Friday, January 25, 2013

पोखरण के वक्त मिसाइल, बम, रॉकेटों से छकाए थे ‘जासूस’!

पूर्व राष्ट्रपति और देश के मिसाइल कार्यक्रम के जनक डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम ने खुलासा किया है कि पोखरण परमाणु विस्फोट से पहले दुनिया भर के जासूसों का ध्यान बांटने और उन्हें छकाने के लिए भरपूर मिसाइलें, रॉकेट और बम का इस्तेमाल किया गया था।
कलाम ने तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के नेतृत्व में 1998 में पोखरण में एक के बाद एक पांच परमाणु परीक्षण किए थे और उसके बाद दुनिया भर में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ द्वारा आयोजित 7वें आर एन काव मेमोरियल लेक्चर में कलाम ने कहा कि 1998 की गर्मियों में पोखरण परमाणु विस्फोट से दो दिन पहले दुनिया भर का ध्यान बंटाने के लिए भारत ने सुनियोजित तरीके से मिसाइलों, रॉकेट और बम का इस्तेमाल किया।
कलाम ने बताया कि परीक्षण के एक दिन पहले कई एजेंसियां एक्टिव मोड में थीं और अपने-अपने काम को अंजाम दे रही थीं। अगले दो दिन चांद बिल्कुल छुपा रहने वाला था और रातें अंधेरी होने वाली थीं। चांदीपुर फ्लाइट टेस्ट रेंज से उस समय एक के बाद एक 12 त्रिशूल मिसाइलें लांच की गईं। हर दो घंटे में एक मिसाइल लांच की गई। अग्नि मिसाइल की लांचिंग की तैयारियां भी तेज कर दी गईं।
कलाम के मुताबिक पोखरण में विस्फोट से दूर पिनाका जैसे रॉकेट छोड़े गए। इसके अलावा वायुसेना के विमानों ने रनवे विध्वंस करने का अभ्यास भी उसी दौरान शुरू कर दिया। इसके अगले दिन पता चला कि भारत ने तीन परमाणु परीक्षण किए हैं। अगले दिन दो और परीक्षण किए गए।
कलाम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव ने उन्हें बुलाकर परमाणु परीक्षण की तैयारी करने को कहा। इसके दो दिन बाद ही 1996 के आम चुनाव के नतीजे घोषित होने वाले थे। नतीजे राव के खिलाफ गए तो उन्होंने फिर कलाम को बुलाया और परीक्षण के बारे में भावी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को ब्रीफ करने को कहा ताकि इतना महत्वपूर्ण फैसला सत्ता परिवर्तन के बाद अटके न। कलाम ने कहा कि ये घटना एक देशभक्त राजनेता की परिपक्वता और पेशवर रवैये को दर्शाती है जो समझता है कि देश राजनीति से कहीं ऊपर है।


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