्टेडियम में देखने को मिला था।
2011
में जब भारतीय क्रिकेट टीम ने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में 28 साल के
बाद आईसीसी विश्व कप (50 ओवर) का खिताब जीता था, तब टीम के कई सदस्यों ने
सचिन को कंधे पर बैठाकर स्टेडियम के चक्कर लगाए थे और अब जबकि मुंबई
इंडियंस ने छठे प्रयास में आईपीएल खिताब जीता, तब भी उनके युवा साथियों ने
इसी तरह से उनका सम्मान किया।
सचिन
के लिए वक्त ईडन में थम गया था। वह फाइनल में भले ही नहीं खेले लेकिन किसी
अन्य खिलाड़ी की तरह बदलते हालात के साथ-साथ उनके चेहरे के हावभाव बदलते
रहे। वह पूरे मैच के दौरान उतने ही सक्रिय नजर आए, जितने की अंतिम-एकादश
में शामिल खिलाड़ी थे। सचिन चोट के कारण क्वालीफायर-1, क्वालीफायर-2 और
फइनल में नहीं खेल सके। लगभग 10 दिन पहले सनराइजर्स हैदराबाद के साथ हुए
लीग मैच के दौरान सचिन रिटायर्ड हर्ट हो गए और उसके बाद उन्होंने आईपीएल
में एक भी मैच नहीं खेला।
सचिन
ने अपने 20 साल से भी लंबे करियर में सब कुछ हासिल किया। अनेकों रिकॉर्ड
अपने नाम कर चुके सचिन के सक्रिय रहते हुए भारतीय और उनकी क्लब टीमों ने
टी-20 विश्व कप (वह हालांकि टीम के सदस्य नहीं थे), 50 ओवर विश्व कप,
आईपीएल खिताब और टेस्ट वरीयता क्रम में पहला स्थान हासिल किया। इस तरह दो
साल पहले तक खिताबों से सूखी सचिन की झोली अब पूरी तरह भर चुकी है।
यही
सोचकर सचिन ने घोषणा की कि वह अब आईपीएल में नहीं खेलेंगे। सचिन ने
अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट खेला ही नहीं। उनके नाम सिर्फ एक मैच दर्ज है
लेकिन आईपीएल ने सचिन को लगातार दो महीनों तक खेलते हुए खुद को
प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के लिए फिट रहने का मौका दिया। वह एकदिवसीय क्रिकेट
से सन्यास ले चुके हैं और पेशेवर टी-20 लीग भी छोड़ दिया। अब वह सिर्फ
टेस्ट मैचों में भारत के लिए खेलते दिखेंगे। इसका मतलब यह है कि अब क्रिकेट
प्रेमियों को सचिन को खेलते देखने के बहुत कम मौके मिलेंगे।
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