Friday, May 24, 2013

अखबार बेचकर की पढ़ाई, IIM कोलकाता में दाखिला

सफलता किसी की नाम या वर्ग विशेष की मोहताज नहीं होती। 23 वर्षीय अखबार बेचने वाला एक लड़का अपनी मेहनत और लगन के दम पर आईआईएम अहमदाबाद में दाखिला ले चुका है। एक इंजीनियरिंग छात्र शिवकुमार अपने परिवार में अकेला व्यक्ति है जो साक्षर है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए उसने जी जान लगा दी।
पिछले दस सालों में शिवकुमार की जिंदगी की हर सुबह अखबार के गट्ठरों के साथ शुरू होती थी। लेकिन 16 जून से शिवकुमार की हर सुबह आईआईएम कोलकाता में शुरू होगी। शिवकुमार ने कहा कि जिंदगी में अगर कुछ बड़ा करना है तो आपको अलग कदम उठाने पड़ते हैं। मैं सुबह 4 बजे जगता हूं और 8 बजे तक काम करता हूं। इसके बाद कॉलेज जाता हूं। फिर एक पार्ट टाइम जॉब करता हूं। जिंदगी बहुत मुश्किल थी लेकिन मुझमें विश्वास था।
अखबार बेचकर की पढ़ाई, IIM कोलकाता में दाखिला
एक ट्रक ड्राइवर का बेटा, शिवकुमार अपने परिवार की मदद किशोरावस्था से ही करता चला आ रहा है। बैंगलोर के इंजीनियरिग कॉलेज में पढ़ने वाला छात्र और आगे पढ़ना चाहता था। उसने काम और पढ़ाई में संतुलन बैठाना शुरू किया। इसके बाद उसने पहले प्रयास में कैट क्लियर कर लिया। 3 महीने पहले शिवकुमार के पिता ने कुछ ही महीने पहले नौकरी छोड़ी थी ताकि वह अखबार बेचने के व्यवसाय को पूरा कर सकें। उन्होंने कहा कि हमारे घर में 5वीं से 6वीं से ज्यादा कोई पढ़ा ही नहीं। मुझे लगा नहीं था वह इतनी पढ़ाई करेगा।
शिवकुमार की मां ने कहा उसने कठोर मेहनत कर यह सफलता हासिल की है। बिना खाए पिए वह बस लगा ही रहता था। शिवकुमार का सपना है कि वह आईआईएम से बाहर निकल कर अपने मां बाप को एक बेहतर जिंदगी दे सके और उन्हें वर्ल्ड टूर पर घुमा सके। वह बैंगलोर के बाहर कभी नहीं घूमे हैं।

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