Wednesday, January 23, 2013

बैठक से पहले आडवाणी से मिलने पहुंचे राजनाथ

नितिन गडकरी दोबारा बीजेपी अध्यक्ष नहीं होंगे। उनकी जगह आज राजनाथ सिंह नामांकन दाखिल करेंगे। आयकर विभाग का शिकंजा कसने के बाद विरोधी खेमे ने अचानक दबाव बढ़ाया तो संघ ने भी इस दबाव के आगे घुटने टेक दिए और खुद बीजेपी पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने ऐलान कर दिया कि वो दोबारा अध्यक्ष नहीं बनेंगे। वहीं आज राजनाथ सिंह नामांकन भरेंगे। बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद वो नामांकन भरेंगे। वो संसदीय बोर्ड की बैठक के लिए घर से निकल गए हैं।
बैठक से पहले राजनाथ सिंह घर से निकलकर आडवाणी से मिलने पहुंचे और आडवाणी से मिलने के बाद वो नितिन गडकरी से मिलेंगे। वहीं संसदीय बोर्ड की होने वाली बैठक में सुषमा स्वाराज, लालकृष्ण आडवाणी, अनंत कुमार, नितिन गडकरी शामिल होंगे। वहीं आज संसदीय बोर्ड की बैठक से पहले राजनाथ सिंह से प्रकाश जावड़ेकर, मनोरंजन कालिया, चंदन मित्रा, अनंत कुमार मिले। वहीं नितिन गडकरी से वसुंधरा राजे सिंघिया मिलीं। 
मालूम हो कि गडकरी के अध्यक्ष पद के लिए दोबारा नामांकन से ठीक 24 घंटे पहले राजनीतिक घटनाक्रम इतनी तेजी से बदला कि उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। पार्टी में उनके विरोधी खेमे ने दिल्ली से मुंबई तक इतना दबाव बनाया कि संघ भी खुद को लाचार महसूस करने लगा और आखिरकार गडकरी ने ऐलान कर दिया कि वो दोबार अध्यक्ष पद के दावेदार नहीं हैं। गडकरी ने कहा कि जब जांच ख़त्म होने वाली थी तो राजनितिक षड़यंत्र किया गया। जब तक पूरी जांच नहीं होती और मैं निर्दोष साबित नहीं होता तब तक मैं दूसरा टर्म नहीं लूंगा। जो भी मुझे काम दिया गया है मैंने किया है।
दरअसल जब मुंबई में पूर्ति ग्रुप से जुड़ी कंपनियों पर आयकर विभाग की पड़ताल चल रही थी तो उसी वक्त लाल कृष्ण आडवाणी भी एक कार्यक्रम के सिलसिले में मुंबई पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में संघ के सरकार्यवाह भैय्या जी जोशी और नितिन गडकरी भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक कार्यक्रम से पहले नितिन गडकरी, लालकृष्ण आडवाणी और संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी के बीच बंद कमरे में बात हुई। आडवाणी ने फिर पार्टी की छवि का मसला छेड़ा। इस पर गडकरी ने कहा कि अगर संघ को कोई मुश्किल हो तो वो पद से तुरंत हट जाएंगे।
आडवाणी ने बदले में यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव किया। लेकिन भैय्याजी गडकरी, सिन्हा के नाम पर राजी नहीं थे। गडकरी ने खुद राजनाथ सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा। राजनाथ के नाम पर दिल्ली में जेटली के घर सुषमा, वेंकैया नायडू, अनंत कुमार औऱ संगठन मंत्री रामलाल के बीच भी सहमति बन गई। रामलाल ने ही राजनाथ को संदेश दिया कि वो बुधवार को नामांकन के लिए तैयार रहें।
दरअसल पूर्ति कंपनी के पूर्व संचालक नितिन गडकरी पर आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगे थे। इसे लेकर पार्टी में ही उनका विरोध शुरु हो गया था। सबसे पहले महेश जेठमलानी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला और राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया। फिर यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा, जसवंत सिंह तीनों ने अलग-अलग फोरम पर गडकरी के खिलाफ मुंह खोला। सबसे मुखर तो पार्टी से राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी रहे। जेठमलानी को इस विरोध के चलते निलंबन भी झेलना पड़ा। राम जेठमलानी ने कहा कि वो इस से खुश हैं।


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