स्पॉट फिक्सिंग के चलते विवादों में घिरे
आईपीएल को एक तगड़ा झटका लगा है। आईपीएल की कुल नौ टीमों में से एक टीम
पुणे वॉरियर्स इंडिया ने इस टूर्नामेंट से नाता तोड़ लिया है। पुणे
वॉरियर्स इंडिया सहारा ग्रुप की टीम है।
बताया
जाता है कि टीम ने तय समय सीमा के भीतर फ्रेंचाइजी फीस नहीं चुकाई और
आईपीएल से बाहर होने का फैसला कर लिया। सहारा ने टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप
भी छोड़ दी है। ये स्पॉन्सरशिप दिसंबर 2013 तक है और सहारा ने ऐलान किया
है कि वो इसे आगे जारी नहीं रखेगा।
सहारा
ग्रुप ने साल 2010 में 1700 करोड़ में पुणे वॉरियर्स को खरीदा था। 94 की
बजाय 64 मैच कराए जाने और ऑक्शन में अहम खिलाड़ी मुहैया नहीं कराए जाने के
आरोप में सहारा ने बीते साल आईपीएल और टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप से हटने
का फैसला किया। इस बीच दोनों के बीच सुलह हो गई और पुणे वॉरियर्स की टीम
आईपीएल में बनी रही। पुणे वॉरियर्स ने आईपीएल और साल के अंत में
स्पॉन्सरशिप छोड़ने की वजह बताते हुए एक प्रेस रीलीज जारी की है।
टीम
के मुताबिक बीसीसीआई ने 94 मैचों के एवज में हमसे इतनी बड़ी फीस ली थी
लेकिन हमारे लिए सिर्फ 64 मैच ही करवाए गए। हमने फरवरी 2012 में आईपीएल
छोड़ने का फैसला लिया, बीसीसीआई ने हमसे बातचीत की और हमें कहा कि हमारी
मांगों पर विचार के लिए मध्यस्थता करवाई जाएगी। हमने सुप्रीम कोर्ट के
पूर्व चीफ जस्टिस का नाम सुझाया लेकिन बिना वजह बताए हमारी वो मांग खारिज
कर दी गई। इस बीच, दो बार हमने बीसीसीआई से इस मामले पर दोबारा गौर करने को
कहा, लेकिन कोई असर नहीं पड़ा।
टीम
के मुताबिक जब राजीव शुक्ला ने हमें दिया हुआ भरोसा तोड़ा तो हमने आईपीएल
से नाता तोड़ने का फैसला कर लिया। लेकिन हम खिलाड़ियों और टीम से जुड़े
दूसरे लोगों को ये भरोसा दिलाना चाहते हैं उनकी फीस और दूसरे पैसे बाकायदा
दिए जाएंगे, किसी भी सूरत में उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। अब हम किसी भी
सूरत में आईपीएल में वापस नहीं लौटेंगे, भले ही अब हमारी पूरी फीस माफ ही
क्यों न कर दी जाए। हम टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप भी छोड़ रहे हैं लेकिन
भारतीय क्रिकेट की भलाई के लिए हम दिसंबर 2013 तक टीम से जुड़े रहेंगे।
No comments:
Post a Comment