Friday, May 24, 2013

IOA झुका, ओलंपिक में भारत की वापसी के रास्ते खुले

भारतीय ओलंपिक संघ ने लुसान में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की ताजा वार्षिक बैठक बुलाने और चुनाव कराने की शर्तों को बुधवार को मंजूर कर लिया। इसके बाद भारत की फिर से ओलंपिक में वापसी हो गई। आईओए और आईओसी के बीच स्विट्जरलैंड के लुसान में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई जिसमें आईओए ने ताजा चुनाव कराने पर सहमति जता दी।
आईओसी ने गत दिसंबर में आईओए के चुनावों में सरकारी हस्तक्षेप के चलते उसे अवैध करार देकर आईओए को निलंबित कर दिया था। आईओए के निंलबन के पांच महीने के बाद इस बैठक में आईओए ने आईओसी की शर्तों को मान लिया। बैठक में केंद्रीय खेल मंत्री जितेंद्र सिंह, खेल सचिव पी के देव, बीजिंग ओलंपिक के स्वर्ण विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और ओलंपियन सेलर मलव श्रॉफ मौजूद थे।
IOA झुका, ओलंपिक में भारत की वापसी के रास्ते खुले
बैठक में आईओए के आईओसी की शर्त मान लेने के बाद दिसंबर में हुए चुनाव अवैध करार हो गए हैं। उन चुनावों के बाद आईओसी और आईओए के बीच लगातार पत्राचार का दौर चलता रहा और लंबे अंतराल के बाद जाकर दोनों के बीच पहली बार बैठक का आयोजन किया गया।
हालांकि आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा और आईओसी में भारत के सदस्य रणधीर सिंह ने इस बैठक का यह कहते हुए बहिष्कार किया था कि आईओसी ने पहले सरकारी हस्तक्षेप का हवाला दिया था और फिर खुद सरकार से सीधे बातचीत की। साथ ही आईओसी ने निलंबित आईओए के चुने हुए पदाधिकारियों से भी संपर्क साधा। आईओसी के हॉकी इंडिया के महासचिव नरेंद्र बत्रा और झारखंड ओलंपिक संघ के आर के आनंद को इस बैठक के लिए आईओए के प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने से नाराज मल्होत्रा और रणधीर ने हाल ही में बयान जारी कर कहा था कि वे इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।
आईओसी को दिसंबर में हुए चुनावों में राष्ट्रमंडल खेल घोटालों के दागी ललित भनोट के महासचिव के रूप में चुने जाने पर भी खासी आपत्ति थी। आईओसी ने तब यह भी कहा था कि सरकार राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के मामलों में हस्तक्षेप कर रही है। आईओए को निलंबित करने के बाद आईओसी ने सिर्फ मल्होत्रा और रणधीर को अपनी मान्यता दे रखी थी।
लेकिन दिलचस्प बात यह रही कि इस बैठक में मल्होत्रा और रणधीर ही शामिल नहीं हुए जबकि खेल मंत्री जितेंद्र सिंह खुद मौजूद रहे। इन तमाम विवादों के बावजूद भारत के लिए यह बड़ी राहत की बात है कि वह ओलंपिक मे फिर से लौट आया है। लेकिन आईओए के सामने ताजा चुनाव भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होंगे।

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