इंटरनेट बैंकिंग यूजर हो जाएं अलर्ट, डूब सकती है खून-पसीने की कमाई
इन बातों का रखें ध्यान-
1.इंटरनेट कैफे से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन न करें।
2.कंप्यूटर में एंटी-वायरस, एंटी स्पाई-वेयर और फॉयरवाल सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करें।
3.एंटी वायरस को समय-समय पर अपडेट करते रहें।
4. इंटरनेट कैफे से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन न करें।
5. काम खत्म होने के बाद लॉग आउट होना न भूलें।
6. कंप्यूटर की ब्राउजिंग हिस्ट्री भी साफ कर दें।
7.सभी निजी सूचनाओं को किसी से शेयर न करें।
8. अपना पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर किसी को न दें।
9. विभिन्न बैंकों व ई-मेल अकाउंट के अलग-अलग पासवर्ड रखें।
सावधानियां करें फॉलो-इंटरनेट बैंकिंग के दौरान आपको कुछ दिन बाद ही अकाउंट की ट्रांजेक्शन की हिस्ट्री चैक करनी चाहिए। अगर किसी तरह का शक हो तो बैंक प्रबंधन से बात करें। इसके अलावा कई बार आपको ई-मेल आती है और वह आपसे आपका पासवार्ड और निजी जानकारी मांगते हैं तो भूलकर भी इन्हें इस्तेमाल न करें नहीं तो खमियाजा भुगतना पड़ सकता है। फिर भी अगर मेल की सच्चाई तो बैंक के कांटेक्ट करें। इसके अलावा बैंक की एसएमएस अल्र्ट सुविधा का इस्तेमाल लगातार करते रहें।
त्वचा और शरीर दोनों को ही स्वस्थ रखने के लिए अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है। पानी हमारे अंतरंग भागों की चिकनाई के साथ-साथ बॉडी के जोड़ों के स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। माना जाता है शरीर में पानी की अधिकतम मात्रा शरीर से व्यर्थ चीजों और जहर आदि को निकालने के साथ-साथ पूरी बॉडी में न्यूट्रिशन को पहुंचाने का काम भी करती है। पानी कब पीएं और कितना और उसका महत्व ये आयुर्वेद में हमारे
इन बातों का रखें ध्यान-
1.इंटरनेट कैफे से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन न करें।
2.कंप्यूटर में एंटी-वायरस, एंटी स्पाई-वेयर और फॉयरवाल सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करें।
3.एंटी वायरस को समय-समय पर अपडेट करते रहें।
4. इंटरनेट कैफे से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन न करें।
5. काम खत्म होने के बाद लॉग आउट होना न भूलें।
6. कंप्यूटर की ब्राउजिंग हिस्ट्री भी साफ कर दें।
7.सभी निजी सूचनाओं को किसी से शेयर न करें।
8. अपना पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर किसी को न दें।
9. विभिन्न बैंकों व ई-मेल अकाउंट के अलग-अलग पासवर्ड रखें।
सावधानियां करें फॉलो-इंटरनेट बैंकिंग के दौरान आपको कुछ दिन बाद ही अकाउंट की ट्रांजेक्शन की हिस्ट्री चैक करनी चाहिए। अगर किसी तरह का शक हो तो बैंक प्रबंधन से बात करें। इसके अलावा कई बार आपको ई-मेल आती है और वह आपसे आपका पासवार्ड और निजी जानकारी मांगते हैं तो भूलकर भी इन्हें इस्तेमाल न करें नहीं तो खमियाजा भुगतना पड़ सकता है। फिर भी अगर मेल की सच्चाई तो बैंक के कांटेक्ट करें। इसके अलावा बैंक की एसएमएस अल्र्ट सुविधा का इस्तेमाल लगातार करते रहें।
त्वचा और शरीर दोनों को ही स्वस्थ रखने के लिए अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है। पानी हमारे अंतरंग भागों की चिकनाई के साथ-साथ बॉडी के जोड़ों के स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। माना जाता है शरीर में पानी की अधिकतम मात्रा शरीर से व्यर्थ चीजों और जहर आदि को निकालने के साथ-साथ पूरी बॉडी में न्यूट्रिशन को पहुंचाने का काम भी करती है। पानी कब पीएं और कितना और उसका महत्व ये आयुर्वेद में हमारे
मनीषियों ने भी बताया ही है।
लेकिन आज हम आपको कूटनीति के विद्वान् चाणक्य के शब्दों में इसे समझायेंगे
अजीर्णे भैषजम वारि जीर्णे वारि बलप्रदम।
भोजने चामृतम वारि भोजनान्ते विषम प्रदम।।
चाणक्य के अनुसार भोजन के नहीं पचने अर्थात अजीर्ण होने पर पानी औषधि यानी दवा के समान है ,जबकि भोजन के ठीक ठाक पच जाने पर थोड़ा-थोड़ा पानी पीना शक्ति प्रदान करने वाला होता है।भोजनके अंत में पानी पीना जहर के समान फल देने वाला होता है अर्थात पानी औषधि भी है और जहर भी। बस फर्क इतना है कि़ आप इसे कैसे पीते
लेकिन आज हम आपको कूटनीति के विद्वान् चाणक्य के शब्दों में इसे समझायेंगे
अजीर्णे भैषजम वारि जीर्णे वारि बलप्रदम।
भोजने चामृतम वारि भोजनान्ते विषम प्रदम।।
चाणक्य के अनुसार भोजन के नहीं पचने अर्थात अजीर्ण होने पर पानी औषधि यानी दवा के समान है ,जबकि भोजन के ठीक ठाक पच जाने पर थोड़ा-थोड़ा पानी पीना शक्ति प्रदान करने वाला होता है।भोजनके अंत में पानी पीना जहर के समान फल देने वाला होता है अर्थात पानी औषधि भी है और जहर भी। बस फर्क इतना है कि़ आप इसे कैसे पीते
हाई ब्लड प्रेशर कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जिसमें रोगी को रोज
दवाई खानी पड़ती है। लेकिन अगर इन रोगों का देसी तरीके से इलाज किया जाए
तो इन्हें प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है । कई ऐसी देसी
दवाईयां हैं, जो रोगों पर नियंत्रण करके शरीर को स्वस्थ बनाती है। आज हम
आपको बताने जा रहे हैं हाइब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने के लिए कुछ देसी
नुस्खे.....
-प्याज का रस और शुद्ध शहद बराबर मात्रा में मिलाकर रोज करीब दस ग्राम की मात्रा में लें।
- तरबूज के बीज की गिरि और खसखस दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। रोज सुबह-शाम एक चम्मच खाली पेट पानी के साथ लें(यह प्रयोग करीब एक महीने तक नियमित करें)।
- मेथीदाने के चूर्ण को रोज एक चम्मच सुबह खाली पेट लेने से हाई ब्लडप्रेशर से बचा जा सकता है।
-खाना खाने के बाद दो कच्चे लहसुन की कलियां लेकर मुनक्का के साथ चबाएं। ऐसा करने से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत नहीं होती।
-प्याज का रस और शुद्ध शहद बराबर मात्रा में मिलाकर रोज करीब दस ग्राम की मात्रा में लें।
- तरबूज के बीज की गिरि और खसखस दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। रोज सुबह-शाम एक चम्मच खाली पेट पानी के साथ लें(यह प्रयोग करीब एक महीने तक नियमित करें)।
- मेथीदाने के चूर्ण को रोज एक चम्मच सुबह खाली पेट लेने से हाई ब्लडप्रेशर से बचा जा सकता है।
-खाना खाने के बाद दो कच्चे लहसुन की कलियां लेकर मुनक्का के साथ चबाएं। ऐसा करने से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत नहीं होती।
सोंठ
घरेलू उपाय: इन सारी छोटी बीमारियों का एक इलाज है सोंठ
सोंठ का उपयोग प्राचीनकाल से ही होता आ रहा है। सोंठ एक उष्ण जमीकंद हैं जो अदरक के रूप में जमीन से खोदकर निकाली जाती है और सुखाकर सोंठ बनती है। सोंठ मनुष्य में जीने की शक्ति और रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती हैं। यह औषधि उत्तेजक, पाचक और शांतिकारक हैं। इसके सेवन से पाचन क्रिया शुद्ध होती है। सोंठ के गर्म होने के कारण इसके सेवन से सभ
सोंठ का उपयोग प्राचीनकाल से ही होता आ रहा है। सोंठ एक उष्ण जमीकंद हैं जो अदरक के रूप में जमीन से खोदकर निकाली जाती है और सुखाकर सोंठ बनती है। सोंठ मनुष्य में जीने की शक्ति और रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती हैं। यह औषधि उत्तेजक, पाचक और शांतिकारक हैं। इसके सेवन से पाचन क्रिया शुद्ध होती है। सोंठ के गर्म होने के कारण इसके सेवन से सभ
ी वायु रोग नष्ट हो जाते हैं।
आधा सिरदर्द- सोंठ को चंदन की तरह घिसकर उसका सिर पर लेप करें।
आंखों के रोग- सोंठ और नीम के पत्ते या निंबोली पीसकर उसमें थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर गोलियां बना लें। गोली को मामूली गर्म कर आंखों पर बांधने से आंखों की पीड़ा कम होती है।
कमरदर्द- कमरदर्द में आधा चम्मच सोंठ का चूर्ण दो कप पानी में उबालें। जब यह आधा कप रह जाए तब इसे छानकर ठंडा कर लें। इसमें दो चम्मच अरण्डी तेल मिला कर रोज रात को पीएं।
उदर रोग- चार ग्राम सोंठ का काढ़ा बनाकर पीने से पेट की बीमारियां खत्म हो जाती हैँ।
खांसी- एक चम्मच सोंठ के चूर्ण के साथ एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण गुनगुने पानी में लेने पर छाती में जमा कफ बाहर निकलता है और खांसी से आराम मिलता है।
कब्ज- कब्ज होने पर एक चम्मच सोंठ का पाउडर पानी में डालें और उस पानी को उबालकर पी लें। कब्ज में ये उपाय रामबाण है।
आधा सिरदर्द- सोंठ को चंदन की तरह घिसकर उसका सिर पर लेप करें।
आंखों के रोग- सोंठ और नीम के पत्ते या निंबोली पीसकर उसमें थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर गोलियां बना लें। गोली को मामूली गर्म कर आंखों पर बांधने से आंखों की पीड़ा कम होती है।
कमरदर्द- कमरदर्द में आधा चम्मच सोंठ का चूर्ण दो कप पानी में उबालें। जब यह आधा कप रह जाए तब इसे छानकर ठंडा कर लें। इसमें दो चम्मच अरण्डी तेल मिला कर रोज रात को पीएं।
उदर रोग- चार ग्राम सोंठ का काढ़ा बनाकर पीने से पेट की बीमारियां खत्म हो जाती हैँ।
खांसी- एक चम्मच सोंठ के चूर्ण के साथ एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण गुनगुने पानी में लेने पर छाती में जमा कफ बाहर निकलता है और खांसी से आराम मिलता है।
कब्ज- कब्ज होने पर एक चम्मच सोंठ का पाउडर पानी में डालें और उस पानी को उबालकर पी लें। कब्ज में ये उपाय रामबाण है।
महिलाएं और युवतियां खूबसूरत दिखने और
दिखाने के लिए घंटों दर्पण के सामने बैठी रहती हैं और कुछ को तो बार-बार
दर्पण में खुद को निहारने की आदत सी हो जाती है जो कभी-कभी तनाव की वजह भी
बन जाता है। इसी को रोकने के लिए अमेरिका में महिलाओं के एक समूह ने एक नया
अभियान चलाया है जिसे ‘मिरर फास्टिंग’ का नाम दिया जा रहा है।
टेलीग्राफ
डॉट को डॉट यूके के अनुसार, खुद को बार बार दर्पण में देखने की आदत और
अच्छा नहीं दिखने पर होने वाले तनाव से बचने के लिए यूएस में महिला
ब्लॉगर्स के एक ग्रुप ने लोगों को सलाह दी है कि वे खुद को दर्पण में
बार-बार ना देखें और अपने प्रतिबिंब से बचें। मिरर फास्टिंग नाम के इस
अभियान में कम्प्यूटर स्क्रीन और दुकानों में लगे शीशे पर भी अपनी परछाई
नहीं देखने की सलाह दी गई है।
न्यूयॉर्क की एक 36 वर्षीय स्वतंत्र लेखिका
ऑटम व्हाइटफील्ड-मैड्रानो ने बताया कि उन्हें बार-बार मिरर देखने की आदत
थी। वो बताती हैं कि मिरर देखने के दौरान वो अपने चेहरे को अलग-अलग अंदाज
में निहारती थीं जिससे कि अपने मुताबिक खूबसूरती निखार सकें और इस आदत से
वो तनाव का शिकार हो गईं। इसके बाद व्हाइटफील्ड-मैड्रानो ने अपना पहला मिरर
फास्ट मई 2011 में शुरू किया और करीब एक महीने तक दर्पण नहीं देखा। उन्हें
इससे बहुत फायदा हुआ। अब वो पहले से ज्यादा खुश रहती हैं और उनका
आत्मविश्वास भी बढ़ा है।
सैन
फ्रांसिस्को से स्नातक 29 वर्षीय ब्लॉगर जर्सटिन ग्रूज ने अपनी शादी से
पहले एक साल तक मिरर फास्ट किया। वो अपने ब्लॉग ‘मिरर मिरर...ऑफ द वॉल’ में
लिखती हैं कि उन्होंने अपने आत्म सम्मान और अपने लुक को अलग रखा। वो कहती
हैं कि यह खुद को खूबसूरत बनाए रखने का सबसे बढ़िया साधन है।
हाल
में ही किए गए एक रिसर्च से पता चला था कि ब्रिटिश महिलाएं एक दिन में
करीब 38 बार मिरर में खुद को निहारती हैं, वहीं पुरुष दिनभर में 18 बार। एक
अन्य सर्वे में पता चला कि ब्रिटेन की पांच में से एक लड़की अपने को मिरर
के सामने लाने से डरती है। 12-18 साल की उम्र की एक हजार लड़कियों के बीच
किए गए इस सर्वे से पता चला कि करीब दो तिहाई लड़कियां अपना वजन कम करना
चाहती है और 63 फीसदी लड़कियां दवाब में अपना लुक बदलना चाहती हैं और इसमें
मिरर का बहुत बड़ा रोल है।
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