Saturday, January 19, 2013

गैंगरेप के बाद दिल्‍ली में 15 दिन में 45 बलात्‍कार

16 दिसंबर को दिल्‍ली गैंगरेप की वारदात हुई और 17 को पुलिस ने पहले से ज्‍यादा मुस्‍तैद होने का दावा किया। तमाम दावे खोखले साबित हुए जब दिल्‍ली का क्राइम ग्राफ सामने आया। हैरान करने वाली बात यह है कि 17 से 31 दिसंबर के बीच दिल्‍ली में बलात्‍कार की 45 वारदातें हुईं। अगर पूरे साल को देखें तो अपराध के ग्राफ में 1.75 फीसदी बढ़ोत्‍तरी हुई है, जबकि बलात्‍कार में 23.43 फीसदी वृद्धि हुई है। यह आंकड़े सिर्फ दिल्‍ली पुलिस के लिये नहीं बल्कि सभी उन लोगों के लिये शर्मनाक हैं, जो दिल्‍ली में रहते हैं। एक समय था जब राजधानी में छिनैती की वारदातें सबसे ज्‍यादा होती थीं। लेकिन 2012 में इस अपराध में गिरावट दर्ज हुई। साथ ही वाहन चोरियां भी कम हुईं। राजधानी में 2011 में कुल 54,287 क्रिमिनल केस दर्ज हुए, जबकि 2010 में यह संख्‍या 53,353 थी। वहीं 2010 में 51,292 और 2009 में 50,251 और 2008 में 49,350। यानी अपराध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अगर हत्‍या की बात करें तो उसमें भी 4 फीसदी की कमी दर्ज हुई है।
अगर बढ़े हैं तो वो हैं बलात्‍कार के मामले। 23 फीसदी वृद्धि होना वाकई में शर्मनाक बात है। दिल्‍ली पुलिस कमिश्‍नर नीरज कुमार कहते हैं कि दिल्‍ली रेप केस कानून के इतिहास में एक टर्निंग प्‍वाइंट होगा। अब दिल्‍ली में अपराध के गिरने का टर्निंग प्‍वाइंट कब आयेगा, शायद वो यह नहीं जानते। देखा जाये तो पुलिस सिर्फ ट्रैफिक व्‍यवस्‍था और चोरी-चाकारी के बीच उलझी हुई है। महिलाओं की सुरक्षा के लिये कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाये गये हैं।


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