ब्रिटेन में हर तरफ उस साहसी महिला के चर्चे
हो रहे हैं जो बीच सड़क संदिग्ध आतंकियों से जा भिड़ी और उन्हें सरेंडर
करने के लिए समझाने की कोशिश करती रही। 48 वर्षीय इन्ग्रिड लोयाउ-केनेट उन
चंद लोगों में से थी जो आतंकियों द्वारा सैनिक का सिर काटने के बाद सबसे
पहले घटना वाली जगह पर पहुंची और अपनी जान की परवाह किए बगैर संदिग्ध
आतंकियों को समझाने की कोशिश करने लगी।
बुधवार
को दो संदिग्ध आतंकियों ने एक सैनिक का सिर बड़ी बेरहमी से काट डाला।
लेकिन इस सबके के बीच एक महिला की पूरे ब्रिटेन में चर्चा हो रही है। इस
महिला का नाम है इन्ग्रिड लोयाउ-केनेट। केनेट ने ही सबसे पहले दो संदिग्धों
में से एक के पास पहुंची और उसे हथियार फेंकने के लिए समझाती रही।
केनेट
के मुताबिक वह घटना स्थल के पास से बस से गुजर रही थी। उसने देखा कि एक
जवान लहुलुहान हुआ सड़क पर पड़ा था। केनेट को लगा घायल जवान को मदद की
जरूरत है और वो बस से तुरंत उतर गई। उसका मकसद जवान को फर्स्ट एड मुहैया
करवाने का था। लेकिन जब केनेट ने उस जवान की नब्ज टटोली तो वह मर चुका था।
केनेट का कहना है कि जब वह जवान का नब्ज चेक कर रही थी तो उसे नहीं पता था
कि उससे कुछ कदमों की दूरी पर ही हत्यारा खड़ा है।
केनेट
का कहना है कि हत्यारों के पास एक छोटी कुल्हाड़ी, चाकू और एक रिवाल्वर थी।
दूसरा हत्यारा भी उससे कुछ कदमों के फासले पर मौजूद था। जब केनेट का ध्यान
हत्यारों की तरफ गया तो उसके मन में यही डर था कि कहीं वह किसी और पर हमला
न कर दें। यही सोचकर उसने हमलावर का सामना करने का मन बनाया।
48
साल की केनेट कब स्काउट की प्रमुख हैं और दो बच्चों की मां। केनेट ने वो
साहस का परिचय दिया जो शायद वहां मौजूद लोग नहीं दे पाते। केनेट ने हमलावर
से करीब 10 से 15 मिनट तक बात करती रही। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड
कैमरूम ने भी केनेट की बहादुरी की तारीफ की। केनेट ने जिस समझदारी और साहस
दिखाते हुए हमलावर को हथियार फेंकने के लिए मजबूर किया वो वाकई काबीले
तारीफ है। आतंक के खिलाफ इस महिला के कदम की दुनिया भर में तारीफ हो रही
है।
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