भारत विश्व में पांचवां सबसे बड़ा बिजली
उत्पादक है और दिल्ली सरकार की ओर से कुल क्षमता की 51.5 प्रतिशत बिजली
उत्पादित की जाती है वहीं केंद्रीय और निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी क्रमश:
33.1 प्रतिशत और 15.4 प्रतिशत की है।
11वीं
पंचवर्षीय योजना में प्राप्त की गई क्षमता निर्माण पूर्व की योजनाओं को
पहले ही पीछे छोड़ चुकी हैं। 54,964 मेगावाट क्षमता को जोड़ा गया है जिसमें
निजी क्षेत्र की भागीदारी काफी महत्वपूर्ण रही है और 12वीं पंचवर्षीय
योजना में लगभग 88,000 मेगावाट क्षमता जोड़ने के लक्ष्य के लिए सरकार
गंभीरता से प्रयासरत है।
राजीव
गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की शुरुआत के साथ बिजली से कटे हुए
1,04,496 गांवों के विद्युतीकरण का काम पूरा किया जा चुका है और 1.94 करोड़
बीपीएल परिवारों को 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत यानी 31 मार्च 2012 तक
बिजली के कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं।
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