Friday, January 4, 2013

गृह सचिव ने भागवत की टिप्पणी की आलोचना की



केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत की उस टिप्पणी की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय शहरों में पाश्चात्यीकरण, बढ़ रहे अपराधों का कारण है. सिंह ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में ग्रामीण और शहरी भारत के बीच फर्क करने का कोई आधार नहीं है. गृह सचिव, सिंह ने यहां एक कार्यक्रम के इतर मौके पर कहा कि इंडिया और भारत के बीच फर्क बताने का कोई आधार नहीं है. ज्ञात हो कि भागवत ने असम में कहा था कि भारत में दुष्कर्म जैसे अपराध कदाचित ही घटते हैं, लेकिन इंडिया में ऐसे अपराध लगातार घटते रहते हैं.
भागवत ने असम के सिलचर में आरएसएस कार्यकर्ताओं की एक सभा में कहा था कि आप देश के गांवों और जंगलों में जाइए, वहां सामूहिक दुष्कर्म या यौन अपराध की इस तरह की घटनाएं नहीं मिलेंगी. ये घटनाएं कुछ शहरी इलाकों में धड़ल्ले से घट रही हैं. नए कानूनों के अलावा भारतीय लोकाचार और महिलाओं के प्रति रवैये की, प्राचीन भारतीय मूल्यों के संदर्भ में समीक्षा की जानी चाहिए.
भागवत की यह विवादास्पद टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है, जब 16 दिसम्बर की रात राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक चलती बस में 23 वर्षीय युवती के साथ छह दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था, और उसकी व उसके पुरुष मित्र की बेरहमी से पिटाई की थी. बाद में सिंगापुर के एक अस्पताल में युवती की मृत्यु हो गई. इस घटना के विरोध में तभी से दिल्ली में और पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है.




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