Thursday, May 23, 2013

सोहराबुद्दीन केस: एनकाउंटर के बाद कटारिया ने की थी बैठक!

सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर केस में आईबीएन7 को सीबीआई की सप्लीमेंट्री चार्जशीट हाथ लगी है। इस चार्जशीट में दावा किया गया है कि राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया और गुजरात के इंचार्ज रहे और बीजेपी के बड़े नेता ओम माथुर ने सोहराबुद्दीन के एनकाउंटर के बाद उदयपुर में एक बैठक की थी। इस बैठक में निलंबित डीआईजी डी जी वंजारा भी शामिल थे।
सीबीआई की चार्जशीट के बाद बीजेपी नेता ओम माथुर की भी मुश्किलें बढ़ती नजर रही है। सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर केस में सीबीआई की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में बीजेपी के दो बड़े नेताओं पर सवाल उठ रहे हैं। ये नेता हैं गुजरात के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह और राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक तुलसीराम प्रजापति ने उदयपुर सेंट्रल जेल के भीतर साथी कैदियों के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे।
सोहराबुद्दीन केस: एनकाउंटर के बाद कटारिया ने की थी बैठक!
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक तुलसीराम प्रजापति ने जेल में साथी कैदियों को बताया था कि सोहराबुद्दीन ने आरके मार्बल के मालिकों से बतौर प्रोटेक्शन मनी 25 करोड़ रुपये मांगे थे। प्रजापति ने कहा था कि आर के मार्बल के मालिक कुछ पैसे कम ही सही देने को तैयार थे। चार्जशीट में आगे कहा गया है कि बाद में उन्होंने राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया और गुजरात के गृह राज्य मंत्री अमित शाह और गुजरात पुलिस के साथ मिलकर सोहराबुद्दीन को मार गिराने के लिए मैनेज कर लिया।
सीबीआई ने दावा किया है की आरके मार्बल के व्यापारियों, गुलाबचंद कटारिया और अमित शाह के बीच सोहराब को मारने के लिए रची गई, इस साजिश के पुख्ता सबूत है। जिसमें फोन कोल डीटेल्स के साथ साथ वह बैठकों का ब्यौरा भी है जिसके आधार पर सीबीआई यह दावा कर रही है।
सीबीआई ने न केवल दो राज्य के पूर्व गृहमंत्रियों को इस मुठभेड़ में आरोपी बनाया है बल्कि बीजेपी के एक और कद्दावर नेता का जिक्र भी इस चार्जशीट में किया है। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक सोहराबुद्दीन की मुठभेड़ के बाद राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया और गुजरात के तत्कालीन एटीएस चीफ डीजी वंजारा ने एक बैठक उदयपुर के जगमंदिर में बैठक की थी। इस बैठक में बीजेपी के नेता ओम माथुर ने शिरकत की थी।
सीबीआई की चार्जशीट के बाद ओम माथुर पर भी कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। चार्जशीट में सीबीआई आगे कहती है कि 27 दिसंबर 2005 से लेकर 30 दिसंबर 2005 तक वंजारा अपनी पत्नी के साथ उदयपुर सर्किट हाउस में ठहरे थे। यही नहीं गुलाब चंद कटारिया के निजी स्टाफ के दो लोग भी इसी सर्किट हाउस में ठहरे थे। सीबीआई की चार्जशीट को देखे तो मुठभेड़ के पीछे प्रोटेक्शन मनी को मोटिव के तौर पर बताया गया है जबकि पूरी साजिश को राजनितिक साजिश की शक्ल देने की कोशिश की गई है।
इससे पहले दायर हुई चार्जशीट में गुजरात और राजस्थान पुलिस की भूमिका को पूरी तरह से उजागर किया गया था। इस सप्लीमेंटरी चार्जशीट में राजनीतिक साजिश को साबित करने की कोशिश की गई है। वहीं आंध्र प्रदेश पुलिस की भूमिका को पहली बार सामने लाते हुए आईपीएएस एन बाला सुब्रमनियम के साथ साथ उनके एक इंस्पेक्टर को भी आरोपी बनाया गया है। गुजरात के बड़े नेता और पूर्व गृह मंत्री अमित शाह के कॉल डिटेल्स का हवाला देते हुए चार्जशीट में ये भी दावा किया गया है कि शाह भी आंध्रप्रदेश के कुछ लोगों के साथ इस मुठभेड़ के वक्त और बाद में लगातार संपर्क में थे।

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