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कट्टू करी केरल राज्‍य की एक खास सब्‍जी है जो कि कई सारी सब्‍जियों को मिला कर बनाई जाती है। इसमें चना, आलू, पत्‍ता गोभी, सहिजन आदि सब्‍जियां डाली जाती हैं। यह खाने में जितनी ही स्‍वादिष्‍ट लगती है, उतनी ही पौष्‍टिक भी है। यह रेसीपी ओनम के खास अवसर पर भी बनाई जाती है। तो चलिये बनाते हैं कट्टू करी।
सामग्री-
1 कप काला चना (पका हुआ)
1 कच्‍चा केला (चॉप किया हुआ)
1 कप सूरन
2 कप गाजर, कद्दू, आलू और खीरा (उबला)
1/2 चम्‍मच हल्‍दी पाउडर
1/2 चम्‍मच र्मिच पाउडर
1 चम्‍मच राई
1 चम्‍मच उरद दाल
1 कडी़ पत्‍ता
नारियल का तेल
नमक स्‍वादअनुसार

मसाला-
1 कप फ्रेश नारियल
2-3 सूखी मिर्च
1 चम्‍मच जीरा
विधि-
मसाले को पहले हल्‍का भून लें और फिर मिक्‍सी में डाल कर पीस लें। अब प्रेशर कुकर में सारी सब्‍जियां, हल्‍दी पाउडर और नमक डाल कर पका लें। जब यह पक जाए तब इसमें मसाला डालें और 10-15 मिनट तक के लिये पकाएं। अब आपकी कुट्टू करी तैयार हो चुकी है, इसको ऊपर से सजाने के लिये फ्राई किया हुई राई, उरल दाल, घिसा नारियल और कडी़ पत्‍ता डालिये।

स्‍वाद और सेहत से भरा पेठा 

गर्मी के दिनों में पानी के साथ जो पेठा खाया जाता है, वह ना केवल एक स्‍वादिष्‍ट मिठाई ही है बल्कि सेहत के लिये भी लाजवाब होती है। पेठा हिंदुस्तान के कई अन्य राज्यों में भी बनाया जाता है, लेकिन जितना मशहूर आगरे का पेठा पूरी दुनिया में है उतना दूसरा और कोई नहीं। पेठे को भतुआ, कोंहड़ा या फिर कूष्मांड नामक सब्‍जी से बनाया जाता है। कोंहड़े से ना केवल पेठा बनता है बल्कि इसकी सब्‍जी, मुरब्बे, पाक, अवलेह, ठंढाई, घृत आदि भी बनाए जाते हैं। हमारे आयुर्वेद में पेठे को शरीर के लिये बहुत ही उपयोगी माना गया है। पेठे में औषधीय गुण भी होते हैं। पेठा पुष्टिकारक, बल देने वाला व रक्त के विकार को दूर करता है। साथ ही पेट को साफ करता है।
कुम्हड़ा के बीजों का उपयोग खाद्य पदार्थों के रूप में किया जाता है। इसके ताजे बीज कृमिनाशक होते हैं। इसलिए इसके बीजों का उपयोग ओषधि के रूप में होता है। तो आइये जानते हैं पेठा खाने से हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या लाभ होता है।
पेठा खाने का फायदा -
1. मस्तिष्क रोग- याद्दाश्त की कमजोरी हो या फिर दिमागी बीमारी, पेठा ऐसे रोगियों के लिये अमृत के समान माना जाता है। रोगी को इसके फल का 10-20 ग्राम गूदा खाना चाहिए और साथ ही पेठे का रस पीना चाहिए।
2. शरीर की जलन- अगर शरीर में जलन होती है और वह हमेशा गरम रहता है तो पेठे के गूदे तथा पत्तों को पीस कर लेप करें। साथ ही बीजों को पीसकर ठंडाई बनाकर पिएं।
3. नकसीर फूटना- इस समस्‍या को दूर करने के लिये पेठे का रस पिएं या फिर उसका गूदा खाएं। साथ ही सिर पर इसके बीजों का तेल भी लगाया जा सकता है।
4. दमा रोग- दमा है तो नियमित रूप से पेठा खाइये क्‍योंकि इससे फेफड़ों को बहुत लाभ मिलता है।
5. पेशाब के रोग- पेठे का गूदा तथा बीज मूत्र विकारों में बहुत उपयोगी है। यदि मूत्र रूक-रूककर आता हो अथवा पथरी बन गई हो तो पेठा तथा उसके बीज दोनों का प्रयोग करें। लाभ होगा।
6. वीर्य बढाए- इस रोग में पेठे का सेवन अति उपयोगी है।
7. कब्ज तथा बवासीर- पेठे में रेशा पाया जाता है जो कि कब्‍ज जैसी पेट की समस्‍या को दूर करता है। इसी कारण बवासीर के रोगियों के लिए यह बहुत लाभकारी है। इससे बवासीर में रक्त निकलना भी बंद हो जाता है।
8. भूख न लगना- जिन लोगों की आंतों में सूजन आ गई है, भूख नहीं लगती, वे सुबह दो कप पेठे का रस पिएं। भूख लगने लगेगी और आंतों की सूजन भी ठीक हो जाएगी।

प्‍याज का पुलाव

प्‍याज तो लगभग हर खाने के व्‍यंजन में पड़ता है। आज हम आपको प्‍याज से बना पुलाव बनाना सिखाएंगे जिसमें दो तरह के प्‍याज पड़े होंगे। यह प्‍याज का पुलाव लंच बॉक्‍स के लिये बिल्‍कुल ही परफेक्‍ट है। आप इस पुलाव को स्‍वादिष्‍ट और ज्‍यादा पौटिक बनाने के लिये इसमें ढेर सारी सब्‍जियां भी मिला सकती हैं। तो देर किस बात की आइये देखते हैं प्‍याज का पुलाव बनाने की विधि।

प्‍याज तो लगभग हर खाने के व्‍यंजन में पड़ता है। आज हम आपको प्‍याज से बना पुलाव बनाना सिखाएंगे जिसमें दो तरह के प्‍याज पड़े होंगे। यह प्‍याज का पुलाव लंच बॉक्‍स के लिये बिल्‍कुल ही परफेक्‍ट है। आप इस पुलाव को स्‍वादिष्‍ट और ज्‍यादा पौटिक बनाने के लिये इसमें ढेर सारी सब्‍जियां भी मिला सकती हैं। तो देर किस बात की आइये देखते हैं प्‍याज का पुलाव बनाने की विधि।

सामग्री-
बासमती चावल- 2 कप (एक घंटे के लिये पानी में भिगोया हुआ)
प्‍याज- 2
गाजर- 1
जीरा- 1 चम्‍मच
लौंग- 5
दालचीनी- 1 इंच
हरी मिर्च- 2
घी- 1 चम्‍मच
बेबी अनियन- 6
बटर- 2 चम्‍मच
चीनी- 1 चम्‍मच
नमक- स्‍वादअनुसार
विधि-
1. सबसे पहले बेबी अनयिन को 5 मिनट के लिये उबाल दीजिये और एक किनारे रख दीजिये। उसके बाद पैन लीजिये और उसमें घी गरम कीजिये। फिर जीरा डालिये और 1 मिनट तक भूनने के बाद उसमें कटे हुए बडे़ प्‍याज और लौंग, दालचीनी डालिये। आंच को मध्‍यम रखिये और अच्‍छी प्रकार से चलाइये।
2. फिर पैन में कटे हुए गाजर और कटी हुई हरी मिर्च डाल कर लो आंच पर 2 मिनट तक भूनिये। जब गाजर गल जाए तब उसमें चावल डाल कर 2 मिनट तक मध्‍यम आंच पर फ्राई कीजिये। उसके बाद पैन में पानी और नमक डालिये तथा पैन को ढंक दीजिये और मध्‍यम आंच पर पकाइये।
3. अब एक दूसरा पैन लीजिये और उसमें बटर पिघलाइये, जब बटर से धूंआ निकलने लगे तब उसमें चीनी डाल दें और चलाएं। अब पैन में उबले हुए बेबी अनियन डाले और ढक्‍कन ढांक कर इसे 3-4 मिनट के लिये हल्‍की आंच पर पकाएं।
4. एक बार जब छोटे प्‍याज अच्‍छी तरह से बटर और चीनी के घोल में लिपट जाएं तब उन्‍हें दूसरे पैन में चावल के साथ डाल दीजिये। इसके बाद चावल को अच्‍छी तरह से पकाइये और फिर अचार के साथ सर्व कीजिये।


खुशबूदार शाही पुलाव

पुलाव एक ऐसा व्‍यंजन है जिसे आप किसी भी साधारण या बडे़ मौके पर बना सकते हैं। शाही पुलाव एक ऐसा ही पुलाव है जो खाने में बडा़ ही स्‍वादिष्‍ट लगता है और बनाने में भी बडा़ आसान होता है। शाही पुलाव में साथ आप पनीर की सब्‍जी का आनंद ले सकते हैं। तो आइये देर किस बात की बनाते हैं ये खुशबूदार शाही पुलाव।
कितने लोगों के लिये- 4
त्‍यारी में समय- 7 मिनट
पकाने में समय- 25 मिनट
सामग्री-
हरी धनिया 1/2 कप
अदरक लहसुन पेस्‍ट 1 चम्‍मच
हरी मिर्च 4
पुदीने की पत्‍ती 1/4 कप
तेल 2 कप
प्‍याज 2 कप
चीनी 1 चम्‍मच
जीरा 1/4 चम्‍मच
चावल 21 कप
विधि -
एक पैन लीजिये, उसमें तेल, जीरा, चीनी डालिये। जब इसका रंग भूरा हो जाए तब उसमें स्‍लाइस में कटे हुए प्‍याज काट कर मिलाइये और थोडा़ पकने के बाद अदरक-लहसुन पेस्‍ट, हरी मिर्च, पुदीना, हरी धनिया और नमक मिला दीजिये। अब पैन में पहले से ही 30 मिनट तक भिगोए हुए चावल और पानी डाल कर ढक्‍कन बंद कर दीजिये। आंच हल्‍की रहने दीजिये और 5 मिनट तक पकाइये।


 

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