27 जनवरी को महाकुंभ में दूसरा बड़ा स्नान है। इस दिन एक बार फिर
करोड़ों लोग गंगा नदी में डुबकियां लगायेंगे और एक बार फिर प्रयाग से थोड़ी
ही दूर पर स्थित नदी में की गई बैरीकेडिंग में हजारों कुंटल फूल और पूजन
सामग्री इकठ्ठा होगी। ऐसा नहीं हो, इसके लिये कुंभ मेला प्रशासन ने
श्रद्धालुओं से अपील की है कि वो गंगा नदी में फूल, पूजन सामग्री,
मूर्तियां आदि विसर्जित नहीं करें।
कुंभ के स्नान के लिए कुम्भ मेला प्रशासन की तैयारियां पूरी हैं और
मंडलायुक्त श्री देवेश चतुर्वेदी ने सभी विभागों की तैयारियों पर संतोष
जताते हुए यह उम्मीद की है कि जनसहयोग से मेला प्रशासन को 14 जनवरी के
स्नान में जो कामयाबी मिली थी इस स्नान पर भी वह दोहराई जायेगी। उन्होंने
सहयोगी अधिकारियों से आगामी स्नान को भी सफल बनाने के लिए समर्पित तथा
निष्ठा भाव से कार्य करने की अपेक्षा जताते हुए एक आधिकारिक वक्तव्य में
कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखने में कोई कोर कसर न छोड़ी
जाए।
मंडलायुक्त ने कल्पवासियों, स्नानार्थियों और तीर्थयात्रियों के साथ
ही मेले में आये व्यवसायिओं से भी अपील की है कि गंगा माँ को प्रदूषण से
बचाने के लिए अपने अपने स्तर पर प्रयास करें, सचेत रहे और कहीं भी गंगा
प्रदुषण किये जाने की सूचना अधिकारियों को दें। उन्होंने ख़ास तौर से
पालीथीन के प्रयोग पर प्रतिबन्ध का ज़िक्र करते हुए कहा है कि गंगाजी में
फूल, पूजा सामग्री तथा टूटी मूर्तियाँ इस दौरान न डालें। श्री चतुर्वेदी ने
कहा कि गंगाजी में नहाते समय साबुन का प्रयोग न किया जाए और कपडे न धोये
जाएं। गंगा माँ की शुचिता और निर्मलता की रक्षा भी एक पुनीत कार्य है।
No comments:
Post a Comment