Monday, January 28, 2013

तेलंगाना पर सात कांग्रेसी सांसद आज सौंपेंगे इस्तीफा

गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की दी डेडलाइन के खत्म खत्म होते ही तेलंगाना में बवाल शुरू हो गया है। सोमवार को हैदराबाद में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। सूत्रों के मुताबिक अपनी ही सरकार से नाराज सात कांग्रेसी सांसद आज सोनिया को इस्तीफा सौंप सकते हैं। ये कांग्रेसी सांसद आज तेलंगाना समर्थक नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं। उधर केंद्र सरकार ने कहा है कि तेलंगाना पर फैसला लेने के लिए उसे कुछ और वक्त चाहिए।
हैदराबाद में पसरे तनाव के बीच इंद्रा पार्क इस वक्त तेलंगाना समर्थकों का गढ़ बना हुआ है। यहां तेलंगाना ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद हैं। टीआरएस यानि तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता कमेटी के साथ मिलकर आगे की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। सरकार की दी हुई डेडलाइन खत्म हो चुकी है। तेलंगाना राज्य से जुड़ा कोई ऐलान केंद्र सरकार ने नहीं किया। कमेटी चेतावनी दे रही है कि उसका आंदोलन तेज होगा। तो टीआरएस ने कांग्रेस के सांसदों विधायकों से अपील कर रही है कि वो इस्तीफा देकर इस आंदोलन में शामिल हों।
टीआरएस विधायक और नेता हरीश राव के मुताबिक कांग्रेस के तेलंगाना मंत्रियो को इस्तीफ़ा देना चाहिए। हम लाखों लोगों को इकठ्ठा करके नारा देंगे। चलो असेम्बली। कितनी मीटिंग होगी, हम अपना गुस्सा दिखा कर कांग्रेस को सबक सिखाएंगे।आंध्र सरकार की सभी कोशिशों के बावजूद सड़कों पर प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। 
रविवार को कांग्रेस कोर कमेटी के वरिष्ठ सदस्यों ने आपस में मुलाकात कर तेलंगाना मुद्दे पर थोड़ा और वक्त मांगा था। इस बैठक में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और आंध्र प्रदेश के इंचार्ज गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे। इस बैठक के बाद ही तय हुआ कि 28 जनवरी की डेडलाइन को और आगे बढ़ाया जाए।
कांग्रेस का कहना है कि अलग तेलंगाना के लिए अभी आंध्र प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से और बातचीत और सहमति बनाने की जरुरत है। हालांकि कांग्रेस के स्थानीय नेता पार्टी के फैसले से बेहद नाखुश हैं। लेकिन अलग तेलंगाना की मांग करने वाले केंद्र सरकार के इस रवैए से खफा है। उधर रंगारेड्डी के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में गृहमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। इसमें मांग की गई है कि पी चिंदबरम ने गृह मंत्री रहते हुए 9 दिसंबर, 2009 को अलग तेलंगाना राज्य को लेकर जो वादा किया था उसे पूरा नहीं किया। ये तेलंगाना के लोगों से धोखाधड़ी है। फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
इन सब के बीच बीजेपी इस पूरे मामले को कांग्रेस और सरकार की घेरेबंदी के मौके के तौर पर देख रही है। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के मुताबिक तेलंगाना के मुद्दे पर कांग्रेस नें यह आश्वासन दिया था की वो तेलंगाना बनाएंगे | बीजेपी बहुत समय से कह रही है कि तेलंगाना बनाना चाहिए पर अभी भी कांग्रेस इस मसले पर टालम टोल कर रही है। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहूंगा कि वो देश को बताएं की आखिर तेलंगाना राज्य के रूप में कब बन पाएगा।
जिस तरह से सियासत और राजनीतिक बयानबाजी स्थिति को गंभीर बना रही है वो आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए परेशानी का सबब है। केंद्र सरकार की नई डेडलाइन और उस डेडलाइन के खत्म हो जाने से स्थिति गंभीर हो गई है। खुद कांग्रेस में फैसले को स्थगित करने को लेकर विरोध के सुर तेज होने लगे हैं।


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