व्यवस्था परिवर्तन के अभियान के साथ अन्ना
ने बुधवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में जनतंत्र रैली की। हालांकि
इस रैली में दावे के मुताबिक भीड़ नहीं जुट सकी। लेकिन अन्ना ने कहा कि जन
लोकपाल और राइट टू रिजेक्ट की लड़ाई और तेज की जाएगी।
दरअसल
बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में बुधवार को अन्ना हजारे
ने परिवर्तन का बिगुल फूंका। इस जनतंत्र रैली में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल
वी के सिह और किरण बेदी समेत कई जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
अन्ना हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये जनलोकपाल कानून
जरूरी है। साथ ही संसद और विधानसभाओं में अपराधियों को जाने से रोकने के
लिए जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार यानी राइट टू रिजेक्ट होना
चाहिए।
अन्ना हजारे के समर्थकों ने इस रैली में एक लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद
जताई थी। लेकिन ऐसी भारी भीड़ नहीं जुट पाई। फिर भी जो लोग भी पहुंचे,
उनमें काफी उत्साह था। अन्ना के साथियों ने भी लोगों को ललकारने में कोई
कसर नहीं छोड़ी। उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अन्ना के
मुद्दों का पूरा समर्थन किया है।
1974 में जयप्रकाश नारायण ने इसी मैदान से संपूर्ण क्रांति का बिगुल फूंका
था। उसके बाद देश की हवा बदल गई थी। बिहार पहुंचे अन्ना को लेकर भी भारी
उत्सुकता दिखी। लेकिन जनतंत्र रैली ने कोई बड़ी उम्मीद नहीं जगाई। कम से कम
भीड़ को पैमाना मानने वाले जानकारों का तो यही कहना है।
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