फिल्म ‘विश्वरूपम’ पर विवाद जारी है। सेंसर
बोर्ड से फिल्म को हरी झंडी मिलने के बाद जिस तरह तमिलनाडु में फिल्म की
रिलीज रुकी है उससे सूचना और प्रसारण मंत्रालय खासा खफा है। सूत्रों के
हवाले से खबर मिल रही है कि सरकार सिनेमेटोग्राफिक कानून में संशोधन के लिए
एक कमेटी बनाने पर विचार कर रही है।
इस
संशोधन में ऐसा प्रावधान रखा जाएगा जिससे ऐसे किसी विवाद की हालत में
राज्य सरकार को केंद्र सरकार की इस कमेटी में अपील करने का अधिकार मिले।
सूत्रों के मुताबिक संशोधन में ये प्रावधान इसलिए रखा जा रहा है जिससे
सेंसर बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकार किसी फिल्म पर सीधे-सीधे
हस्तक्षेप न कर सके।
सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने ट्विटर पर एक बयान दिया था। मनीष
तिवारी के मुताबिक सेंसर बोर्ड की साख बनाए रखने के लिए सिनेमेटोग्राफिक
कानून की समीक्षा की जरूरत है, वरना हर राज्य के पास अपनी सेंसरशिप होगी।
जानकारों
का कहना है कि इससे केंद्र और तमिलनाडु सरकार में कोई टकराव नहीं होने
वाली है। विश्वरूपम पर तमिलनाडु की सरकार ने रोक लगाई है। सरकार ने
सीआरपीसी की धारा 144 के तहत रोक लगाई है जो कि कानून व्यवस्था से जुड़़ा
मामला है। इसका सिनेमेटोग्राफिक कानून से कोई तालमेल नहीं है।
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