स्पॉट फिक्सिंग मामले में सीएनएन-आईबीएन ने
अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया है। इसके मुताबिक आईसीसी ने आईपीएल शुरू
होने के बाद बीसीसीआई को चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक गुरुनाथ मयप्पन के रोल
को लेकर आगाह किया था। लेकिन बीसीसीआई ने ये बाद दबाए रखी, हालांकि खुद
मयप्पन को भी इस बारे में पता था और वो विंदू दारा सिंह को इस बात के लिए
चेता भी रहा था कि वो सावधान रहे।
वहीं
इस खुलासे पर श्रीनिवासन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। श्रीनिवासन का कहना
है कि आईसीसी से बीसीसीआई को चेतावनी नहीं दी थी। श्रीनिवासन ने कहा कि
बीसीसीआई के किसी अधिकारी को इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली थी।
सीएनएन-आईबीएन
के मुताबिक आईसीसी ने बीसीसीआई को चेताया था कि आईपीएल के दौरान मयप्पन
सट्टेबाजों का साथ मेलजोल कर रहा है। ये चेतावनी अप्रैल में आईपीएल-6 शुरू
होने के बाद ही दी गई थी। सीएनएन-आईबीएन के पास मयप्पन और विंदू दारा सिंह
के बीच फोन पर हुई बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट मौजूद है। इसके मुताबिक मयप्पन
विंदू से कह रहा है कि बीसीसीआई को आईसीसी ने मेरे बारे में चेताया है
इसलिए वो जरा सावधान रहकर काम करें।
मयप्पन
विंदू को ये भी बता रहा है कि उसे सट्टेबाजी में कितनी रकम लगानी चाहिए।
गुरुनाथ मयप्पन विंदू को उस दिन खेल रही दूसरी टीमों के खिलाड़ियों से
संबंधित निर्देश भी दे रहा था। गुरुनाथ विंदू से कह रहा था कि वे ओवर विशेष
में बनने वाले रनों पर सट्टा लगाए।
सवाल
है कि बीसीसीआई ने आईसीसी की इस चेतावनी को नजरअंदाज क्यों किया? बीसीसीआई
ने क्यों नहीं गुरुनाथ के खिलाफ कोई कार्रवाई की। क्या ये खुलासा बीसीसीआई
के पूरे मैनेंजमेंट को चुप रहने के लिए संदेह के घेरे में खड़ा नही करता?
इन सवालों के जवाब बीसीसीआई चीफ एन श्रीनिवासन सहित पूरे बोर्ड को देने
होंगे।
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