यूपीए सरकार आज अपनी दूसरी पारी के चार साल
पूरे कर कर रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री निवास पर आयोजित एक समारोह
में सरकार की तरफ से एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड में
सरकार के चार सालों के काम-काज का लेखा-जोखा होगा। इस आयोजन में सरकार को
बाहर से समर्थन दे रहीं समाजवादी पार्टी और बीएसपी के शामिल होने को लेकर
काफी कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक़ इन दलों को आयोजन में
शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है।
पहले
कोयला घोटाला जांच मामले में दख़लअंदाज़ी का आरोप, फिर रेल घूसकांड, एक के
बाद एक सामने आए घोटालों से सरकार की ख़राब होती छवि के बीच प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह आज यूपीए-2 सरकार का आखिरी रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे। सरकार के
चार साल पूरे करने के मौके पर शाम 7.30 बजे प्रधानमंत्री निवास पर मुख्य
समारोह शुरू होगा। सबसे पहले सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा।
इस
मौक़े पर प्रधानमंत्री और सोनिया के अलावा शरद पवार, अजित सिंह और फ़ारूक
अब्दुल्ला जैसे सहयोगी दलों के नेता भी मौजूद रहेंगे। रिपोर्ट कार्ड पेश
होने के बाद रात्रिभोज होगा। हाल ही में अश्विनी कुमार और पवन बंसल के
इस्तीफ़े के सवाल पर प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी के बीच मतभेद की ख़बरें
आई थीं। ऐसे में दोनों नेताओं की मौजूदगी ये दिखाने की कोशिश करेगी कि
सरकार में सबकुछ ठीक ठाक है। वैसे पिछले चार सालों में महंगाई और
भ्रष्टाचार जैसे मोर्चों पर यूपीए सरकार फिसड्डी ही साबित हुई है। जाहिर
है, सरकार पिछले नौ सालों की उपलब्धियां गिनाने में जुट गई है।
सूचना
एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी का कहना है कि किसी भी सरकार के कार्यकाल
को एक बड़े परिपेक्ष में देखने की ज़रुरत है | हम यह नहीं कहते खामियां नहीं
रही होंगी लेकिन अगर इसे एक व्यापक परिपेक्ष्य में देखा तो यह साफ़ दिखता है
कि देश उन्नति के रास्ते पर ही चला है और 2004 से बहुत बेहतर हुए हैं
हालात।
अपने
आख़िरी रिपोर्ट कार्ड में सरकार अपनी कई उपलब्धियों का बखान करेगी। इसमें
नकद सहायता योजना और रिटेल में एफडीआई जैसे फैसलों को प्रमुखता से शामिल
किया जाएगा। लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण
विधेयक को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई जाएगी।
इस बीच, राजनीतिक गलियारों में सबसे ज्यादा दिलचस्पी आयोजन में शिरकत करने वाले नेताओं को लेकर है।
मुलायम सिंह यादव, मायावती, लालू और राम विलास पासवान जैसे नेताओं को समारोह का निमंत्रण भेजा गया है।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक चुनावी गणित को ध्यान में रखते हुए मायावती और मुलायम सिंह भोज में शामिल नहीं होंगे।
उधर,
विरोधी दलों ने यूपीए सरकार के चार साल के शासन को भ्रष्ट और नकारा क़रार
दिया है। बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर सवाल उठाते हैं कि यूपीए सरकार
क्या बताएगी कि उन्होनें क्या किया नौ साल में। महंगाई और भ्रष्टाचार उनकी
पहचान बन गई है। मजदूर और किसान दोनों परेशान हैं। ये एक दिवालियेपन की
सरकार है। यह तो फेल कार्ड है।
बहरहाल,
अपनी छवि सुधारने के लिए सरकार ने हाल ही में ' भारत की कहानी ' नाम से
विज्ञापन अभियान छेड़ा है। लेकिन ये लोगों को कितना रास आएगा, इसका बानगी
चुनावों में देखने को मिलेगी।
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