नियंत्रण रेखा पर भारत से उलझ रहा
पाकिस्तान घरेलू मोर्चे पर बुरी तरह फंसा है।पाकिस्तान की राजधानी
इस्लामाबाद में हजारों की तादाद में लोगों ने संसद के सामने डेरा डाल रखा
है। ये लोग देश की सत्ता बदलने की मांग कर रहे हैं। जबकि प्रधानमंत्री राजा
परवेज अशरफ पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
सुप्रीम
कोर्ट ने एक घोटाले के सिलसिले में उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया है।
हालांकि पाकिस्तान के कानून मंत्री का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की
गलत व्याख्या की जा रही है। सियासत नहीं रियासत बदलो, इस ऐलान के साथ
लॉन्ग मार्च कर इस्लामाबाद पहुंची भीड़ मंगलवार की रात भी संसद के सामने
तहरीक-ए-मिनहाजुल कुरान के रहनुमा मौलाना डॉ. ताहिर उल कादरी की अगुवाई में
जमी है। कादरी अड़े हैं कि मौजूदा सत्ता में बदलाव हो और सत्ता अवाम के
मुताबिक हो। उन्होंने मंगलवार की सुबह तक राष्ट्रीय और राज्यों की असेंबली
भंग करने का अल्टीमेटम दे दिया। उनकी मांग नहीं मानी गई है, लिहाजा धरने पर
जमे डॉ. कादरी ने सरकार को चेतावनी दी है कि बुधवार का दिन उस पर भारी
गुजरेगा।
हालांकि कादरी अपनी मुहिम को भ्रष्टाचार के खिलाफ बता रहे हैं, वो सीधे
सीधे सियासत में भी नहीं हैं। 2006 में नेशनल असेंबली से इस्तीफा देकर वो
कनाडा चले गए थे। बीते दिसंबर में वापस लौटे कादरी ने लाहौर में एक जलसा
किया। इस जलसे में ही उन्होने पहली बार ये मांग की कि मौजूदा सरकार इस्तीफा
दे। एक नई कार्यवाहक सरकार बनाई जाए।
इस सरकार को फौज और सुप्रीम कोर्ट की रजा मंदी हासिल हो। कार्यवाहक सरकार
की देख रेख में नए चुनाव हों। चुनाव से पहले चुनाव आयोग में बदलाव हो।
लेकिन
पाकिस्तान की राजनीति के जानकार इसे लोकतंत्र को अस्थिर करने की साजिश
करार दे रहे हैं। एक दौर में कादरी जनरल परवेज मुशर्रफ के भी करीबी बताए
जाते थे। इस बार उनकी अचानक मुल्क वापसी के पीछे जनरल अशफाक परवेज कियानी
का हाथ बताया जा रहा है, लेकिन पीछे कोई भी हो कादरी की मुहिम को सुप्रीम
कोर्ट के एक फैसले ने हवा दे दी है। मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने रेंटल
पॉवर प्रोजेक्ट घोटाले के तमाम आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए। इस
केस में राजा परवेज अशरफ भी आरोपी हैं।
आरोप
है कि परवेज अशरफ ने 2005-2006 में उर्जा मंत्री रहते रेंटल पावर प्लांट्स
में अरबों का घोटाला किया। इस केस में उनके अलावा 15 और लोग आरोपी हैं।
अदालत ने सारे आरोपियों को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं।
हालांकि पाकिस्तान के कानून मंत्री फारुक नाईक ने जियो न्यूज से बातचीत में
कहा है कि अदालत ने प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के आदेश नहीं दिए हैं।
हालांकि
पाकिस्तान सरकार की नींद उड़ी हुई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि
परवेज अशरफ की गिरफ्तारी टालने की पूरी कोशिश होगी, क्योंकि गिरफ्तारी
राष्ट्रीय जवाब देही ब्यूरो को करनी है। वो पहले भी सुप्रीम कोर्ट की
नाराजगी मोल लेकर इस मामले को टालता रहा है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि
बुधवार को गिरफ्तारी से पहले उन्हें जमानत मिल जाएगी।
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