मुंबई का महालक्ष्मी रेसकोर्स जहां अरसे तक
होती रही घोड़ों की दौड़, वहां बन सकता है बाल ठाकरे का स्मारक क्योंकि
बीएमसी ने रेसकोर्स की जमीन की लीज बढ़ाने से इनकार कर दिया है। बीएमसी पर
काबिज शिवसेना की नजर में बाल ठाकरे की यादों को संजोने के लिए घोड़ों की
टापों से तपा ये मैदान सबसे बेहतर है।
पहले
उसने शिवाजी पार्क में स्मारक बनाने की ठानी थी, लेकिन मात खानी पड़ी।
शिवसेना यहां बाल ठाकरे की याद में ढाई लाख वर्ग मीटर जमीन पर विशाल पार्क
बनाना चाहती है। शुक्रवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने खुद इसका नक्शा
पेश किया।
वैसे
शिवसेना जानती है कि महाराष्ट्र सरकार उसके प्रोजक्ट में पेंच फंसा सकती
है। लिहाजा उद्धव ने लगे हाथ मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को नसीहत भी दे
डाली। उद्धव ने कहा कि मैं इस मामले में विवाद नहीं चाहता हूं। मैं ये बात
बार-बार कह रहा हूं। ये लोगों के लिए योजना है और सारे लोग एकसाथ आएं तो
अच्छा है।
शुक्रवार
आधी रात रेसकोर्स की जमीन की लीज की अवधि खत्म हो जाएगी। जाहिर है, जमीन
के मालिकाना हक के सवाल पर विवाद खड़ा हो रहा है। मामले की संवेदनशीलता
देखते हुए मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त भी संभलकर जवाब दे रहे हैं।
वैसे
शिवाजी पार्क में हुई फजीहत को उद्धव ठाकरे भूले नहीं हैं। शिवसेना प्रमुख
का स्मारक बनवाने में उद्धव नाकाम रहे तो पार्टी में उनके नेतृत्व पर
गंभीर सवाल खड़े हो सकते हैं। इसलिए वे 2014 के आम चुनाव के पहले हर हाल
में स्मारक का काम शुरू करवा देना चाहते हैं। लेकिन सवाल ये है कि
कांग्रेस-एनसीपी सरकार उनके चुनावी दांव को आसानी से क्यों सफल होने देगी।
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