झारखंड की राजधानी रांची में सियासी पारा
गर्मा गया है। सूबे के मुखिया अर्जुन मुंडा ने जेएमएम के समर्थन वापस लेने
के बाद इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राज्य के गवर्नर सैयद
अली नकवी को दे दिया है। साथ ही मुंडा ने राज्यपाल को विधानसभा भंग करने का
पत्र भी दे दिया है। वहीं कांग्रेस इस वक्त राज्य में जेएमएम के साथ सरकार
बनाने के पक्ष में नहीं है।
अर्जुन
मुंडा ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि राज्य मंत्री की अनुशंसा और अपना
इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। स्थिर सरकार बनाने के लिए यही एक मात्र
विकल्प है। स्थिर सरकार देने में हम असफल रहे। इसीलिए इस्तीफा दिया। अब
जनादेश का इंतजार है। उसके लिए हम तैयार हैं।
इससे
पहले बीजेपी के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कैबिनेट की बैठक बुलाई और
झारखंड के राजनीतिक माहौल पर बैठक की। वहीं जेएमएम के नेता शिबू सोरेन की
अगुआई में आज सुबह राज्यपाल से मिले और उन्होंने सूबे की सरकार को समर्थन
वापसी का पत्र सौंपा। इस मसले पर जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन कल राज्यपाल
सैयद अली नकवी से मिलेंगे। सोरेने ने कहा कि सरकार से समर्थन वापस ले लिया
है। इसलिए कल गवर्नर से मिलने जाएंगे।
वहीं हेमंत सोरेन ने कहा कि अब गुरुजी के पास सभी शक्तियां हैं। अब हम आगे
की रणनीति तय करेंगे। हमने सन्देश दे दिया है। क्योंकि नेतृत्व बीजेपी कर
रही है तो उनकी ज़िम्मेदारी है कि वो कैसे इसे लेते हैं।
झारखंड
में राजनीति संकट का असर दिल्ली में भी दिख रहा है। बीजेपी नेता बलबीर
पुंज ने कहा कि हम लोग सत्ता के साथ चिपके नहीं रहना चाहते। हमारे अपने
सिद्धांत हैं। सत्ता के लिए जोड़-तोड़ करने के स्थान पर पार्टी ने सत्ता
त्यागने का मार्ग चुना है।
वहीं झारखंड
प्रदेश कांग्रेस के मुखिया प्रदीप बालमुचु ने कहा है कि जेएमएम, कांग्रेस
की पुराना सहयोगी है। अब उन्होंने बीजेपी से समर्थन वापस ले लिया है। जहां
तक सूबे में सरकार बनाने की बात है तो जेएमएम इस संबंध में जब पार्टी से
संपर्क करे तो ही बात होगी। इस मसले पर पार्टी के बड़े नेताओं से भी बात
करने की जरूरत है।
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