अन्तर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने
ओलंपिक आंदोलन के सबसे पुराने खेल कुश्ती को 2020 ओलंपिक के लिए लाइफलाइन
दे दी। हालांकि इस पर अंतिम फैसला सितंबर में ब्यूनस आयर्स में होगा। आईओसी
की समिति ने आठ खेलों में से कुश्ती, स्कवैश और बेसबॉल या साफ्टबॉल को
2020 ओलंपिक में शमिल करने के लिए शॉर्टलिस्ट किया है। इनमें से एक खेल को
2020 ओलंपिक में जगह मिलेगी।
आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने कुश्ती को 2016 रियो ओलंपिक के बाद कोर 25 खेलों की सूची से हटाने की सिफारिश की थी।
इन
तीन खेलों को सितंबर में ब्यूनस आयर्स में आईओसी सत्र में वोटिंग के लिए
रखा जाएगा जिसके बाद एक खेल 2020 ओलंपिक कार्यक्रम में जगह बना पाएगा।
फिलहाल इतना तय है कि कुश्ती को एक लाइफलाइन मिल गई है।
सेंट
पीटर्सबर्ग में आईओसी बैठक में आठ खेलों कुश्ती, स्क्वेश बेसबॉल और
साफ्टबॉल, रोलर स्पोर्ट्स, स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग, वेकबोर्डिंग और वुशू में
से तीन खेलों को अगली वोटिंग के लिए चुना जाना था। कार्यकारी बोर्ड के
फैसले के बाद भारत, अमेरिका और रूस सहित दुनिया के तमाम देशों में कुश्ती
को बचाने की मुहिम चली थी।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुश्ती महासंघ ने आईओसी की मांग के अनुरूप कुश्ती को आकर्षक बनाने के लिए
18 मई को अपनी आम सभा बैठक में अपने नियमों में परिवर्तन किए थे और
फ्रीस्टाइल ग्रीको रोमन और महिलाओं तीनों वर्गों में छह-छह वर्ग कर दिए थे।
कुश्ती को बचाने की मुहिम आखिर रंग लाई और इसे एक लाइफलाइन मिल गई।
हालांकि इन तीन खेलों में से एक पर आखिरी मुहर सितंबर में आईओसी बैठक में
लगेगी।
आईओसी
के उपाध्यक्ष थामस बाक ने बैठक के बाद कहा कि यह टीम खेलों और व्यक्तिगत
खेलों का अच्छा मिश्रण है। फीफा ने अपने परिवर्तनों को लेकर बेहतरीन पेशकश
किया। फीफा ने खेल और सांगठनिक दोनों स्तर पर प्रशंसनीय परिवर्तन किए हैं।
आईओसी
के इस फैसले से भारत में खुशी की लहर दौड़ गई है। भारतीय कुश्ती महासंघ के
महासचिव राजसिंह और द्रोणाचार्य अवार्डी महाबली सतपाल ने इस फैसले की
सराहना करते हुए भरोसा जताया कि कुश्ती सितंबर में आखिरी बाधा को भी चित्त
कर देगी।
राजसिंह
ने दिल्ली में कहा कि मैं पहले से कह रहा था कि कुश्ती तीन खेलों में
शार्टलिस्ट हो जाएगी। मेरी तीन चार दिन पहले फीफा के अधिकारियो से बात हुई
थी और उन्होंने विश्वास जताया था कि इस खेल में परिवर्तन लाने के बाद इसका
शार्टलिस्ट होना तय है।
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