Wednesday, January 23, 2013

ऑटोरिक्शा ड्राइवर की बेटी ने किया सीए परीक्षा में टॉप

मुंबई के चॉल में रहने वाली एक लड़की चार्टर्ड एकाउंटेंसी (सीए) की अखिल भारतीय परीक्षा में अव्वल रही है। लड़की ने ऑटो रिक्शा चलाने वाले अपने तमिल माता-पिता का सिर गौरव से ऊंचा कर दिया है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद से उत्तरी मुंबई के मलाड क्षेत्र के चॉल में रहने वाली प्रेमा जयकुमार और उसके परिवार को जानने वालों के फोन आ रहे हैं और देसी-विदेशी कंपनियां भी फोन कर रही हैं।
परीक्षा परिणाम 21 जनवरी को प्रकाशित हुआ। 24 वर्षीय प्रेमा का भाई 22 वर्षीय धनराज जयकुमार भी सीए की परीक्षा पास कर गया है। दोनों का परिवार एक 300 वर्ग फुट के भीड़भाड़ वाले इलाके में रहता है। प्रेमा ने घर पर एकत्र संवाददाताओं से कहा कि उसके पिता जयकुमार पेरुमल महीने में 15 हजार रुपये कमाते हैं, जिससे कठिनाई से गुजर बसर होता है। पेरुमल यहां तमिलनाडु से आए थे।

कुछ वर्षो से प्रेमा की मां लिंगम्मल भी परिवार का खर्च उठाने के लिए एक निजी कम्पनील में नौकरी कर रही है। प्रेमा ने रुआंसी मां का हाथ थामते हुए कहा कि लेकिन मेरे माता-पिता ने पैसे के कारण कभी हमें पढ़ने से नहीं रोका। जब हम आर्टिकलशिप करने लगे और 12 हजार रुपये प्रति माह कमाने लगे, तो मां ने काम करना बंद कर दिया।
प्रेमा ने कहा कि अब मैं चाहती हूं कि मेरे पिता आराम करें। उसने बताया कि वह और उसका भाई जल्द ही नौकरी शुरू कर परिवार का खर्च उठाना चाहते हैं। प्रेमा पहले से पढ़ने में मेधावी रही हैं और उन्हें स्कूल और कॉलेज में छात्रवृत्ति मिलती रही है, जिससे उसकी पढ़ाई के खर्च के कुछ हिस्से की भरपाई हो जाती थी।
बाद में सीए कोचिंग संस्थान में भी उसे 40 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिली। छोटे भाई धनराज ने भी एक कॉल सेंटर में काम कर पैसे की कमी पूरी की। प्रेरणा 2008 में मुम्बई विश्वविद्यालय में बी.कॉम परीक्षा मं दूसरे स्थान पर रही। परास्नातक परीक्षा में भी उसने काफी अच्छा प्रदर्शन किया।
नवम्बर 2012 में दोनों सीए की अंतिम परीक्षा में बैठे। प्रेमा ने जहां इतिहास रच दिया, वहीं उससे मार्गदर्शन पा रहे धनराज ने भी कठिन परीक्षा पहली ही बार में उत्तीर्ण कर ली।

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