जैसे जैसे 2014 करीब आ रहा है, कांग्रेस की
चिंता बढ़ती जा रही है। इसी फिक्र में आज से पार्टी का जयपुर में चिंतन
शिविर शुरु हो रहा है। दस साल बाद हो रही इस चिंतन बैठक में भ्रष्टाचार के
आरोपों से घिरी यूपीए सरकार की छवि सुधारने का नुस्खा ढूंढा जाएगा।
2014
का चुनाव कैसे जीता जाएगा। कांग्रसे की सबसे बड़ी चिंता भ्रष्टाचार के
आरोपों से घिरी यूपीए-2 की छवि है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक और आर्थिक
कार्यक्रमों की जरुरत है जो यूपीए 2 की छवि बदल सके। आम आदमी पर मंहगाई की
मार ने भी राजनीतिक रुप से कांग्रेस को बैकफुट पर ला खड़ा किया है। चिंतन
शिविर में ये दोनों विषय सबसे महत्वपूर्ण होंगे।
राजनीतिक
चुनौतियों पर चिंतन शिविर में अलग से एक सत्र होगा जिसकी अध्यक्षता रक्षा
मंत्री ए के एंटनी करेंगे। जोर इस बात पर होगा कि जिन बड़े राज्यों में
कांग्रेस दो दशकों से ज्यादा से सरकार नहीं बना पा रही वहां क्या किया जाए।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की कमजोर होती स्थति पर भी चर्चा
होगी। सामाजिक आर्थिक चुनौतियों पर हो रहे सत्र की अध्यक्षता कांग्रेस
महासचिव दिग्विजय सिंह करेंगे। इसमें महंगाई और खाद्य सुरक्षा योजना पर
विशेष चर्चा होगी।
पिछले महीने
दिल्ली में हुई बलात्कार की शर्मनाक घटना ने भी कांग्रेस की चुनौतियां बढ़ा
दी हैं। कांग्रेस को लग रहा है कि लोगों का गुस्सा कम करने के लिए पार्टी
को सधी हुई रणनीति के साथ सामने आना होगा। इसके लिए चिंतन शिविर में महिला
सशक्तिकरण पर अलग से एक सत्र रखा गया है।
इस सत्र की अध्यक्षता गिरिजा व्यास करेंगी। माना जा रहा है कि पार्टी अपने
ड्राफ्ट में महिला सुरक्षा को लेकर कानून में बदलाव के अलावा विधायिका में
महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का बिल पास करवाने की सिफारिश करेगी। चौथा
सत्र विदेश नीति पर होगा जिसकी अध्यक्षता वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा
करेंगे। इसमें एफडीआई से लेकर हाल ही में मेंढर सेक्टर में एलओसी पर
पाकिस्तान की कारस्तीनी पर चर्चा होगी।
आखिरी
सत्र स्वास्थ्य मंत्री और महासचिव गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में
संगठनात्मक मुद्दों पर रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक इस सत्र में युवाओं
को जिम्मेदारी दिए जाने पर चर्चा होगी।
चुनाव
पूर्व गठबंधन भी कांग्रेस के एजेंडे पर है। कांग्रेस को लग रहा है कि आने
वाले समय में वो अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है। दो दिन तक चलने
वाली इस चिंतन बैठक के बाद 20 जनवरी को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का सेशन
भी रखा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह और राहुल गांधी सेशन को संबोधित करेंगे।
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