प्रयाग में चल रहे महाकुंभ मेले में तरह-तरह के रंग देखने को मिल रहे
हैं। करोड़ो श्रद्धालुओं का जनसैलाब प्रयागराज आ रहा है। एक तरफ जहां
सुरक्षा इंतजाम के लिये केंद्रीय व राज्य पुलिस बल के हजारों सिपाही तैनात
हैं, वहीं 696 लोग ऐसे हैं, जो मच्छर-मक्खियों से जंग लड़ रहे हैं।
इन्हें सिपाही की संज्ञा देने में कोई हर्ज नहीं, क्योंकि मेले में
साफ-सफाई के लिये ये युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं।
नहीं। लाखो-करोड़ों की संख्या में लोग मेले में आ रहे है ऐसे में कुंभ
परिसर की साफ़ सफाई सबसे बड़ी चुनौती बनती है। इसके अलावा मेले को मक्खी-
मच्छर विहीन बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है। इलाहबाद के कमिश्नर देवेश
चतुर्वेदी समेत कई बड़े अधिकारियों के अथक प्रयासों से मेले में सफाई की
व्यवस्था देखते ही बनती है।
मेले में आ रहे श्रद्धालुओ को किसी तरह की दिक्कत और गंदगी का सामना न
करना पड़े इसके लिए स्वास्थय विभाग ने कई तरह के उपाय कर रखे है। कुंभ मेले
में तैनात अपर स्वास्थय निदेशक रमेश श्रीवास्तव, डा. सुरेश द्विवेदी, डा.
अरुण, डा. आनंद सिंह, डा. श्रीकांत ओझा ने बताया कि कुंभ मेले के दौरान
सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्वास्थ्य महकमें ने मेले में सफाई पर
जो जोर दिया है उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरे मेले को
प्रशासन ने 22 सैनिटेशन सर्किल और स्वास्थ महकमे ने मेले के 14 सेक्टरो को
22 सर्किल में बांटा है और प्रत्येक सर्किल में इंस्पेक्टरों की भी तैनाती
की गयी है, जिनके अंतर्गत मेट (सफाईकर्मी) आते है।
स्वाथ्य महकमे ने सफाई के लिए सफईकर्मियों के गैंग्स भी बना रखे है जिसके
मुखिया को "मेट" की संज्ञा दी है और प्रत्येक गैंग में 12 सदस्य होते है।
इलाहबाद के कमिश्नर श्री देवेश चतुर्वेदी ने मेले को साफ़ सुथरा बनाए रखने
के लिए हर संभव तैयारी कर रखी है। मेले में अब तक सफाईकर्मियों के 58
गैंग्स तैनात किए जा चुके हैं। जिससे पता चलता है कि मेले में सफाईकर्मियों
की संख्या 696 है।
स्वास्थय विभाग ने सफाईकर्मी के मुखिया को "मेट" और उन सफाईकर्मियों के
भोजन की व्यवस्था करने वालो को "मिठाईन" नाम दिया है और सफाईकर्मियों को
"रेजा" का नाम दिया गया है । मेला प्रशासन ने सफाईकर्मियों को जो निर्देश
दिया है उसके अनुसार रोजाना सुबह 6बजे से 11 और दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे
तक सफाई पर ज्यादा जोर देने के लिए कहा गया है।
सफाई का जोर इस कदर हावी है कि स्वास्थ महकमा रोजाना मीटिंग कर इस पर विशेष
नज़र रखे हुए है। मेले में हज़ारो सफाईकर्मी तो है ही साथ ही कई तरह के
केमिकल छिडकाव के लिए भी टीमे तैनात की गयी है। अकेले डीडीटी के छिड़काव के
लिए 1 टीमे तैनात की गयी है। और जहाँ पानी जमा है वहा एंटी-लारवा स्प्रे के
जरिये जीवाणुओ को नष्ट किया जा रहा है। फागिंग (पल्स फाग) भी रोजाना
समयानुसार की जा रही है । इसके अलावा 9 हाई प्रेशर मशीने जिससे पैरिथ्रम,
मैलिथिओन, डीडीवीपी और मैलिथिओन टेक्नीकल जैसे केमिकलो का सुबह और रात को
छिड़काव कर बीमारी पैदा करने वाले विशाणुओ को नष्ट किया जा रहा है।
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