उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित वाराणसी
और फैजाबाद के अदालत परिसरों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के आरोपी खालिद
मुजाहिद की मौत के बाद प्रदेश सरकार द्वारा दी गई मुआवजे की राशि को परिवार
द्वारा लौटाने के बाद खालिद अब अखिलेश सरकार के गले की फांस बनता नजर आ
रहा है।
लखनऊ
वाराणसी और फैजाबाद अदालत परिसरों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के आरोपी
खालिद मुजाहिद की 18 मई को फैजाबाद की अदालत में पेशी से लौटते वक्त रास्ते
में तबीयत खराब हो गई। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत
घोषित कर दिया। इस घटना से नाराज मुस्लिम संगठन प्रदेश सरकार के खिलाफ
सड़कों पर उतर आए और मुखर होकर प्रदेश सरकार का विरोध करने लगे।
प्रदेश सरकार को लोकसभा चुनाव
में जहां एक खास वर्ग के मुस्लिमों की नाराजगी का भय सता रहा है तो वहीं
विपक्षी दलों ने सरकार के इस निर्णय को मुस्लिम तुष्टीकरण की संज्ञा देकर
सीधा कटघरे में खड़ा कर दिया है।
प्रदेश
में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) को मुस्लिमों वोटों के छिटकने और
मिशन 2014 का डर सताने लगा और प्रदेश सरकार ने आनन-फानन में प्रदेश के
कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव को खलिद मुजाहिद के मड़ियाहूं स्थित घर पहुंच
कर परिजनों को 6 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया।
प्रदेश
सरकार को तब एक और धक्का लगा जब खालिद मुजाहिद के चाचा जहीर आलम फलाही ने
यह कहते हुए चेक लेने से इनकार कर दिया कि वह इस राशि को मंजूर करके
मुजाहिद की रूह को तकलीफ नहीं पहुंचाना चाहते हैं। इससे सात गुना पैसा तो
कोर्ट कचहरी में खर्च हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मुजाहिद और हकीम
तारिक कासमी की गिरफ्तारी की जांच के लिए गठित निमेष आयोग की रिपोर्ट
छिपाकर मुजाहिद के कत्ल का रास्ता साफ किया था।
खालिद
के चाचा ने कहा कि हमे न्याय मिले इसके लिए हमने मुआवजे की रकम ठुकराई है।
खालिद मुजाहिद की मौत के मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने
साहित अन्य मांगों को लेकर विधान भवन के सामने चल रहे धरने में खालिद के
चाचा के तेवर कुछ इसी तरह दिखे। असल में यह तेवर खालिद के चाचा के ही नहीं
कुछ खास मुस्लिम वर्ग के थे जो प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोशित नजर आ रहे
हैं।
अगले साल होने जा रहे आम चुनाव को देखते हुए प्रदेश सरकार किसी भी कीमत पर मुस्लिम वोटों को अपने से जुदा होने नहीं देना चाहती है।
वहीं
प्रदेश सरकार के फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने मुखर होकर विरोध किया है।
बीजेपी ने 2007 श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट के आरोपी की पुलिस हिरासत में हुई
मौत पर उसके परिवार को मुआवजा देने की सरकारी नीति के प्रयोग पर कड़ा
ऐतराज जताया है।
भाजपा
ने अखिलेश सरकार पर अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया है।
प्रदेश भाजपा ने इस मामले में राज्यपाल बीएल जोशी को ज्ञापन भी सौंपा है और
राज्यपाल से अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए सरकार के इस
निर्णय पर रोक लगाने की मांग की है।
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