Wednesday, January 16, 2013

शिक्षक घोटाले में तत्कालीन चौटाला सरकार ने सितंबर 1999 में जेबीटी शिक्षकों के 3206 पदों के लिए 18 जिलों में जिलास्तरीय चयन कमेटियों के जरिए भर्ती प्रक्रिया आरंभ की। आईएएस अधिकारी व पूर्व शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर करके दो मैरिट सूचियों का प्रयोग करने का आरोप चौटाला, उनके बड़े बेटे, राजनीतिक सलाहकार व ओएसडी पर लगाया। आरोप था कि कुल 8 हजार आवेदकों के चयन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। इस मामले में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय सिंह, पूर्व राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बड़शामी, आईएएस अधिकारी एवं पूर्व ओएसडी विद्याधर व आईएएस संजीव कुमार समेत कुल 55 आरोपी हैं। इन पर भर्ती में धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक षडय़ंत्र, गलत दस्तावेजों का प्रयोग व भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (1) बी व 13 (डी) के तहत आरोप निर्धारित हैं। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मामले की सुनवाई साढ़े चार में पूरी हो पाई है। इस दौरान सैकड़ों गवाही दर्ज की गई। मामले में नामजद कुल 59 आरोपियों में से 4 की मौत भी हो चुकी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि कानून अपना काम कर रहा है। जो लोग गलत काम करेंगे उनके साथ ऐसा ही होगा।

सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने आज मथुरा जिले के कोसीकलां गांव जाकर शहीद जवान लांस नायक हेमराज के परिवार से मुलाकात की।
सेना प्रमुख के अलावा उनकी पत्नी बबल्स कौर ने भी शहीद हेमराज के परिवार की महिलाओं को दिलासा दिया। सेना प्रमुख ने उन्हें आश्वस्त किया शहीद की कुर्बानी को पूरा सम्मान दिया जाएगा और उनके सभी हक दिलाए जाएंगे। 
सेना प्रमुख ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम और गोलीबारी के बारे में झूठे दावे कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक कभी नियंत्रण रेखा पार नहीं करते और अगर पाकिस्तान की ओर कोई मरा है तो जवाबी फायरिंग में मारा गया होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना मानवाधिकारों का पूरा पालन करती है लेकिन अगर उधर से कोई उल्लंघन हुआ तो उसका पूरा जवाब दिया जाएगा।
पाकिस्तानी सैनिक 8 जनवरी को मेंढर सेक्टर में हुए हमले में लांस नायक हेमराज का सिर काटकर ले गए थे। शहीद की पत्नी धरमवती और उनके परिवार वालों ने हेमराज के सिर की वापसी की मांग को लेकर आमरण अनशन किया था। लेकिन सरकार के अनुरोध पर उन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया था। शहीद के परिवार वालों ने इच्छा जताई थी कि सेना प्रमुख को उनके गांव आना चाहिए।
इस दौरान गांव में लोगों का जमावड़ लग गया और यहां पुलिस और सेना की आवाजाही बढ़ गई। सेनाध्यक्ष ने गांव पहुंचकर सबसे पहले शहीद हेमराज को श्रद्धांजलि दी और फिर परिवारवालों से मुलाकात की। इस दौरान परिवारवालों ने सेनाध्यक्ष के सामने कई सेना भर्ती सेंटर खोलने जैसी मांगें रखीं। जनरल ने परिवार को सभी तरह की मदद और उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।


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