Friday, May 24, 2013

पैर गवांकर भी नहीं कम हुआ हौसला, एवरेस्ट पर पाई फतह

दो साल पहले अपराधियों द्वारा चलती ट्रेन से फेंक दिए जाने के कारण एक पैर गंवा चुकीं उत्तर प्रदेश की पूर्व महिला बॉलीबाल और फुटबॉल खिलाड़ी अरूणिमा सिन्हा ने आज दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह पा लिया है। अरूनिमा ने एक नया इतिहास रचते हुए एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली विकलांग भारतीय महिला का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।
एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बेछेंद्री पॉल से प्रशिक्षण लेने वाली अरूणिमा ने सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर चोटी पर तिरंगा फहरा दिया। उसके अभियान को प्रायोजित करने वाली कंपनी टाटा स्टील ने यहां जारी बयान में यह जानकारी दी। 2011 में ट्रेन में कुछ बदमाशों ने उनको ट्रेन से बाहर फेंक दिया था, अरूणिमा ने एक पैर गंवाने के बाद से ही एवरेस्ट फतह का संकल्प लिया था।
पैर गवांकर भी नहीं कम हुआ हौसला, एवरेस्ट पर पाई फतह
उन्होंने टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की प्रमुख बेछेंद्री पॉल से संपर्क साधा था और विशेष प्रशिक्षण के बाद 21000 फुट से अधिक ऊंची माउंट चमशेर कांगड़ी पर चढ़ने का भी प्रयास किया था। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर की रहने वाली अरूणिमा ने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य की बॉलीबाल टीम का प्रतिनिधित्व किया है।

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