केंद्रीय गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे की
'हिंदू आतंकवाद' और 'भगवा आतंकवाद' जैसी टिप्पणी से नाराज भारतीय जनता
पार्टी (बीजेपी) ने गुरुवार को चेतावनी दी कि यदि शिंदे को पद से नहीं
हटाया गया तो वह संसद का बजट सत्र नहीं चलने देगी, वहीं कांग्रेस ने बीजेपी
के प्रदर्शनों को पार्टी की अंदरूनी समस्याओं से लोगों का ध्यान बंटाने का
प्रयास बताया।
शिंदे
के बयान के विरोध में बीजेपी ने गुरुवार को दिल्ली सहित कई राज्यों में
प्रदर्शन किया और पुतले फूंके। दिल्ली में कांग्रेस कार्यालय के सामने
पुतला फूंकने के प्रयास के दौरान पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पानी की
बौछार की। यहां के जंतर मंतर पर बीजेपी की विरोध रैली में पार्टी के नए
अध्यक्ष राजनाथ सिंह और लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा
कि शिंदे के बयान पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को माफी मांगनी चाहिए।
राजनाथ ने कहा कि इस मुद्दे पर जब तक
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नहीं बोलेंगी, तब तक प्रधानमंत्री कोई कदम
नहीं उठाएंगे। उनमें यह साहस नहीं है कि शिंदे को हटाएं। उन्होंने कहा कि
बीजेपी संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर लड़ेगी।
बीजेपी
अध्यक्ष ने सवाल किया कि सोनिया जी, शिंदे की टिप्पणी पर आपकी क्या राय
है? यदि आप मनमोहन जी को यह निर्देश नहीं देती हैं कि वह शिंदे जी को हटाएं
तो मैं आपसे कहना चाहता हूं कि संसद के दोनों सदनों में ऐसे हालात पैदा हो
जाएंगे कि मनमोहन जी को बाध्य होकर शिंदे जी को हटाना होगा। धरती की कोई
ताकत हंगामे को रोक नहीं पाएगी। गौरतलब है कि संसद का बजट सत्र फरवरी के
मध्य में शुरू होने की संभावना है।
राजनाथ
ने कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री से कुछ बोलने की अपेक्षा नहीं रखती है
क्योंकि वह प्रतिक्रिया देने में काफी देर लगाते हैं, इसलिए सोनिया गांधी
प्रतिक्रिया दें। वहीं, सुषमा स्वराज ने शिंदे को अपनी सीमाएं न लांघने की
हिदायत देते हुए कहा कि कांग्रेस को लाभ पहुंचाने या बीजेपी को नुकसान
पहुंचाने की हद तक राजनीति की जा सकती है, लेकिन इसे उस स्तर पर नहीं ले
जाया जा सकता, जहां इससे राष्ट्रीय हित प्रभावित हों।
उन्होंने
कहा कि सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए और शिंदे को बाहर का
रास्ता दिखाना चाहिए। सुषमा ने शिंदे के संबंध में कहा कि आपने ऐसे समय में
राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचाई है, जब पाकिस्तान की ओर से हमारे सैनिकों
के सिर कलम किए गए हैं। आप पाकिस्तान पर हमला नहीं कर रहे हैं बल्कि मुख्य
विपक्षी दल पर हमला कर रहे हैं।
उन्होंने
कहा कि आप दुनिया से क्या कहना चाहते हैं? क्या आप कहना चाहते हैं कि
पाकिस्तान में आतंकवादी शिविर हो सकते हैं लेकिन यहां मुख्य विपक्षी दल
आतंकवादी शिविर चला रहा है! क्या आप कहना चाहते हैं कि आतंकवादी संसद में
बैठे हैं? लोकसभा में विपक्ष की नेता एक आतंकवादी संगठन चला रही हैं?
गौरतलब
है कि शिंदे ने जयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर के दौरान रविवार को कहा
था कि बीजेपी हो या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) उनके प्रशिक्षण
शिविर हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता
रेणुका चौधरी ने कहा कि बीजेपी का देशव्यापी प्रदर्शन लोगों का ध्यान
पार्टी की अंदरूनी समस्याओं से हटाने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि
बीजेपी को आंदोलन करने के बजाय कांग्रेस के साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ना
चाहिए।
वहीं,
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि केंद्रीय
गृह मंत्री ने जो बयान दिया उसमें कुछ भी गलत नहीं है। इस मुद्दे पर बीजेपी
का विरोध प्रदर्शन अनुचित है। नारायणसामी ने संवाददाताओं से कहा कि जो लोग
मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट की घटनाओं के सिलसिले में
गिरफ्तार हुए वे हिंदू कट्टरपंथी संगठनों के सदस्य हैं और गृह मंत्री ने
उसी संदर्भ में यह बात कही थी। उनके बयान के किसी भी हिस्से में मुझे कोई
आपत्तिजनक बात नहीं लगती।
उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद आतंकवाद है, उसका संबंध चाहे हिंदू कट्टरपंथ से हो या मुस्लिम कट्टरपंथ से, वह निंदनीय है।
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