कांग्रेस ने न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की इस टिप्पणी पर चुप्पी साध ली कि
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनसे इस बात के लिए माफी मांगी कि उन्हें
दुष्कर्म विरोधी कानून पर पार्टी के सुझाव देने के लिए आधी रात को जगाया
गया.
वर्मा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने
संक्षिप्त जवाब में कहा, ‘हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.’ पहचान जाहिर
नहीं करने की शर्त पर कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पार्टी के लिए यह
मुद्दा काफी अहम है लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि जवाब भेजने में ऐसी देरी
क्यों हुयी.
वर्मा ने कहा था, ‘आधी रात को कोई मेरे आवास पर आया, मुझे जगाया और व्यक्तिगत तौर पर (कांग्रेस पार्टी की राय) देनी चाही. लेकिन कैसे भी इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष को पता चल गया. उन्होंने अगले दिन खुद मुझे फोन किया और मुझसे माफी मांगी. मैंने उनसे कहा कि ऐसा न करें.’
न्यायमूर्ति वर्मा तीन सदस्यीय समिति के प्रमुख थे जो 16 दिसंबर की सामूहिक बलात्कार की घटना के मद्देनजर बलात्कार विरोधी कानून में संशोधनों पर सलाह देने के लिए गठित की गई थी. 23 जनवरी को समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी.
वर्मा ने कहा था, ‘आधी रात को कोई मेरे आवास पर आया, मुझे जगाया और व्यक्तिगत तौर पर (कांग्रेस पार्टी की राय) देनी चाही. लेकिन कैसे भी इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष को पता चल गया. उन्होंने अगले दिन खुद मुझे फोन किया और मुझसे माफी मांगी. मैंने उनसे कहा कि ऐसा न करें.’
न्यायमूर्ति वर्मा तीन सदस्यीय समिति के प्रमुख थे जो 16 दिसंबर की सामूहिक बलात्कार की घटना के मद्देनजर बलात्कार विरोधी कानून में संशोधनों पर सलाह देने के लिए गठित की गई थी. 23 जनवरी को समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी.
No comments:
Post a Comment