छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में हुए नक्सली हमले
में कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल के पीएसओ आखिरी वक्त तक लड़ते रहे। जब
उनके पास अंतिम गोली बची थी, तो उन्होंने शुक्ल से कहा-आखिरी गोली बची है।
अब आपकी सुरक्षा नहीं कर सकता इसलिए माफ कीजिए। और खुद को गोली मार ली।
मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
प्रदेश
कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के ड्राइवर ने भी ऐसा ही किया। अखबार
दैनिक भाष्कर ने ये दावा किया है। पटेल के ड्राइवर ने भी अपने मालिक की जान
बचाने के लिए अपनी जान दे दी।
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