अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी
क्लिंटन ने बुधवार को सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी के सामने दी गई एक गवाही
में लीबिया के बेंघाजी में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के बाद
अमेरिका की प्रतिक्रिया का बचाव किया। समाचार एजेंसी ईएफई के मुताबिक विदेश
मंत्री ने कानून निर्माताओं से कहा कि बेंघाजी की घटना ऐसे ही नहीं हो गई।
अरब क्रांति ने सत्ता समीकरण को उलट-पुलट कर दिया है और पूरे क्षेत्र में
सुरक्षा बलों को तहस-नहस कर दिया है।
वाणिज्य
दूतावास पर हुए हमले में अमेरिका के चार अधिकारी मारे गए थे, जिसमें
राजदूत क्रिस स्टीवेंस भी शामिल थे। क्लिंटन ने बुधवार को कहा कि मैंने
पहले भी कई बार कहा है कि मैं इस घटना की जिम्मेदारी लेती हूं और इसे ठीक
करने के लिए कोई और अधिक प्रतिबद्ध नहीं है। यह हमला किस तरह का था, इसे
लेकर सरकारी बयान में बार-बार बदलाव आ रहा है। कुछ अधिकारियों ने शुरू में
कहा था कि एक मुस्लिम विरोधी वीडियो से उपजे आक्रोश के बाद यह हमला हुआ था।
क्लिंटन ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति
बराक ओबामा ने बेंघाजी में हुई मौतों के दूसरे ही दिन इस घटना को एक
'आतंकवादी घटना' बताया था। क्लिंटन ने यह भी कहा कि शुरू में हमलावरों की
पहचान के बारे में विश्वसनीय जानकारी का अभाव था। उन्होंने सीनेट की समिति
से कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि हमला सोच-समझ कर अवसर को देखते हुए किया
गया था, लेकिन इसके पहले बहुत अधिक योजना नहीं बनाई गई थी।
क्लिंटन
ने कहा कि हमले के बाद फैसला लेने में देरी नहीं की गई, अमेरिका या हमारी
सेना द्वारा सहयोग करने में कोई कोताही नहीं की गई। हमले के बाद क्लिंटन ने
एक स्वतंत्र जांच का आदेश दिया था, जिसमें 29 सुझाव सामने आए थे, जिसका
उपयोग विदेश विभाग के कार्यबल ने 64 'स्पेसिफिक एक्शन आइटम्स' निर्धारित
करने में किया था। क्लिंटन ने कहा कि इन कार्रवाइयों में से 85 फीसदी पर
काम मार्च अंत तक पूरा हो जाएगा। क्लिंटन अगले कुछ दिनों में वह विदेश
मंत्री पद छोड़ देंगी। उम्मीद की जा रही है कि उनके बाद विदेश मंत्री बनने
वाले ओबामा के उम्मीदवार सीनेटर जॉन केरी को सीनेट का आसानी से समर्थन मिल
जाएगा।
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