राजीव गांधी की 21 मई 1991 को हत्या कर दी
गई थी। आज उनकी 22वीं बरसी है। उनका जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ।
राजीव गांधी ने शुरुआती शिक्षा देहरादून के मशहूर दून स्कूल से ली। इसके
बाद 1961 में वह लंदन चले गये और वहां पर उन्होंने कैंब्रिज के ट्रिनिटी
कॉलेज और इम्पीरियल कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल की थी। राजीव गांधी
कैंब्रिज में ही सोनिया से मिले, जिनसे बाद में उन्होंने शादी की।
राजीव
गांधी स्वजभाव से बेहद सरल और सीधे थे। उनके बारे में ये माना जाता था कि
वह राजनीति में नहीं आना चाहते थे, लेकिन पहले भाई संजय गांधी की विमान
हादसे में मौत और फिर मां इंदिरा गांधी की हत्या की वजह से उन्हें राजनीति
में आना पड़ा। आइये जानते हैं कि राजीव गांधी के जीवन और उनके साथ विवादों
से जुड़ी कहानी।
सबसे बड़े राजनीतिक घराने में जन्म
देश
के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी के घर
में हुआ। उनके छोटे भाई संजय गांधी थे और पिता का नाम फिरोज गांधी था।
राजीव शुरू से ही राजनीति से अलग और इसमें कम रुचि रखने वाले व्यआक्ति थे।
इसके ठीक उलट उनके छोटे भाई संजय गांधी राजनीति में अधिक रुचि रखा करते थे,
लेकिन एक विमान हादसे में मौत की वजह से राजीव गांधी को राजनीति में आना
पड़ा।
कैसे हुआ राजीव गांधी और सोनिया गांधी का विवाह?
राजीव
गांधी ने कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज और लंदन के इम्पीरियल कॉलेज से उच्च
शिक्षा हासिल की थी। विदेश प्रवास के दौरान ही 1965 में सोनिया गांधी से
उनकी मुलाकात हुई थी। सोनिया गांधी का नाम शादी से पहले एंटानियो माइनो था।
राजीव गांधी ने सोनिया से 28 फरवरी 1968 को शादी की थी। हालांकि शुरुआत
में सोनिया के परिवार ने रिश्ते का विरोध किया, लेकिन राजीव और सोनिया ने
उन्हें मना लिया। ऐसा माना जाता है कि शुरुआत दिनों में इंदिरा गांधी भी
सोनिया को ज्यादा पसंद नहीं करती थीं, लेकिन संजय गांधी की पत्नी मेनका
गांधी से विवाद के चलते वह सोनिया के साथ रहने लगीं और धीरे-धीरे दोनों के
बीच रिश्ते बहुत अच्छे हो गये थे।
भाई संजय गांधी की मौत
23
जून 1980 को संजय गांधी की एक विमान हादसे में मौत हो गई थी। ऐसा माना
जाता है कि संजय गांधी की अगर मौत नहीं हुई होती तो इंदिरा गांधी के बाद
देश की कमान वह ही संभालते। राजनीति पर उनकी जबरदस्त पकड़ मानी जाती थी।
हालांकि उनकी मौत के बारे में भी कई बार खुलासे हुए, लेकिन कोई ठोस बात
निकलकर सामने नहीं आई। संजय गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी मां इंदिरा
गांधी के सहयोग के लिए राजनीति में आ गये।
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या
1984
में इंदिरा गांधी की हत्यां के बाद कांग्रेस की जिम्मेदारी राजीव गांधी पर
आ गई। उनके बारे में राजनीति का बड़ा वर्ग ये मानता था कि वह परिपक्व
राजनेता नहीं हैं, लेकिन अगले चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के
बाद राजीव गांधी ने देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला। हालांकि, उनके
राजनीतिक जीवन से कई विवाद भी जुड़े रहे।
बोफोर्स कांड में सामने आया राजीव गांधी का नाम
बोफोर्स
घोटाले का खुलासा 1987 में स्वीडन के रेडियो ने किया था। रेडियो की खबर
में बताया गया था बोफोर्स ने ठेका प्राप्त करने के लिए रिश्वोत दी थी। इस
घोटाले ने न केवल राजीव गांधी और कांग्रेस की छवि कर दी बल्कि पूरे देश की
राजनीति को हिलाकर रख दिया। इस घोटाले से सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के
सामने गंभीर संकट पैदा हो गया और पार्टी 1989 में लोकसभा चुनाव हार गई। ये
मामला अबतक चल रहा है। इस मामले में राजीव गांधी के साथ उनके दोस्ते सुपर
स्टार अमिताभ बच्चमन का भी नाम सामने आया था, लेकिन बाद में उन्हें क्लीन
चिट दे दी गई।
अमिताभ बच्चन से दोस्ती के किस्से
माता
तेजी और पिता हरिवंश राय बच्चन के देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर
लाल नेहरू से करीबी रिश्ते थे। इसी रिश्ते की वजह से अमिताभ बच्चन और राजीव
गांधी की दोस्ती हुई। ऐसा कहा जाता है कि इंदिरा गांधी अमिताभ बच्चन को भी
बेटे की ही तरह मानती थीं। अमिताभ के करीबी बताते हैं कि सुपर स्टार की
सबसे अच्छी तस्वीर राजीव गांधी ने ही खींची थी। बहरहाल, राजीव और अमिताभ की
दोस्ती के गुस्से सभी जानते हैं, लेकिन राजीव के जाने के बाद सोनिया और
राहुल गांधी से बिग बी और उनके परिवार के संबंध ठीक नहीं रहे। दोनों
परिवारों के बीच कई मौकों पर जुबानी जंग भी हुई, लेकिन अमिताभ कभी इसमें
शामिल नहीं हुए।
21 मई 1991 का वो मनहूस दिन
श्रीलंका
में लिट्टे और सिंघलियों के बीच युद्ध शांत करने के लिए राजीव गांधी ने
भारतीय सेना को श्रीलंका में तैनात कर दिया, जिसका प्रतिकार लिट्टे ने
तमिलनाडु में चुनावी प्रचार के दौरान राजीव गांधी पर आत्मघाती हमला करवा कर
लिया। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नाई के पास एक कार्यक्रम में महिला
आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी को बम से उड़ा दिया। वह महिला 21 मई 1991
को सुबह 10 बजे राजीव गांधी से मिलने के लिए स्टेज तक गई और उनके पांव छूने
के लिए झुकी। वह महिला आत्मघाती थी और उसके शरीर में जैकेट बम था। उसने
राजीव गांधी के पैर छूने के बहाने खुद को उड़ा लिया। राजीव गांधी की हत्या
के मामले में मुरुगन, संथन और पेरारिवलन को फांसी की सज़ा सुनाई गई है,
लेकिन इनको अभी तक फांसी नहीं दी गई है।
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