उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक ऐसा गांव है
जहां बच्चे सांपों से खेलते हैं, यही नहीं उन्हें वह अपना मित्र मानते
हैं। कुशीनगर के पडरौना विकास खंड में स्थित इस गांव में शिव और दुर्गा जी
का मंदिर है। सखवनिया के नाम से प्रसिद्ध इस गांव की आबादी बीचोंबीच स्थित
है एक तरफ वाडी नाला है तो दूसरी ओर जंगल झाड़ी है। यहां स्थित झाड़ियों से
पटे मंदिरो के पीछे अजगरों का बसेरा है। इन्हें जहां धार्मिक महत्ता से
जोड़कर ग्रामीण देखते हैं वहीं यहां के बच्चे सांपों के साथ खेलते हैं।
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फीट ऊंचे टीले स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर जो इलाके के लिए आस्था का
केंद्र है तो यहां बसने वाले सांपों भी श्रद्धा का केंद्र हैं। तभी तो इन
सांपों को कोई मारता नहीं है बल्कि सिर झुकाता है। सैकड़ों की संख्या मे
मौजूद अजगर सांपों को पुरातन धार्मिक मान्यताओं से जोड़कर लोग देखते है।
स्थानीय
ग्रामीण विंध्याचल प्रसाद, नंददेव गुप्ता, केदार चौधरी बताते हैं कि ये
सांप किसी जीव-जंतु को नुकसान नहीं पहुंचाते, यहां तक किसी बच्चे को भी
क्षति नहीं करते हैं। उनका मानना है कि हम सभी लोग सालों से ऐसा होते देख
रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप यह जानकार अचरज में पड़ जाएंगे कि यहां बच्चे
इन सांपों से खेलते हैं। टीले पर पहुंचे बच्चों को देखकर सांप भागते नहीं
मानो उनको आमंत्रण देते हैं। बच्चे भी डरते नहीं वरन उनको हाथ में उठाकर
दुलारते और उनसे खेलते हैं।
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