धूप
से हर समय बच के रहना तो मुमकिन नहीं है। इसलिए हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता
रहे हैं जिनकी मदद से आप गर्मियों में धूप में रहने के बावजूद अपनी स्किन
की सुरक्षा कर सकेंगे।
स्किन
काली इसलिए पड़ती है क्योंकि ये धूप में होने वाले रेडिएशन से लड़ने के
लिए खुद को तैयार करती है। स्किन में मेलानिन नामक की कोई चीज बनती है जो
सन ब्लॉक का काम करती है और उससे स्किन भी काली पड़ जाती है। तो स्किन काली
पड़े तो टेंशन न लें।
काया
स्किन क्लिनिक की डर्मोटोलॉजिस्ट डॉ अपर्णा संथनम कहती हैं कि स्किन 6 तरह
की होती हैं। भारतीय स्किन 3 से 5वें टाइप के बीच में होती है। और ये ऐसी
होती हैं कि ये खुद को काली पड़ने से नहीं बचा सकती।
इसके बावजूद आप अपनी स्किन के कालेपन को थोड़ा कम करने के लिए कुछ उपाय जरूर अपना सकते हैं।
-घर से बाहर जाने से पहले खुद को हाइड्रेट करें। ढेर सारा पानी और जूस पीजिए।
-धूप
में जाने से आधे घंटे पहले सनस्क्रीन लोशन लगा लें। चूंकि हमारे देश का
वातावरण गर्म है और यहां उमस ज्यादा होती है इसलिए आपका सारा लोशन पसीने के
साथ बह जाएगा। इसलिए आधे घंटे पहले सनस्क्रीन लगाना बेहतर रहेगा।
- सनस्क्रीन लोशन को थोड़े अधिक मात्रा में ही लगाएं।
-घर से बाहर जाने से पहले कैप लगाना न भूलें। इसके साथ ही पूरी बांह के कोई भी सूती के कपड़े पहनें।
-धूप में जाने पर हमेशा किसी साए में खड़े रहें। कभी भी सूधे सूरज की किरणों में न खड़े हों।
-अगर आप काफी देर के लिए बाहर हैं तो हर तीन घंटे के अंतराल पर अपने सनस्क्रीन लोशन को लगाते रहें।
-धूप से जब आप वापस घर में आएं तो अपने चेहरे को अच्छी तरह से धोकर सनस्क्रीन लोशन फिर लगाएं।
-कभी भी ऐसे साबुन का इस्तेमाल न करें जिसमें हार्ड केमिकल्स हों।
-अगर सनस्क्रीन नहीं है तो किसी भी लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कुछ
दवाएं जैसे एंटीबायोटिक या फिर गर्भनिरोधक गोलियां आपकी स्किन को धूप में
काफी संवेदशील कर सकती हैं। अगर आप ऐसी दवाओं का सेवन कर रही हैं तो
सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल जरूर करें।
गौरतलब है कि बाजार में इस समय आपको तरह-तरह के सनस्क्रीन लोशन मिल जाएंगे। लेकिन आपके लिए कौन सा बेहतर रहेगा।
इस
सवाल के जवाब में डॉ. सतीश उदारे बताते हैं कि किसी भी सनस्क्रीन लोशन पर
जो नंबर लिखा होता है वो बताता है कि वो कितनी सुरक्षा दे सकता है। एसपीएफ 2
से 60 के बीच में होते हैं।
भारतीय
स्किन के लिए एसपीएफ 15 काफी होगा। ये आपको यूवी किरणों से 95 पर्सेंट
सुरक्षा देगा। तो इसका मतलब कि एसपीएफ की मात्रा जितनी ज्यादा होगी वो उतना
असरदार होगा।
नहीं,
ऐसा हमेशा नहीं होता। एसपीएफ 30 आपको 97 परसेंट तक की सुरक्षा देता है जो
कि पहले वाले से सिर्फ 2 परसेंट ज्यादा है। तो एसपीएफ के नंबर से उसके असर
का कोई लेना-देना नहीं। जितना अधिक एसपीएफ होगा वो उतना ही अधिक गाढ़ा और
मोटा होगा जोकि भारतीय स्किन के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
अगर
आपको ये देखना है कि आपकी स्किन के लिए कौन सा सनस्क्रीन ज्यादा अच्छा है
तो एसपीएफ वेल्यू के 15 से 30 के बीच के सनस्क्रीन आपके लिए सबसे बेहतर
होंगे। आपका सनस्क्रीन अगर यूबीए और यूबीवी किरणों वाला हो तो सबसे अच्छा
है।
अगर
आप अपने टैन स्किन को साफ करना चाहती हैं तो इसके लिए आप पार्लर भी जा
सकती हैं। लेकिन यहां पर केमिकल ब्लीच के लिए आपको कभी नहीं कहा जाएगा। एक
तो ये स्किन के लिए नुकसानदायक होती है और दूसरे कुछ समय के लिए ही होती
है।
अगर
फिर भा आपको ब्लीच करना है तो बेहतर है आप मूंगफली, बादाम या फिर खीरे का
फेस पैक इस्तेमाल करें। लेकिन ये भी सिर्फ कुछ समय तक के लिए ही होते हैं।
इसके अलावा आप माइक्रोडर्माब्रेशियन विधि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें।
घरेलू उपाय
यहां पर कुछ घरेलू उपाय दिए जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपनी स्किन के कालेपन से निजात पा सकते हैं।
- चंदन का पेस्ट ठंडा होता है और इससे रंग भी साफ होता है।
- आलू के छिलके में एंटीक्सीडेंट होता है जो स्किन को गोरा बनाता है।
- खीरे से भी कालेपन को कुछ हद तक दूर किया जा सकता है।
- बादाम और चंदन के पेस्ट भी इसमें कारगर साबित हो सकते हैं।
इन
सबके अलावा अगर अच्छा खाएं जैसे कि अच्छा खाना, अनार, गाजर तो भी स्किन पर
काफी प्रभाव पड़ता है। सुबह 10 से लेकर शाम 4 बजे तक धूप से बचें। दो साल
से बड़े बच्चों पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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