भारत में पकड़े गए आतंकी अबू जुंदाल ने
पूछताछ में मुंबई हमलों में हेडली की भूमिका पर मुहर लगा दी थी। भारतीय
जांच एजेंसियों को जुंदाल ने बताया कि डेविड कोलमेन हेडली लश्कर-ए-तैयबा का
आतंकी था। उसको लश्कर ने बाकायदा ट्रेनिंग भी दी थी। मुंबई हमले की
प्लानिंग के दौरान जुंदाल की हेडली से मुलाकात हुई थी। हेडली ने 18 मार्च,
2010 को अपने ऊपर लगाए सभी आरोप स्वीकार कर लिए थे तो क्या है हेडली का
पाकिस्तान के साथ कनेक्शन?
26
नवंबर को मुंबई में हुआ हमला तीन साल की साजिश का नतीजा था। अमेरिकी के
सरकारी वकीलों ने हेडली और राणा के खिलाफ शिकागो कोर्ट में चार्जशीट दायर
करते हुए इस बात का खुलासा किया था। चार्जशीट में कहा गया था कि ने 2005
में ही ये तय कर लिया था कि मुंबई पर हमला कैसे करना है। चार्जशीट के
मुताबिक लश्कर आकाओं ने साल 2005 के आखिर में हेडली और उसके एक साथी को कहा
था उन्हें भारत जाकर उन ठिकानों की तलाश करनी है जहां बड़ा हमला किया जा
सके।
पिछले साल 2012 के अक्टूबर महीने में
गिरफ्तार किए गए अमेरिकी नागरिक हेडली पर एफबीआई ने मुंबई हमले की साजिश
में शामिल रहने का भी आरोप लगाया था। हेडली के स्कूल के दिनों के साथी
तहाव्वुर राणा पर भी यही आरोप लगाए गए थे। चार्जशीट में खुलासा किया गया कि
लश्कर आकाओं से भारत जाने का आदेश मिलने के बाद हेडली ने 15 फरवरी 2006 को
अपना नाम बदल लिया। मकसद ये कि जब हेडली बदले हुए नाम के साथ भारत पहुंचे
तो इस अमेरिकी नागरिक को ना तो पाकिस्तानी माना जाए और ना ही मुस्लिम।
मार्च
2006 में पाकिस्तान में बैठै लश्कर आका और हेडली के दोस्त ने मिलकर ये
फॉर्मूला निकाला कि भारत में अपनी हरकतों को छिपाने के लिए मुंबई में एक
इमिग्रेशन ऑफिस खोला जा सकता है। इस काम में मदद के लिए हेडली ने राणा से
संपर्क साधा। चार्जशीट के मुताबिक जून 2006 में हेडली अपने दोस्त तहाव्वुर
राणा से मिलने खुद शिकागो गया। राणा से मुलाकात के दौरान हेडली ने भारत में
उन ठिकानों के बारे में जानकारी मांगी जहां पर हमला किया जा सकता है। साथ
ही हेडली ने राणा को इस बात के लिए तैयार कर लिया कि वो फर्स्ट वर्ल्ड
इमिग्रेशन सर्विस नाम की अपनी कंपनी की एक ब्रांच मुंबई में भी खोले।
सरकारी
वकीलों के मुताबिक हेडली से डील होने के बाद राणा ने अपने दफ्तर के एक
कर्मचारी को तमाम फर्जी कागजात बनाने को कहा। इन फर्जी दस्तावेजों की मदद
से मुंबई में इमिग्रेशन ऑफिस खोलने की प्लानिंग आगे बढ़ाई गई। सारा काम हो
जाने के बाद राणा ने हेडली को मुंबई जाने के लिए हरी झंडी दिखा दी। ये भी
कहा कि अब तुम भारत के लिए वीजा ले सकते हो।
शिकागो
कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में ये भी खुलासा किया गया है कि जुलाई 2006 में
पाकिस्तान में बैठे लश्कर आका ने हेडली को मुंबई में दफ्तर खोलने के लिए
25 हजार अमेरिकी डॉलर दिए। साथ ही ये भी निर्देश दिए कि अब लश्कर का काम
पूरा करो। लश्कर से 25 हजार डॉलर मिलने के बाद हेडली ने कुल पांच बार
सितंबर 2006, फरवरी और सितंबर 2007, अप्रैल और जुलाई 2008 को मुंबई का दौरा
किया।
इन
पांच दौरों में हेडली ने हर उस ठिकाने की फोटो खींची, उसका वीडियो टेप
बनाया जहां हमला किया जा सकता था। मुंबई में अपने दफ्तर का इस्तेमाल करते
हुए हेडली बड़ी आसानी के साथ हर उस जगह गया जहां 26 नवंबर को हमला हुआ।
अमेरिकी जांच एजेंसी के मुताबिक जुलाई 2008 में हेडली के भारत आने से पहले
लश्कर आका ने उसे 1500 अमेरिकी डॉलर और दिए। मकसद ये कि मुंबई में अपना
दफ्तर बंद करने के बाद वो दिल्ली में नया ऑफिस खोल सके। लश्कर आका ने हेडली
से साफ कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली में ऐसे ही काम को अंजाम देना
होगा। लेकिन इस काम के पूरा होने से पहले ही वो पकड़ा गया।
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