Tuesday, January 1, 2013

SHO बोला, नहीं दर्ज करूंगा एफआईआर, पैसे ले चुका हूं!

दिल्ली में हुए गैंगरेप के खिलाफ देश में आक्रोश है। लेकिन फिर भी महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध रुक नहीं रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सिरफिरे ने एक लड़की को जिंदा जला दिया। 90 फीसदी जल चुकी लड़की जिंदगी और मौत से जूझ रही है। एक बार फिर इस मामले में पुलिस का रवैया डराने वाला है।
आरोप है कि 31 दिसंबर की रात को पड़ोस में रहने वाले अर्जुन नाम के एक दबंग युवक ने इस पर मिट्टी का तेल छिड़ककर इसे जला दिया। गनीमत ये थी कि इस बेटी का पिता घर के बाहर ही बैठा आग सेंक रहा था। बेटी की चीख सुनकर वो तेजी से अंदर आया। आग बुझाने की कोशिश में इस पिता के हाथ भी जल गए। लेकिन जब तक वो अपनी बेटी को बचा पाता वो बुरी तरह से जल चुकी थी। फिलहाल ये बेटी अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। 
 दरअसल पिता ने छेड़छाड़ से तंग आकर अपनी बेटी का स्कूल तक छुड़वा दिया। लेकिन आरोपी युवक का मन इस कदर बढ़ा हुआ था कि उसने घर में घुसकर खौफनाक वारदात को अंजाम दे दिया। असल में इस पूरे मामले में पुलिस की पूरी कार्यप्रणाली कठघरे में है। इस बच्ची के परिवार के मुताबिक उनके पड़ोस में रहने वाला अर्जुन पिछले एक साल से उनकी बेटी को परेशान कर रहा था। कई बार वो पुलिस के पास गए। 2012 के अगस्त महीने में रिपोर्ट भी दर्ज हुई। लेकिन पुलिस ने कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। वारदात के बाद भी पुलिस का ये रवैया कायम है। आईबीएन7 ने जब इस बाबत हाथरस के थाना सासनी के प्रभारी से बात करने की कोशिश की तो उनका तरीका अजीबोगरीब था। 
सवाल- क्या FIR हो गई है?
जवाब- यार होगी भी नहीं, हंसते हुए अभी यार आधा पैसा ले तो लिया अभी और लेगा पैसा, ‘फिर हंसते हुए थाना प्रभारी फोन पर बात करते हैं और बड़ी शान से कहते हैं कि अभी कोई तहरीर नहीं आई है और न ही कोई मुकद्दमा लिखा जाएगा सही बात मैं तुम्हें बता दूं’।
उत्तर प्रदेश की पुलिस का ये भी चेहरा है। जहां ऐसे जघन्य अपराध का मुकदमा लिखा पाना एक बड़ी बात है। थानाअध्यक्ष की हंसी इसी की गवाही है। लेकिन प्रदेश की एडीजी गिरफ्तारी की ताल ठोक रहे हैं। लेकिन आखिर कैसे होगी गिरफ्तारी जब स्थानीय पुलिस की ऐसी मंशा ही नजर नहीं आ रही है। आखिर कैसे मिलेगा हाथरस की इस बेटी को इंसाफ जिसकी जिंदगी मौत की मोहताज बन चुकी है।

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