Wednesday, January 30, 2013

क्या महात्मा गांधी को हो गया था मृत्यु का पूर्वाभाष?

क्या महात्मा गांधी को अपने अंत का पूर्वाभाष हो गया था? उनके अंतिम आमरण अनशन को लेकर लगी यहां 20 पैनलों की एक प्रदर्शनी में कुछ-कुछ यही संकेत मिल रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक दंगे से आहत महात्मा गांधी ने आमरण अनशन पर बैठने से पहले 12 जनवरी 1948 को कहा था कि कौन जानता है कि मेरी 'अहिंसा' मेरे जीवन की अंतिम घड़ी तक परीक्षा लेगी। एक कहावत है कि बुझती हुई लौ बुझने से पहले जोर से जल उठती है। शायद मेरा अंत करीब है और मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार हूं..।
नेहरू राष्ट्रीय संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) में लगी इस प्रदर्शनी का उद्घाटन बुधवार को संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने महात्मा गांधी की 65वीं पुण्य तिथि के मौके पर किया। हत्या से एक पखवाड़ा पहले संकीर्णतावाद और धार्मिक घृणा के खिलाफ गांधी के संघर्ष की झलक प्रदर्शनी में दिखती है। 20 पैनलों की प्रदर्शनी 'अहिंसा का हथियार: महात्मा गांधी का अंतिम उपवास' से संबंधित मुद्रित और दृश्य प्रिंटों की सामग्री को पुस्तकालय की लॉबी में गांधी के मार्ग के कालानुक्रम में सजाया गया है।
प्रदर्शनी में दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों को लेकर महात्मा की नाराजगी, 12 जनवरी 1948 को राजधानी के बिड़ला हाउस में उनका उपवास पर जाना, 130 हिंदुओं, सिखों और मुस्लिमों के जत्थे द्वारा शांति की घोषणा के बाद उपवास तोड़ना, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की लोगों से राष्ट्र को बचाने की अपील और 30 जनवरी की शाम को गांधी की हत्या पर सामग्री शामिल है। गांधी के अंतिम दिनों के बारे में जानकारी का स्रोत दक्षिण अफ्रीका में उनके सहयोगी रहे हेरमन कैल्लेनबैच के साथ उनके पत्राचार हैं। यह भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में निजी कागजातों का अद्यतन संयोजन है। पत्राचार 13 समूहों में वर्गीकृत हैं जिससे गांधीजी के कैल्लेनबैच परिवार-भाई सिमोन और भतीजी हाना लैजर के साथ गांधी के रिश्तों की जानकारी मिलती है।
पत्रों में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाली प्रमुख भारतीय हस्तियों जैसे गोपाल कृष्ण गोखले, फीरोजशाह मेहता, सी.एफ. एंड्रयू, महादेव देसाई, प्यारेलाल, सुशीला बेन, मीराबेन, मणिलाल गांधी और गांधी के अन्य कई सहयोगियों के पत्र शामिल हैं। संग्रह में 287 छाया चित्र और स्मरणीय वस्तुएं-यरवदा चक्र, सूरज का झंडा और खादी के वस्त्र शामिल हैं जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि कैल्लेनबैच परिवार के रोजमर्रा के जीवन पर महात्मा गांधी का कितना प्रभाव था। इसके अलावा संग्रह में 'यंग इंडिया' और 'हरिजन' की मूल प्रतियां भी हैं।


रोचक लेकिन कठिन है नागा साधु बनने की प्रक्रिया

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले-महाकुंभ के कई अलग-अलग रंगों में एक रंग हैं- नागा साधु जो हमेशा की तरह श्रद्धालुओं के कौतूहल का केंद्र बने हुए हैं। इनका जीवन आम लोगों के लिए एक रहस्य की तरह होता है। नागा साधु बनाने की प्रक्रिया महाकुंभ के दौरान ही होती है। नागा साधु बनने के लिए इतनी परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है कि शायद बिना संन्यास के ²ढ़ निश्चय के कोई व्यक्ति इस पर पार ही नहीं पा सकता।
सनातन परंपरा की रक्षा और उसे आगे बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न संन्यासी अखाड़ों में हर महाकुंभ के दौरान नागा साधु बनाए जाते हैं। माया मोह त्यागकर वैराग्य धारण की इच्छा लिए विभिन्न अखाड़ों की शरण में आने वाले व्यक्तियों को परम्परानुसार आजकल प्रयाग महाकुंभ में नागा साधु बनाया जा रहा है। अखाड़ों के मुताबिक इस बार प्रयाग महाकुंभ में पांच हजार से ज्यादा नागा साधु बनाए जाएंगे।
आमतौर पर नागा साधु सभी संन्यासी अखाड़ों में बनाए जाते हैं लेकिन जूना अखाड़ा सबसे ज्यादा नागा साधु बनाता है। सभी तेरह अखाड़ों में ये सबसे बड़ा अखाड़ा भी माना जाता है। जूना अखाड़े के महंत नारायण गिरि महाराज के मुताबिक नागाओं को सेना की तरह तैयार किया जाता है। उनको आम दुनिया से अलग और विशेष बनना होता है। इस प्रक्रिया में काफी समय लगता है।
उन्होंने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति साधु बनने के लिए किसी अखाड़े में जाता है तो उसे कभी सीधे-सीधे अखाड़े में शामिल नहीं किया जाता। अखाड़ा अपने स्तर पर ये तहकीकात करता है कि वह साधु क्यों बनना चाहता है। उसकी पूरी पृष्ठभूमि देखी जाती है। अगर अखाड़े को ये लगता है कि वह साधु बनने के लिए सही व्यक्ति है तो उसे अखाड़े में प्रवेश की अनुमति मिलती है।
गिरि के मुताबिक प्रवेश की अनुमति के बाद पहले तीन साल गुरुओं की सेवा करने के साथ धर्म कर्म और अखाड़ों के नियमों को समझना होता है। इसी अवधि में ब्रह्मचर्य की परीक्षा ली जाती है। अगर अखाड़ा और उस व्यक्ति का गुरु यह निश्चित कर ले कि वह दीक्षा देने लायक हो चुका है तो फिर उसे अगली प्रक्रिया में ले जाया जाता है।
उन्होंने कहा कि अगली प्रक्रिया कुम्भ मेले के दौरान शुरू होती है। जब ब्रह्मचारी से उसे महापुरुष बनाया जाता है। इस दौरान उनका मुंडन कराने के साथ उसे 108 बार गंगा में डुबकी लगवाई जाती है। उसके पांच गुरु बनाए जाते हैं। भस्म, भगवा, रूद्राक्ष आदि चीजें दी जाती हैं।
महापुरुष के बाद उसे अवधूत बनाया जाता है। अखाड़ों के आचार्य द्वारा अवधूत का जनेऊ संस्कार कराने के साथ संन्यासी जीवन की शपथ दिलाई जाती हैं। इस दौरान उसके परिवार के साथ उसका भी पिंडदान कराया जाता है। इसके पश्चात दंडी संस्कार कराया जाता है और रातभर उसे ओम नम: शिवाय का जाप करना होता है।
जूना अखाड़े के एक और महंत नरेंद्र महाराज कहते हैं कि जाप के बाद भोर में अखाड़े के महामंडलेश्वर उससे विजया हवन कराते हैं। उसके पश्चात सभी को फिर से गंगा में 108 डुबकियां लगवाई जाती हैं। स्नान के बाद अखाड़े के ध्वज के नीचे उससे दंडी त्याग कराया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद वह नागा साधु बन जाता है।
चूंकि नागा साधु की प्रक्रिया प्रयाग (इलाहाबाद), हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में कुम्भ के दौरान ही होती है। ऐसे में प्रयाग के महाकुंभ में दीक्षा लेने वालों को नागा, उज्जैन में दीक्षा लेने वालों को खूनी नागा, हरिद्वार में दीक्षा लेने वालों को बर्फानी व नासिक वालों को खिचड़िया नागा के नाम से जाना जाता है। इन्हें अलग-अलग नाम से केवल इसलिए जाना जाता है, जिससे उनकी यह पहचान हो सके कि किसने कहां दीक्षा ली है।

कब आएगी 'मुन्ना भाई' श्रृंखला की अगली फिल्म?

'मुन्ना भाई' श्रृंखला की फिल्म में सर्किट का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरशद वारसी का कहना है कि उन्हें इसके तीसरे संस्करण के बनने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
अरशद ने कहा कि मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता। राजू हिरानी इसका बेहतर जवाब दे सकते हैं। मुझे लगता है कि विधु विनोद चोपड़ा इसे दोबारा बनाना चाहते हैं लेकिन मैं नहीं जानता। वे कब मुन्ना भाई श्रृंखला बनाएंगे, मैं नहीं जानता। मैं अपने काम में काफी व्यस्त रहा हूं इसलिए मुझे सच में कुछ नहीं पता। राजू और विनोद ही इस सवाल का जवाब दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि लोग मुझे और संजय दत्त को दोबारा देखना चाहते हैं। मैं इसके लिए तैयार हूं। मैं अपनी जिंदगी में किसी चीज के बारे में धारणा नहीं बनाना चाहता। अगर यह होता है तो ठीक और नहीं तो भी ठीक, जिंदगी चलती रहती है। इस बीच, वह अपनी आगामी फिल्म 'चम्बल सफारी' में डकैत का किरदार कर काफी खुश हैं।

फिर मैदान में उतरे अन्ना, कहा- सिस्टम तो बदलना होगा!

व्यवस्था परिवर्तन के अभियान के साथ अन्ना ने बुधवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में जनतंत्र रैली की। हालांकि इस रैली में दावे के मुताबिक भीड़ नहीं जुट सकी। लेकिन अन्ना ने कहा कि जन लोकपाल और राइट टू रिजेक्ट की लड़ाई और तेज की जाएगी।
दरअसल बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में बुधवार को अन्ना हजारे ने परिवर्तन का बिगुल फूंका। इस जनतंत्र रैली में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिह और किरण बेदी समेत कई जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। अन्ना हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये जनलोकपाल कानून जरूरी है। साथ ही संसद और विधानसभाओं में अपराधियों को जाने से रोकने के लिए जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार यानी राइट टू रिजेक्ट होना चाहिए। 
अन्ना हजारे के समर्थकों ने इस रैली में एक लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद जताई थी। लेकिन ऐसी भारी भीड़ नहीं जुट पाई। फिर भी जो लोग भी पहुंचे, उनमें काफी उत्साह था। अन्ना के साथियों ने भी लोगों को ललकारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अन्ना के मुद्दों का पूरा समर्थन किया है। 
1974 में जयप्रकाश नारायण ने इसी मैदान से संपूर्ण क्रांति का बिगुल फूंका था। उसके बाद देश की हवा बदल गई थी। बिहार पहुंचे अन्ना को लेकर भी भारी उत्सुकता दिखी। लेकिन जनतंत्र रैली ने कोई बड़ी उम्मीद नहीं जगाई। कम से कम भीड़ को पैमाना मानने वाले जानकारों का तो यही कहना है।

NRI की पत्नी का बेरहमी से मर्डर, ससुरालवालों पर आरोप

पंजाब के गुरदासपुर में एक एनआरआई की पत्नी का उसके घर में ही बेरहमी से कत्ल कर दिया गया। आरोप है कि उसके ससुराल वालों ने विदेश से आनेवाले पति के पैसों के लालच में ऐसा किया। फिलहाल आरोपी ससुराल वाले फरार हैं। उधर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है। मृतका का नाम कुलदीप कौर है।
कुलदीप कौर पिछले कुछ सालों से अपने पति तेगबीर सिंह के साथ इटली में रह रही थी, लेकिन कुछ महीने पहले ही वो अपने ससुराल लौटी थी। बुधवार की सुबह कुलदीप कौर की लाश बेहद ही वीभत्स हालत में मिली। उसपर धारदार हथियार से कई वार किए गए थे। कुलदीप के घरवालों का आरोप है कि उसके ससुराल वालों ने ही हत्या की है। आरोप है कि इटली से तेगबीर अपनी पत्नी कुलदीप को पैसे भेजता था। हर महीने आनेवाली इस मोटी रकम पर कुलदीप के ससुर, उसकी जेठानी और उसके भतीजे की नजर थी। इसी वजह से तीनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। 
पुलिस को दी गई लिखित तहरीर में कुलदीप के घरवालों ने उसकी हत्या के लिए तीन लोगों को आरोपी बनाया है। इसमें कुलदीप के ससुर रंजीत सिंह, जेठानी परमजीत कौर और परमजीत कौर का बेटा तरनजीत सिंह शामिल है। पुलिस के मुताबिक मृतक कुलदीप कौर के पिता और भाई की तरफ से दिए गये बयान के आधार पर इन लोगों पर केस दर्ज किया गया है। मृतक के ससुर रंजीत सिंह, जेठानी परमजीत कौर और परमजीत के बेटे तरनजीत सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस ने हत्या का केस तो दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक तीनों आरोपी फरार हैं, लेकिन इस वीभत्स हत्याकांड से इलाके के लोग सन्न हैं। उन्हें ये समझ नहीं आ रहा कि आखिर कैसे एक परिवार पैसों की खातिर अपनी बहू को ही इतनी बेरहमी से मौत के घाट उतार सकता है।

आशीष नंदी से आज पूछताछ करेगी जयपुर पुलिस

जयपुर साहित्य समारोह में दलितों-पिछड़ों को ज्यादा भ्रष्ट बताने वाले समाजशास्त्री आशीष नंदी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। जयपुर पुलिस उनसे पूछताछ करने के लिए दिल्ली पहुंच गई है। इस मामले में आज पुलिस उनसे पूछताछ करेगी।
नंदी से बुधवार को पूछताछ होने वाली थी। पुलिस के मुताबिक नंदी से पूछताछ का आधार होगा साहित्य समारोह में रिपब्लिक ऑफ आयडियाज सेशन का वो वीडियो फुटेज जिसमें उन्होंने विवादित बयान दिया था। पुलिस ने जयपुर फेस्टिवल के आयोजक संजॉय रॉय को भी पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। 
उधर, आशीष नंदी ने का कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा। वे जेल जाने को तैयार हैं। पुलिस ने सत्र के फुटेज की सीडी फोरेंसिक जांच के लिए भेज दी है। मालूम हो कि जयपुर साहित्य सम्मेलन में इस बार समाजशास्त्री और लेखक आशीष नंदी ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा था कि इस दौर में भ्रष्टाचार के लिए पिछड़े और दलित जिम्मेदार हैं। अपनी दलील के समर्थन में उन्होंने उदाहरण भी दिया। 

महिला विश्व कप: 8 टीमों के बीच जंग का आगाज आज से

आईसीसी महिला विश्व कप (50 ओवर) का आज से मुंबई में आगाज हो रहा है। इसके तहत आठ टीमों के बीच अगले दो सप्ताह तक श्रेष्ठता की जंग होगी। इंग्लैंड की महिलाएं जहां खिताब बरकरार रखना चाहेंगी वहीं मेजबान भारत सहित दूसरी टीमें इसे जीतकर इतिहास के पन्ने पर अपना नाम लिखवना चाहेंगी। विश्व कप की शुरुआत भारत और वेस्टइंडीज की टीमों के बीच होने वाले मुकाबले से होगी। यह मुकाबला ब्राबोर्न स्टेडियम में खेला जाएगा। यह मैच दोपहर 2.30 बजे शुरू होगा। विश्व कप के अधिकांश मैच मुम्बई में होंगे लेकिन कई मैच ओडिशा के शहर कटक में भी खेले जाएंगे।
कटक में मुख्य तौर पर पाकिस्तानी टीम से जुड़े मुकाबले होंगे। कूटनीतिक विरोध के कारण मुंबई की जगह ओडिशा में आयोजन करना पड़ रहा है। फाइनल मुकाबला 17 फरवरी को भी मुंबई में क्रिकेट का गढ़ रहे ब्राबोर्न स्टेडियम में होगा।
विश्व कप 10वें संस्करण में कुल आठ टीमें शिरकत करेंगी। मेजबान भारत के अलावा पाकिस्तान, श्रीलंका, मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड की टीमें खिताबी जीत के लिए प्रयास करेंगी।
इंग्लैंड मौजूदा चैंपियन होने के लिहाज से खिताब की रक्षा का प्रयास करेगा जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम छठी बार इस खिताब पर कब्जा करने का प्रयास करेगी। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के अलावा न्यूजीलैंड ने 2000 में यह खिताब जीता था।
इंग्लैंड ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित टूर्नामेंट के नौवें संस्करण में विजेता बनने का गौरव हासिल किया था। उससे पहले 2004 में ऑस्ट्रेलियाई टीम चैंपियन रही थी।
आठ टीमों को चार-चार के दो ग्रुप में विभाजित किया गया है। ग्रुप-ए में इंग्लैंड, भारत, वेस्टइंडीज और श्रीलंका की टीमें हैं जबकि ग्रुप-बी में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीकी टीमों को रखा गया है।
इस टूर्नामेंट के मैच ब्राबोर्न स्टेडियम के अलावा कटक के बाराबाती स्टेडियम, बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स, ड्रीम्स ग्राउंड और मिडिल इंकम ग्राउंड पर खेले जाएंगे। विश्व कप का प्रसारण स्टार क्रिकेट और ईएसपीएन जैसे प्रमुख चैनलों पर किया जाएगा।


मोदी की पीएम उम्मीदवारी पर पेशबंदी से राजनाथ खफा

प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी की पेशबंदी से बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह परेशान हैं। उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए मोदी के पक्ष में अभियान चलाने वाले पार्टी नेताओं को संयम बरतने की सलाह दी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि पार्टी के नेता अच्छी वाणी बोलें, उनमें संयम होना चाहिए।
बीजेपी संसदीय बोर्ड ने कुछ तय नहीं किया है, लेकिन पार्टी के कुछ नेता नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का अभियान छेड़े हुए हैं, लेकिन उनकी ये तेजी बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को रास नहीं आ रही है। उन्होंने बुधवार को सख्त लहजे में ऐसे नेताओं को संयंम रखने की नसीहत दी। 
दरअसल, मोदी को लेकर जारी बयानबाजी ने बीजेपी में मौजूद गुटबाजी को और बढ़ा दिया था। माना जा रहा है कि कुछ नेता मोदी का हौव्वा खड़ा करके कुछ पार्टी नेताओं को छोटा बताने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में राजनाथ सिंह ने बतौर अध्यक्ष अपनी हैसियत का अहसास कराने में देर नहीं की। इस पर पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि बीजेपी पार्टी में एक प्रक्रिया है। पीएम और सीएम के नाम का फैसला पार्टी की संसदीय बोर्ड करता है। 

तस्वीरों में देखें: महाकुंभ के साधुओं का निराला रूप!

इलाहाबाद में महाकुंभ के दौरान अलग-अलग नजारे दुनिया भर में लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। महाकुंभ में ऐसे-ऐसे साधु आए हैं जिनकी खूबियां उन्हें दूसरें साधुओं से अलग बनाती हैं। तस्वीर में नजर आने वाले इस साधु ने पिछले 20 सालों से अपने बाल नहीं कटवाए हैं

केवल विश्वरूपम ही नहीं, ये 10 फिल्में भी विवादों में थीं!

फिल्म विश्वरूपम पर पाबंदी से कमल हासन आहत हैं। लेकिन कलाकारों और साहित्यकारों की अभिव्यक्ति का गला घोंटने का ये पहला मामला नहीं है, कभी सामाजिक तो कभी धार्मिक भावनाएं आहत होने के नाम पर फिल्मों का विरोध होता रहा है। पाबंदिया लगती रही हैं। खास बात ये है कि राजनेताओं ने इस सोच को खारिज करने के बजाय उल्टा हवा ही दी है। आइए एक नजर डालते हैं लोकतंत्र होने के बावजूद देश में कैसे अभिव्यक्ति की आजादी पर होते रहे हैं आघात।
1. साल 2011 में सिंघम फिल्म के डायलॉग्स की वजह से विवाद खड़ा हुआ, कर्नाटक के कई इलाकों में ये फिल्म रिलीज नहीं हो पाई।
2. साल 2011, आरक्षण फिल्म को उत्तर प्रदेश और पंजाब में प्रतिबंधित किया गया
3. साल 2010, फिल्म माई नेम इज खान, शिवसेना ने इस फिल्म पर महाराष्ट्र में जमकर हंगामा किया, थियेटरों में तोड़ फोड़ की गई।
4. साल 2009 में आई फिल्म बिल्लू, सैलून और पार्लर एसोसिएशन के विरोध के बाद फिल्म के नाम से बार्बर शब्द हटाया गया।
5. जोधा-अकबर जो कि साल 2008 में आई थी। इस फिल्म का राजस्थान की कर्णी सेना ने विरोध किया और विश्व हिंदू संगठन ने भी बवाल मचाया।
6. 2007 में आई फिल्म परजानिया, गुजरात दंगों पर बनी फिल्म के गुजरात में प्रदर्शन पर रोक लगी।
7. साल 2006 में फिल्म फना, गुजरात में फिल्म पर प्रतिबंध लगाया गया।
8. साल 2005 में आई फिल्म वाटर, विधवाओं की जिंदगी पर बन रही फिल्म की वाराणसी में हो रही शूटिंग को बीच में ही रोकना पड़ा।
9. जो बोले सो निहाल (2005), पंजाब में सिख संगठनों का विरोध, धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप।
10. 1998 आई फिल्म फायर, महिलाओं के समलैंगिक रिश्तों पर बनी इस फिल्म का शिवसेना ने विरोध किया, सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बावजूद महाराष्ट्र में रिलीज मंं अड़चन।
अब कमल हासन की फिल्म पर मचे विवाद के बीच फिल्म जगत और दूसरे लोग भी उनके समर्थन में आ गए हैं। यही नहीं, अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले की बात करें तो...
सितंबर 2012- कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को कार्टून की वजह से जेल जाना पड़ा, राष्ट्रद्रोह का मुकदमा, बाद में केस वापस।
मार्च 2012- ए के रामानुजम के लेख 300 रामायण को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय में विवाद।
फरवरी 2012- संजय काक की फिल्म जश्न ए आजादी पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मचाया बवाल।
नवंबर 2010- अरुंधति राय के साथ एक सेमिनार में बदसलूकी।
दिसंबर 2007- एम एफ हुसैन की पेंटिंग पर शिवसैनिकों ने मचाया उत्पात।
सवाल है कि आखिर कब ये सांस्कृतिक आतंकवाद खत्म होगा। कब बेवजह के ये बवाल बंद होंगे, कब अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले बंद होंगे।

…कहीं यही तो नहीं ‘विश्वरूपम’ पर बैन के पीछे की कहानी!

अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म ‘विश्वरूपम’ पर तमिलनाडु में बैन से अभिनेता कमल हासन खासे दुखी और गुस्से में हैं। उनका कहना है कि उनके खिलाफ राजनीतिक खेल खेला जा रहा है। सवाल है कि आखिर जयललिता सरकार की उनसे क्या दुश्मनी है? क्या उनकी फिल्म को किसी साजिश का शिकार बनाया गया है?
दरअसल इस फिल्म पर सबसे पहला विवाद जून 2012 को हुआ जब हिंदू मक्कल काची नाम के एक संगठन ने इस फिल्म का नाम बदलने की मांग की। उसका कहना था कि ‘विश्वरूपम’ तमिल शब्द नहीं है। ये संस्कृत का शब्द है। कमल हासन पर तमिल विरोधी होने के आरोप लगाए गए।
कमल हासन ने फिल्म का नाम नहीं बदला। अब फिल्म के रिलीज होने का वक्त आया तो कुछ मुस्लिम संगठनों ने ये कहकर इसका विरोध शुरू कर दिया कि ये फिल्म उनके समुदाय की भावनाएं आहत करने वाली है। तमिलनाडु में विरोध की ये कमान संभाली तमिलनाडु मुस्लिम मुनेत्र कडगम ने। केरल में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने भी कई सिनेमाहॉल के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। विरोध को देखते हुए दक्षिण के कई राज्यों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया। कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन जारी रहा। श्रीलंका और मलेशिया ने भी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।
सवाल है कि बाकी राज्य उनकी फिल्म रिलीज करने के लिए तैयार हैं। सेंसर, केंद्र सरकार और कोर्ट को भी कोई दिक्कत नहीं है तो फिर आखिर जयललिता सरकार को क्या परेशानी है। सूत्रों की मानें तो कमल हासन और उनकी ये फिल्म कई गुत्थियों में उलझी हुई है।
असल में कमल हासन अपनी फिल्म ‘विश्वरूपम’ सिनेमाघरों के साथ-साथ डीटीएच पर भी रिलीज करने वाले थे। सूत्रों के मुताबिक डीटीएस के डिस्ट्रीब्यूशन राइट्स के लिए शुरू में उनकी बात तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की जया टीवी से हुई थी। लेकिन बात नहीं बनी और बाद में इसके राइट्स विजया टीवी को बेच दिए गए। सूत्रों का कहना है कि इसी बात से जयललिता काफी नाराज हैं।
सूत्रों के मुताबिक इसके बाद जयललिता ने राज्य के सभी 31 जिलों के डीएम से फिल्म पर उनकी राय मांगी। एक तरफ से सभी डीएम ने कमल हासन की फिल्म को संवेदनशील और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाला बता डाला जबकि तमिलनाडु का अब तक का कोई इतिहास नहीं रहा है जिससे साबित हो कि वहां दो समुदायों को लेकर किसी तरह का विवाद हुआ हो।
कुछ सूत्र एक अलग विवाद की कहानी भी बता रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले जयललिता, कमल हासन और पी चिदंबरम को एक समारोह में बुलाया गया। वहां वित्त मंत्री चिदंबरम मुख्य अतिथि थे। कमल हासन ने उनकी जमकर तारीफ की। ये भी कहा कि अब देश को धोती वाले प्रधानमंत्री की जरूरत है।
जयललिता और चिदंबरम के बीच का छत्तीस का आंकड़ा किसी से छिपा नहीं है। कहा जा रहा है कि इस घटना ने कमल हासन और जयललिता के बीच की दूरी को और बढ़ा दिया। खैर अब खुद कमल हासन इस विवाद को अपने तरीके से हल करने की कोशिश कर रहे हैं। देखना है कि फिल्म से कुछ विवादित सीन हटा देने के उनके ऐलान के बाद जयललिता सरकार का क्या रवैया होगा।

विश्वरूपम:आईबी मिनिस्ट्री खफा, कानून में होगा संशोधन!

फिल्म ‘विश्वरूपम’ पर विवाद जारी है। सेंसर बोर्ड से फिल्म को हरी झंडी मिलने के बाद जिस तरह तमिलनाडु में फिल्म की रिलीज रुकी है उससे सूचना और प्रसारण मंत्रालय खासा खफा है। सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि सरकार सिनेमेटोग्राफिक कानून में संशोधन के लिए एक कमेटी बनाने पर विचार कर रही है।
इस संशोधन में ऐसा प्रावधान रखा जाएगा जिससे ऐसे किसी विवाद की हालत में राज्य सरकार को केंद्र सरकार की इस कमेटी में अपील करने का अधिकार मिले। सूत्रों के मुताबिक संशोधन में ये प्रावधान इसलिए रखा जा रहा है जिससे सेंसर बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकार किसी फिल्म पर सीधे-सीधे हस्तक्षेप न कर सके। 
सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने ट्विटर पर एक बयान दिया था। मनीष तिवारी के मुताबिक सेंसर बोर्ड की साख बनाए रखने के लिए सिनेमेटोग्राफिक कानून की समीक्षा की जरूरत है, वरना हर राज्य के पास अपनी सेंसरशिप होगी।
जानकारों का कहना है कि इससे केंद्र और तमिलनाडु सरकार में कोई टकराव नहीं होने वाली है। विश्वरूपम पर तमिलनाडु की सरकार ने रोक लगाई है। सरकार ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत रोक लगाई है जो कि कानून व्यवस्था से जुड़़ा मामला है। इसका सिनेमेटोग्राफिक कानून से कोई तालमेल नहीं है।


शिवसेना ने छोड़ी सुषमा की जिद, क्या मोदी का रास्ता साफ?

शिवसेना ने बीजेपी नेता सुषमा स्वराज को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की जिद छोड़ दी है। सामना को दिए इंटरव्यू में जल्द पीएम उम्मीदवार तय करने की बात छेड़ते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा है कि बाला साहब ने प्रधानमंत्री पद के लिए सुषमा स्वराज को लायक उम्मीदवार बताया था।
पार्टी के मुखपत्र सामना में छपे इंटरव्यू में पार्टी के मुखिया उद्धव ठाकरे ने कहा है कि बाला साहब ने प्रधानमंत्री पद के लिए सुषमा स्वराज को लायक उम्मीदवार बताया था, लेकिन मेरा ये मानना है कि बेहतर संवाद बनाने की जरूरत है। बेहतर तालमेल के लिए कोऑर्डिनेटर्स को सामने आना चाहिए। ऐन मौके पर कोई गड़बड़ी न हो, अगले अप्रैल-मई में चुनाव होने वाले हैं, उस वक्त हमें पीएम का उम्मीदवार तय करना होगा तो अभी से इस बारे में चर्चा शुरु क्यों नहीं की जाती। सब लोगों को एक साथ आकर निर्णय लेना चाहिए। बाला साहब ने सुषमा स्वराज का नाम लिया था लेकिन आपके पास कोई और नाम है तो लाइए उस पर भी विचार करेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में जैसा हुआ वैसा नहीं होना चाहिए।
सुषमा का नाम खुद बाला साहब ने आगे बढ़ाया था। बाला साहेब से जब एक बार पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि ‘मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य सुषमा स्वराज लगती हैं। प्रधानमंत्री के रूप में वे जबरदस्त काम करेंगी। प्रधामंत्री पद के लिए वो बेहद पसंदीदा उम्मीदवार रहेंगी। वे इस पद के लिए लायक हैं और होशियार भी।’
ऐसे में जाहिर है बीजेपी के लिए उद्धव का ये बयान दबाव का ही काम करेगा। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भले ही पार्टी के भीतर नेताओं को पीएम पद के लिए बयानबाजी न करने की सलाह दी हो, लेकिन उद्धव की जबान वो कैसे बंद करेंगे। यही नहीं उद्धव ने तो चेतावनी भी दे दी कि कहीं देर करने से हाल राष्ट्रपति चुनाव वाला न हो जाए। एनडीए के दो अहम दल शिवसेना और जेडीयू प्रणव मुखर्जी के साथ खड़े थे और बीजेपी पी ए संगमा के पीछे।

Monday, January 28, 2013

आईसीसी रैंकिंगः पहली बार टॉप 10 में सुरेश रैना

भारत के धुरंधर बल्लेबाज सुरेश रैना ने आईसीसी वनडे रैंकिंग में 15 स्थानों की लंबी छलांग मारते हुए करियर में पहली बार टॉप 10 की लिस्ट में जगह बना ली है. इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में रैना ने 4 पारियों में 92 से भी ज्यादा की औसत से 277 रन बनाए थे. उनके इस दमदार प्रदर्शन से ना सिर्फ उन्हें मैन ऑफ सीरीज का खिताब मिला बल्कि इससे वो 669 रेटिंग्स प्वाइंट के साथ आईसीसी वनडे रैंकिग के बल्लेबाजों की लिस्ट में 10वें पायदान पर विराजमान भी हो गए हैं.
इंग्लैंड के खिलाफ ऑलराउंडर प्रदर्शन करने वाले रवींद्र जडेजा भी 8 पोजीशन की छलांग मारते हुए गेंदबाजी रैंकिंग में नंबर 8 पर काबिज हो गए हैं. वहीं बल्लेबाजी रेटिंग्स में जडेजा ने 9 स्थानों की छलांग मारते हुए 56वें पायदान पर पहुंच गए हैं.

और सोनिया को मांगनी पड़ी जस्टिस वर्मा से माफी!

कांग्रेस ने न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की इस टिप्पणी पर चुप्पी साध ली कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनसे इस बात के लिए माफी मांगी कि उन्हें दुष्कर्म विरोधी कानून पर पार्टी के सुझाव देने के लिए आधी रात को जगाया गया. वर्मा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने संक्षिप्त जवाब में कहा, ‘हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.’ पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पार्टी के लिए यह मुद्दा काफी अहम है लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि जवाब भेजने में ऐसी देरी क्यों हुयी.
वर्मा ने कहा था, ‘आधी रात को कोई मेरे आवास पर आया, मुझे जगाया और व्यक्तिगत तौर पर (कांग्रेस पार्टी की राय) देनी चाही. लेकिन कैसे भी इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष को पता चल गया. उन्होंने अगले दिन खुद मुझे फोन किया और मुझसे माफी मांगी. मैंने उनसे कहा कि ऐसा न करें.’
न्यायमूर्ति वर्मा तीन सदस्यीय समिति के प्रमुख थे जो 16 दिसंबर की सामूहिक बलात्कार की घटना के मद्देनजर बलात्कार विरोधी कानून में संशोधनों पर सलाह देने के लिए गठित की गई थी. 23 जनवरी को समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी.

शाहरुख के इस बयान पर नाहक चिंतित है पाकिस्तान

पहले हाफिद सईद और अब पाकिस्तान के गृहमंत्री ने बॉलीवुड के किंग खान की सुरक्षा को लेकर बिना वजह चिंता जाहिर की है. मलिक ने बड़े ही हास्यास्पद और गैरजिम्मेदाराना ढंग से शाहरुख की सुरक्षा का मसला उठाया है. मलिक ने कहा है कि भारत सरकार को शाहरुख खान को सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए. पर पाकिस्तान की तरफ से इस तरह के बयान आखिर क्यों दिए जा रहे हैं? इसका कारण है शाहरुख खान का एक पत्रिका को दिया वह इंटरव्यू जिसमें उन्होंने अपने साथ हो रही कथित ज्यादती का जिक्र किया था.
शाहरुख खान ने कहा था, कई नेता मुसलमानों के देशभक्त नहीं होने के बारे में जो सोचते हैं, मुझे उसके प्रतीक की तरह पेश करते हैं. कई बार ऐसी बातें भी कही गईं कि मैं ये देश छोड़ दूं और 'असली मातृभूमि' को चला जाऊं. मेरे पिता आजादी की लड़ाई में शरीक रहे, फिर भी कई बार मुझे पर आरोप लगे कि मेरी निष्ठा अपने मुल्क से ज्यादा पड़ोसी मुल्क के साथ है.
शाहरुख खान ने कहा था कि मैंने अपने बेटे और बेटी का नाम आर्यन और सुहाना रखा, ताकि नाम से उनके मजहब या इलाके का पता न चले. शायद इससे वे देश छोड़कर जाने के फतवों से भी बचे रहेंगे. वैसे मुझे पैदाइशी तौर पर 'खान' का जो टाइटल मिला है, इससे मेरे बच्चे नहीं बच सकते.

प्याज पर बारिश की मार, देश का अब निकलेगा आंसू!

महाराष्ट्र में खराब बारिश के चलते प्याज की फसल पर बुरा असर पड़ा है, इसके चलते पिछले 15 दिनों में प्याज की कीमत में 30 फीसदी तक उछाल आ गया है। महाराष्ट्र की मंडियों से देश में 60 फीसदी प्याज पहुंचाया जाता है, लिहाजा आने वाले दिनों में इसका असर दूसरे राज्यों में दिखेगा।
शांता बाई जैसी बहुत सी गृहणियां परेशान हैं, पहले सब्जियों के दाम में उछाल आया और अब प्याज आंसू निकाल रहा है। महाराष्ट्र जहां से देश भर का ज्यादातर प्याज आता है। वहां इस साल प्याज की फसल अच्छी नहीं हुई है, कम बारिश ने फसल खराब कर दी है। ऊपर से निर्यात पर रोक नहीं लगने की वजह से भी प्याज के दामों में इजाफा हुआ है। हाल ये है कि नासिक, मुंबई और नवी मुंबई में प्याज का खुदरा भाव पिछले 15 दिन में 25 रुपए से बढ़कर 35 रुपये प्रति किलो हो गया है। 
नासिक मंडी की बात करें तो यहां प्याजा का मौजूदा दाम है थोक (17-19 रुपये किलो) खुदरा (30-35 रुपये किलो)। 15 दिन पहले यहां रेट था थोक भाव (15 रुपये), जबकि खुदरा भाव था (25 रुपय़े) प्रति किलो। वहीं खुदरा विक्रेता का कहना है कि मंडी में ही थोक भाव बढ़ गया है तो वो क्या करें। मंडी में प्याज कम है और आने वाले कुछ दिनों तक ये कमी बनी रहेगी जिसकी वजह से भाव में अगले कुछ दिनों तक गिरावट की गुंजाइश कम ही है।  


पांच साल में पंजाब में कैंसर से 33 हजार की मौत

देश के सबसे समृद्ध और खुशहाल समझे जाने वाले पंजाब के बारे में खुद पंजाब सरकार की एक डरा देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में लिखा है कि पिछले पांच सालों में पंजाब में कैंसर ने 33 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। हैरानी की बात है कि इस सर्वे में कैंसर के सबसे ज्यादा मामले खुद मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के अपने जिले मुक्तसर में सामने आए हैं।
पंजाब में पिछले पांच साल में 33 हजार 318 लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है यानि हर रोज पंजाब में कैंसर 18 से ज्यादा लोगों को मौत के आगोश में ले लेता है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के बादल गांव में रहने वाले सुरजीत कौर का पूरा परिवार कैंसर की भेंट चढ़ चुका है। सर्वे के मुताबिक मालवा के मुक्तसर जिले में सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज पाए गए। ये इलाका पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का इलाका है। दो साल पहले मुख्यमंत्री की पत्नी सुरिंदर कौर की मौत भी कैंसर से ही हुई थी।
 पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री मदन मोहन मित्तल ने सोमवार को सर्वे की रिपोर्ट पेश की। सर्वे के मुताबिक 23,874 लोगों को कैंसर है, जबकि 84,453 लोगों ने कैंसर होने का शक जताया है जिनका टेस्ट होना अभी बाकी है। ये रिपोर्ट राज्य के 217 शहरों और 12,603 गांवों में किए गए सर्वे के आधार पर बनाई गई है। इस दौरान 2 करोड़ 64 लाख रुपये से ज्यादा लोगों के पास जाकर कैंसर के आंकड़े इकट्ठे किए गए।
पंजाब सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक हर 1 लाख लोगों में सबसे ज्यादा 136.3 कैंसर के मरीज मुक्तसर में हैं। दूसरे नंबर पर मनसा जिला है, जहां यह आंकड़ा 134.3 है। तीसरे पर भटिंडा है जहां 1 लाख की आबादी पर 124.8 मरीज कैंसर से पीड़ित हैं। चौथे स्थान पर फिरोजपुर है जहां यह आंकड़ा 113.9 है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे पंजाब में औसत प्रत्येक एक लाख लोगों में 80 लोग कैंसर से पीड़ित हैं।
कैंसर की इस बीमारी का कारण जानने के लिए कई रिसर्च हुए। ज्यादातर रिसर्च में ये बात सामने आई कि कैंसर की वजह है खेती के लिए कीटनाशक और केमिकल खाद का बेतहाशा इस्तेमाल। इस सच्चाई से इलाके के किसान वाकिफ हैं, लेकिन उनका कहना है कि हरित क्रांति के बाद इस जमीन को इसकी आदत पड़ गई है और बगैर कीटनाशक और केमिकल खादों के यहां अच्छी फसल ही नहीं होती।
अब पंजाब सरकार एक और सर्वे करवाने जा रही है। अगले सर्वे का मकसद होगा ये पता लगाना कि पंजाब में कैंसर फैलने की ठोस वजह क्या है। कैसे पंजाब को तेजी से पैर पसार रहे कैंसर से निजात दिलाई जाए। कैंसर की रोकथाम के लिए क्या किया जाए। इसके साथ ही जिन 80 हजार से ज्यादा लोगों को यह आशंका है कि उन्हें कैंसर है, उनकी अच्छे तरीके से मेडिकल जांच कराई जाएगी।
साल 2009 में अमृतसर की गुरुनानकदेव यूनिवर्सिटी ने मालवा के भटिंडा में 5 साल तक कैंसर पर रिसर्च कर अपनी रिपोर्ट सामने रखी थी। रिसर्च में यूनिवर्सिटी ने पाया था कि भटिंडा और आसपास के इलाके के लोगों को कैंसर होने की वजह दरअसल यूरेनियम है यानि एक रेडियो एक्टिव पदार्थ, जिससे खतरनाक एटम बम बनता है, बिजली बनती है। लेकिन अगर यही यूरेनियम आपके शरीर में घुल जाए तो जानलेवा बन जाता है। धीरे-धीरे मौत देता है, वो भी कैंसर की शक्ल में।
रिसर्च के मुताबिक भटिंडा के जमीनी पानी, सब्जियों और मवेशियों के दूध में भी यूरेनियम की घातक मात्रा मिली। अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत एक आदमी के शरीर में एक दिन में औसतन 5 माइक्रोग्राम से ज्यादा यूरेनियम नहीं जाना चाहिए लेकिन यहां पर खाने-पीने की चीजों के जरिए रोजाना औसतन 138.41 माइक्रोग्राम यूरेनियम लोगों के शरीर में जा रहा था।
दरअसल यूरेनियम पूरे फूड चेन को अपनी आगोश में ले चुका था। पानी में 138 माइक्रोग्राम प्रति लीटर यूरेनियम पाया गया। गांव से लिए गए दूध के सैंपल में औसतन 2.38 माइक्रोग्राम प्रति लीटर यूरेनियम की मात्रा पाई गई। प्रति किलो गेहूं में 111 माइक्रोग्राम यूरेनियम पाया गया, जबकि दालों में प्रति किलो 30 से 47 माइक्रोग्राम। अब इस रिपोर्ट के करीब चार साल बाद पंजाब सरकार का पहला सर्वे सामने आया है। लेकिन ये सर्वे भी आधा अधूरा है। इसमें सिर्फ कैंसर पीड़ितों की संख्या है, उससे निपटने के उपाय नहीं।

सनथ जयसूर्या होंगे श्रीलंकाई क्रिकेट के मुख्य चयनकर्ता

अब तक मैदान पर चौकों और छक्कों की बरसात कर विरोधी गेंदबाजों को पस्त करने वाले श्रीलंका के विस्फोटक बल्लेबाज सनत जयसूर्या अब जल्द ही मुख्य चयनकर्ता की भूमिका में दिखेंगे। इस संबंध में इसी हफ्ते घोषणा हो सकती है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक श्रीलंकाई खेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जयसूर्या वर्तमान मुख्य चयनकर्ता का स्थान लेंगे और जल्द ही नई चयन समिति की घोषणा कर दी जाएगी। हाल के दिनों में श्रीलंकाई टीम के मिश्रित प्रदर्शन के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। जयसूर्या ने एक बयान जारी कर अपनी नई नियुक्ति के बारे में पुष्टि की है।
 उन्होंने अपने बयान में कहा कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष पद पर मैं आसीन हो रहा हूं। मेरा मुख्य उद्देश्य प्रभावी टेस्ट टीम बनाना होगा। क्रिकेट का यह सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रारूप है। इसके बाद एकदिवसीय टीम पर हमारी नजर रहेगी। जयसूर्या ने अपने समर्थकों से उम्मीद जताई कि नई भूमिका में भी उन्हें उनका समर्थन मिलता रहेगा।

दिल्ली: विनोद नगर में दिन दहाड़े महिला की हत्या

दिल्ली के वेस्ट विनोद नगर इलाके में घर में घुसकर एक महिला की हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि चार बदमाश लूट के इरादे से घर में घुसे थे। उस वक्त महिला और उसका भाई घर में अकेला था।
जब उन्होंने विरोध किया तो बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। शोर मचाने पर 3 बदमाश भागने में कामयाब रहे जबकि एक बदमाश को लोगों ने पकड़ लिया। दिन दहाडे़ हुई इस वारदात से इलाके में सनसनी फैल गई और दिल्ली में फिर महिलाओं की सुरक्षा लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

बॉलीवुड संग काम करना किस्मत की बात: चेतन भगत

प्रसिद्ध उपन्यासकार चेतन भगत अब फिल्मों की पटकथाएं लिख रहे हैं। 38 वर्षीय चेतन अपने उपन्यास 'द थ्री मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ' पर आधारित फिल्म 'काई पो चे' की पटकथा लिखने के बाद तेलुगू फिल्म के हिंदी संस्करण 'किक' की कहानी लिख रहे हैं। इस फिल्म में सलमान खान मुख्य भूमिका में हैं।
चेतन ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह एक ऐसे इंसान की कहानी है जो अपने जुनून और मस्ती के लिए जीता है। उन्होंने कहा कि मैं किस्मतवाला हूं कि बॉलीवुड को मेरी कहानी पसंद आ रही है। इससे अच्छा महसूस हो रहा है क्योंकि लेखकों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। वे सिर्फ मेरी उपन्यास पर ही फिल्म नहीं बना रहे , बल्कि मैं बड़े और प्रतिभाशाली लोगों के साथ काम कर रहा हूं।

अभिषेक कपूर निर्देशित 'काई पो चे' अहमदाबाद में रहने वाले तीन दोस्तों और उनके जीवन के बदलाव की कहानी है। उन्होंने कहा कि यह तीसरी बार है जब मेरी कहानी पर फिल्म बन रही है। मैं बहुत खास महसूस कर रहा हूं। 'काई पो चे' और भी ज्यादा खास है क्योंकि मैं इसकी पटकथा भी लिख रहा हूं। चेतन के उपन्यास 'वन नाइट एट कॉल सेंटर' पर 'हेलो' (2008 ) और 'फाइव प्वाइंट वन' पर 'थ्री इडियट्स' (2009) बनी थी। भगत के दो और उपन्यास '2 स्टेट्स' और 'रिवोल्युशन 2020' हैं।
उनके मुताबिक भारत में खासकर बॉलीवुड में किसी किताब के ऊपर फिल्म बनाने का चलन शुरू होना अभी भी बाकी है। उन्होंने कहा कि मुझे इस चलन के शुरू होने की उम्मीद है। जब लोग फिल्म देखते हैं, वह एक अच्छी कहानी देखना चाहते हैं अगर फिल्म निर्देशक किसी अच्छे उपन्यास को चुनते हैं तो वह अच्छा आधार तैयार करते हैं। हालांकि, उन्हें किसी किताब पर फिल्म बनाना आसान नहीं लगता।

विवाहिता ने किया प्रेमी संग विवाह, भाइयों ने ले ली जान

बिहार के मुंगेर जिले के खड़गपुर थाना क्षेत्र में सोमवार को एक विवाहित महिला को अपने प्रेमी के साथ विवाह कर लेने से नाराज उसके ही भाइयों ने कथित तौर पर उसकी पीटकर जान ले ली। पुलिस के अनुसार गोबड्डा गांव की रहने वाली पूनम कुमारी का विवाह तीन वर्ष पूर्व बेलहर थाना के डोलबंद गांव निवासी गौतम के साथ हुआ था। परंतु कुछ ही दिनों के बाद पति-पत्नी के बीच मन-मुटाव हो गया। इसके बाद पूनम अपने मायके में रहने लगी।
पुलिस ने बताया कि पूनम ने गुपचुप तरीके से करीब एक महीने पूर्व अपने प्रेमी लक्ष्मीपुर थाना के डोभाचक गांव निवासी गुड्डू से विवाह कर लिया। इसकी जानकारी होने के बाद पूनम के परिजन काफी नाराज हुए और उसके ही दो भाइयों शिवकांत और छोटू ने सोमवार की सुबह पूनम की जमकर पिटाई कर दी।
अत्यधिक पिटाई होने से उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इस हत्या को आत्महत्या का मामला बनाने के लिए शव के गले में फंदा डालकर कमरे की छत से लटका दिया गया। खड़गपुर के थाना प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है तथा पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। घटना के बाद से दोनों भाई फरार बताए जा रहे हैं।

ईरान ने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान पर भेजा बंदर

ईरान ने सोमवार को अपने महत्वाकांक्षी रॉकेट अभियान के तहत एक बंदर को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा। ईरान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भाविष्य के मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियानों की सफलता परखने के लिए बंदर को रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजने का यह प्रयोग किया गया।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ने आधिकारिक सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि यह ईरान की महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान की शुरुआत है जहां हमेशा से पश्चिमी देशों ने अपना वर्चस्व बनाया है। खबरों में कहा गया कि एक छोटे बंदर को कावोशगर रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में 120 किलोमीटर ऊपर भेजा गया। यह प्रयोग सफल रहा और रॉकेट अपेन निर्धारित समय पर वापस बंदर को लेकर सकुशल लौट आया।
ईरान ने इसे एक अंतरिक्ष अभियान भर करार दिया है लेकिन पश्चिमी देशों का मानना है कि रॉकेट को जिस मिसाइल तकनीक से प्रक्षेपित किया गया है वह भविष्य में परमाणु हथियार भेजने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।


बीजेपी के पांच और विधायक मेरे संपर्क में हैं: येदुरप्पा

कर्नाटक में बीजेपी के बागी विधायक आज स्पीकर के जी बोपैया से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। दो मंत्रियों समेत बीजेपी के 13 विधायकों ने पिछले बुधवार को विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। येदुरप्पा समर्थक ये विधायक जब इस्तीफा देने पहुंचे थे तो स्पीकर बोपैया मौजूद नहीं थे। तब नाराज विधायकों ने अपना इस्तीफा राज्यपाल हंसराज भारद्वाज को सौंप दिया था। इस बीच बीजेपी दावा कर रही है कि कर्नाटक सरकार पर कोई संकट नहीं है। लेकिन येदुरप्पा ने ये कहकर मुश्किल बढ़ा दी है कि बीजेपी के पांच और विधायक उनके संपर्क में हैं।
कर्नाटक की बीजेपी सरकार और अलग पार्टी बना लेने वाले पूर्व मुख्यमंत्री येदुरप्पा के बीच घमासान तेज हो गया है। पिछले दिनों दो मंत्रियों समेत बीजेपी के 13 विधायकों ने पिछले बुधवार को विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन उनका इस्तीफा अब तक मंजूर नहीं हुआ। बीजेपी चाहती है कि वो खुद कार्रवाई करके बाकी विधायकों को संदेश दे। इसलिए वो उन 12 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग कर रही है जो 7 दिसंबर को कर्नाटक जनता पार्टी के गठन के दिन येदुरप्पा के साथ मंच पर बैठे थे।
बीजेपी का कहना है कि चूकि ये मामला दिसंबर का है, और उन्होने इन 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पहले ही की थी इसलिए पहले इन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई हो फिर कोई और फैसला हो। इसलिए अब सारी नजर कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर पर टिकी हैं। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को स्पीकर इस पर फैसला ले सकते हैं। 
इधर, सोमवार सुबह मुख्मंत्री जगदीश शेट्टार ने बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से दिल्ली में मुलाकात । राजनाथ ने राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों पर विराम लगाया और दावा किया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि कर्नाटक में हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है, सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
गौरतलब है कि 223 सदस्यों की कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए 113 विधायकों की जरूरत है। फिलहाल बीजेपी के कुल 119 विधायक हैं। अब अगर इनमें से अगर 13 विधायक निकल जाते हैं तो उसके पास 106 विधायक बचेंगे। तब विधानसभा सदस्यों की संख्या भी 223 से कम होकर 210 हो जाएगी। यानि बीजेपी को बहुमत के लिए 106 सदस्यों की ही जरुरत होगी जो फिलहाल उसके साथ हैं।
लेकिन एक भी सीट इधर से उधर हुई तो बीजेपी सरकार को लेने के देने पड़ सकते हैं। 4 फरवरी को बजट पेश करते वक्त उसके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। इस बीच येदुरप्पा ने धमकी दी है कि बीजेपी के पांच और विधायक उनके संपर्क में हैं जो इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।

पूर्णिमा पर कैसे रहे महाकुंभ के रंग

तीर्थराज प्रयाग में पौष पूर्णिमा के दिन महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान के अवसर पर रविवार को गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम में एक बार फिर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। लगभग 55 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई जिनमें देश-विदेश से आए लोग शामिल हैं। पौष पूर्णिमा का दिन होने के कारण संगम तट पर कल्पवास की शुरुआत भी हो गई। आइए नजर डालते हैं महाकुंभ की तस्वीरों पर।


सड़कों की शान बनेगी रेनो की कैप्चर क्रॉसओवर

छोटी कार की रेस में शामिल होने जा रही है रेनो की नई छोटी कार ‘कैप्चर क्रॉसओवर’। लुक के मामले में ये कार बहुत कुछ रेनो की कैप्चर कॉंसेप्ट से मिलती-जुलती है। ये रेनो की सबसे खूबसूरत कार मानी जा रही है। ये कार पेट्रोल और डीजल दोनों वर्जन में पेश हुई है। बहुत जल्द ये भारत की सड़कों पर दौड़ेगी।
रेनो कैप्चर कॉंसेप्ट कार में 1.2 लीटर का टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन लगा है। इसके अलावा इसमें 1.5 लीटर का डीजल इंजन भी लगा है। वो भी 6स्पीड ड्यूल क्लच गीयरबॉक्स के साथ। रेनो ने अपनी इस खूबसूरत क्रॉसओवर को जिनेवा मोटर शो में उतारा था।
 रेनो ने डस्टर की सफलता के बाद भारत में इस कार को भी उतारने का मन बनाया है। इंटीरियर के साथ-साथ रेनो की ‘कैप्चर’ कार आउटलुक भी बेहद शानदार है।

तेलंगाना पर सात कांग्रेसी सांसद आज सौंपेंगे इस्तीफा

गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की दी डेडलाइन के खत्म खत्म होते ही तेलंगाना में बवाल शुरू हो गया है। सोमवार को हैदराबाद में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। सूत्रों के मुताबिक अपनी ही सरकार से नाराज सात कांग्रेसी सांसद आज सोनिया को इस्तीफा सौंप सकते हैं। ये कांग्रेसी सांसद आज तेलंगाना समर्थक नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं। उधर केंद्र सरकार ने कहा है कि तेलंगाना पर फैसला लेने के लिए उसे कुछ और वक्त चाहिए।
हैदराबाद में पसरे तनाव के बीच इंद्रा पार्क इस वक्त तेलंगाना समर्थकों का गढ़ बना हुआ है। यहां तेलंगाना ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद हैं। टीआरएस यानि तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता कमेटी के साथ मिलकर आगे की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। सरकार की दी हुई डेडलाइन खत्म हो चुकी है। तेलंगाना राज्य से जुड़ा कोई ऐलान केंद्र सरकार ने नहीं किया। कमेटी चेतावनी दे रही है कि उसका आंदोलन तेज होगा। तो टीआरएस ने कांग्रेस के सांसदों विधायकों से अपील कर रही है कि वो इस्तीफा देकर इस आंदोलन में शामिल हों।
टीआरएस विधायक और नेता हरीश राव के मुताबिक कांग्रेस के तेलंगाना मंत्रियो को इस्तीफ़ा देना चाहिए। हम लाखों लोगों को इकठ्ठा करके नारा देंगे। चलो असेम्बली। कितनी मीटिंग होगी, हम अपना गुस्सा दिखा कर कांग्रेस को सबक सिखाएंगे।आंध्र सरकार की सभी कोशिशों के बावजूद सड़कों पर प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। 
रविवार को कांग्रेस कोर कमेटी के वरिष्ठ सदस्यों ने आपस में मुलाकात कर तेलंगाना मुद्दे पर थोड़ा और वक्त मांगा था। इस बैठक में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और आंध्र प्रदेश के इंचार्ज गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे। इस बैठक के बाद ही तय हुआ कि 28 जनवरी की डेडलाइन को और आगे बढ़ाया जाए।
कांग्रेस का कहना है कि अलग तेलंगाना के लिए अभी आंध्र प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से और बातचीत और सहमति बनाने की जरुरत है। हालांकि कांग्रेस के स्थानीय नेता पार्टी के फैसले से बेहद नाखुश हैं। लेकिन अलग तेलंगाना की मांग करने वाले केंद्र सरकार के इस रवैए से खफा है। उधर रंगारेड्डी के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में गृहमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। इसमें मांग की गई है कि पी चिंदबरम ने गृह मंत्री रहते हुए 9 दिसंबर, 2009 को अलग तेलंगाना राज्य को लेकर जो वादा किया था उसे पूरा नहीं किया। ये तेलंगाना के लोगों से धोखाधड़ी है। फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
इन सब के बीच बीजेपी इस पूरे मामले को कांग्रेस और सरकार की घेरेबंदी के मौके के तौर पर देख रही है। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के मुताबिक तेलंगाना के मुद्दे पर कांग्रेस नें यह आश्वासन दिया था की वो तेलंगाना बनाएंगे | बीजेपी बहुत समय से कह रही है कि तेलंगाना बनाना चाहिए पर अभी भी कांग्रेस इस मसले पर टालम टोल कर रही है। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहूंगा कि वो देश को बताएं की आखिर तेलंगाना राज्य के रूप में कब बन पाएगा।
जिस तरह से सियासत और राजनीतिक बयानबाजी स्थिति को गंभीर बना रही है वो आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए परेशानी का सबब है। केंद्र सरकार की नई डेडलाइन और उस डेडलाइन के खत्म हो जाने से स्थिति गंभीर हो गई है। खुद कांग्रेस में फैसले को स्थगित करने को लेकर विरोध के सुर तेज होने लगे हैं।


सपने साकार करने वाली वेबसाइट ‘पॉसिबल डॉट कॉम’

अर्जेंटीना निवासी मार्टिन पार्लाटो ने एक ऐसी वेबसाइट तैयार की है, जिसपर इंटरनेट उपयोग करने वालों को अपने सपने साकार करने में मदद मिल सकती है। पार्लाटो ने वेबसाइट अपने पिता के सम्मान में शुरू की है, जिनका उसके बचपन में ही निधन हो चुका था। समाचार एजेंसी ‘ईएफई’ के मुताबिक पार्लाटो ने कहा कि अमेरिका में पंजीकृत वेबसाइट ‘पॉसिबल डॉट कॉम’ (पीओएसआईबीएल डॉट कॉम) की शुरुआत निजी जरूरतें पूरी करने के लिए की गई थी।
वेबसाइट पिछले साल नवंबर में शुरू हुई है और अब तक कई युवाओं के सपने साकार करने में मदद कर चुकी है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि सोशल नेटवर्क में सामाजिक बनने की पूरी संभावना है, लेकिन उसका इस तरह से इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इसलिए मैंने कुछ अलग चीज तैयार करने की सोची। पार्लाटो ने अपने पिता के बारे में कहा कि उन्होंने मुझे उन लोगों की खोज करने की एक स्पष्ट सोच दी जो जरूरतमंद हैं, साथ ही उनके जीवन से जुड़ने और उसे पूरी तरह से बदल देने और उसे जो भी सफलता मिले उसके प्रति उदार रहने की सोच दी। उसके पिता इटली के एक प्रवासी के पुत्र थे और जब पार्लाटो सात साल के थे तभी उनकी मौत हो चुकी थी।
उन्होंने कहा कि ‘पॉसिबल डॉट कॉम’ पर लोग अपने सपने के बारे में बता सकते हैं और उन्हें कई प्रकार की सहायता मिल सकती है, जिनमें आर्थिक सहायता भी शामिल है। उन्होंने अर्जेंटीना के एक शहर कोडरेबा के एक बच्चे का उदाहरण दिया, जो अपनी स्टेम कोशिकाओं का प्रतिरोपण करवाना चाहता था, उसे एक कंपनी ने चीन में यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए 60 हजार डॉलर की मदद की। पार्लाटो अपनी कंपनी का मुख्यालय न्यूयॉर्क ले जाना चाहता है। इन दिनों वह न्यूयॉर्क में संभावित निवेशकों और फाउंडेशनों के साथ बैठक कर रहा है, जो पॉसिबल के साथ जुड़ना चाहते हों।

शिंदे और चिदंबरम पर चलेगा चार सौ बीसी का केस!

आंध्रप्रदेश की रंगारेड्डी कोर्ट ने देश के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। दोनों पर अलग तेलंगाना राज्य के गठन का अपना वायदा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद शिंदे और चिदंबरम पर धारा 420 के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
रंगारेड्डी कोर्ट में तेलंगाना समर्थकों ने अर्जी दी थी कि पी चिदंबरम ने गृहमंत्री रहते हुए अलग तेलंगाना राज्य के गठन का वायदा किया था लेकिन उन्होंने उसे पूरा नहीं किया। हाल ही में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी 28 जनवरी की डेडलाइन देते हुए ऐसा ही वायदा किया लेकिन अब शिंदे और वक्त मांग रहे हैं। ये जनता के साथ धोखाधड़ी है इसलिए इन दोनों नेताओं के खिलाफ केस चलाया जाना चाहिए।
अर्जी पर सुनवाई के बाद रंगारेड्डी मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने दोनों नेताओं पर अलग तेलंगाना राज्य के गठन पर अपना वायदा पूरा नहीं करने का आरोप प्रथम दृष्टया सही पाया और शिंदे और चिदंबरम के खिलाफ एलबी नगर पुलिस को धारा 420 के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए।

ताज कॉरिडोर घोटाला: माया के खिलाफ क्यों न चले केस?

ताज कॉरिडोर मामले में उत्तर प्रदेश के गवर्नर टी वी राजशेखर की इजाजत के बगैर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और उनके कैबिनेट सहयोगी नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ केस चलाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा। कोर्ट ने इस मुद्दे पर मायावती, केंद्र सरकार, यूपी सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में उनके जवाब मांगे हैं।
गौरतलब है कि इस घोटाले में यूपी गवर्नर टी वी राजशेखर ने मायावती और माया सरकार में शामिल मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की साजिश रचने के आरोपों पर मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी थी। 
इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी गवर्नर के फैसले को सही ठहराया था। याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है इस पर सुप्रीम कोर्ट ने ये नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

बीजेपी में 2014 के चुनाव अभियान की कमान मोदी को!

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका दिया जाना तकरीबन तय हो गया है। रविवार को जब नरेंद्र मोदी ने दिल्ली आकर नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की तो दोनों नेताओं के बीच 2014 के लोकसभा चुनावों पर विस्तृत बातचीत हुई।
सूत्रों ने सीएनएन-आईबीएन को बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री को बीजेपी के चुनावी अभियान की कमान दी जा सकती है। राजनाथ सिंह भी मोदी को ये भूमिका दिए जाने के पक्ष में हैं। सूत्रों के मुताबिक मोदी को केंद्र में लाने के पहले कदम के रूप में उन्हें बीजेपी संसदीय दल का दोबारा सदस्य बनाया जाएगा। बीजेपी संसदीय दल पार्टी की सबसे बड़ी निर्णायक बॉडी है।
राजनाथ सिंह मंगलवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात करेंगे। दोनों के बीच विभिन्न विषयों के अलावा नरेंद्र मोदी की भूमिका के संबंध में भी विचार-विमर्श होने की संभावना है।


नोट के बदले वोट मामले की जांच CBI करे: हाईकोर्ट

निगरानी ब्यूरो की रिपोर्ट से खफा झारखंड हाईकोर्ट ने तय किया है कि साल 2010 राज्यसभा चुनाव में नोट के बदले वोट देने के मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। इस मामले की जांच अब तक राज्य निगरानी ब्यूरो करता आ रहा था। झारखंड हाई कोर्ट इस मामले में उसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं था।
आईबीएन7 और कोबरा पोस्ट ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। इसके बाद नोट के बदले वोट मामले ने काफी तूल पकड़ा था और इस मामले की जांच सूबे के निगरानी विभाग को सौंपी गई थी, लेकिन इस मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट से कोर्ट संतुष्ट नहीं था। इस वजह से उसने इस मामले की जांच के आदेश सीबीआई को करने के लिए दिए हैं।
हाईकोर्ट ने ये भी निर्देश जारी किया है कि निगरानी ब्यूरो के काम-काज की जांच भी सीबीआई करेगी। देश का यह पहला मामला है जहां एक भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी की जांच कोई दूसरी जांच एजेंसी करेगी। साल 2010 में राज्यसभा चुनाव के दौरान 6 विधायकों को वोट के बदले नोट की बात करते हुए कैमरे में कैद किया गया था।

कांग्रेस फंसी, तेलंगाना बनाए या अपनी सरकार बचाए

तेलंगाना मामले ने कांग्रेस की परेशानी बढ़ा दी हैं। कांग्रेस की परेशानी यह है कि अगर वो तेलंगाना नहीं बनाती है तो तेलंगाना क्षेत्र उसके हाथ से निकल जाएगा। तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें हैं। दूसरी ओर यदि पार्टी तेलंगाना राज्य का समर्थन करती है तो उसे आंध्र और रायलसीमा क्षेत्र में बगावत का सामना करना पड़ सकता है। बाकी आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें हैं। कांग्रेस को अगले लोकसभा चुनाव में दोबारा सत्ता में लौटने के लिए आंध्र में अच्छे प्रदर्शन की जरूरत है क्योंकि 2009 में उसे इसी राज्य में ही सब से ज्यादा 33 सीटें मिली थीं।
इसके अलावा कांग्रेस का एक डर ये भी है कि अगर उसने तेलंगाना राज्य की घोषणा कर दी तो आंध्र और रायलसीमा के विधायक इस्तीफा दे देंगे। इससे किरण कुमार रेड्डी सरकार गिर जाएगी और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ सकता है। यही वजह है कि पार्टी फिलहाल तेलंगाना पर कोई निर्णय नहीं ले पा रही और एक के बाद एक डेडलाइन खत्म होती जा रही हैं।
पहले गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि वह 28 जनवरी की तारीख से पहले ही तेलंगाना की समस्या के समाधान की घोषणा करेंगे। आज केंद्र की तय की गई समय सीमा का आखिरी दिन है लेकिन कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद और गृह मंत्रालय ने कहा कि इस मुद्दे पर अभी और विचार विमर्श की जरूरत है।
कांग्रेस कोर कमेटी की दिल्ली में रविवार को हुई बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि तेलंगाना के मुद्दे पर सलाह मशविरे के लिए मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और तीनों क्षेत्रों के नेताओं को दिल्ली बुलाया जाएगा लेकिन इस प्रक्रिया के पूरी होने की समय सीमा के बारे में आजाद ने कुछ नहीं बताया। इसके कुछ देर बाद ही गृह मंत्रालय ने भी एक बयान में कहा कि अभी बातचीत जारी है और पहले से तय की गई मियाद के भीतर फैसला नहीं लिया जा सका है। इसमें कुछ और दिन लगेंगे।


लोकपाल बिल पर सोनिया ने लिखी अन्ना हजारे को चिट्ठी

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अन्ना हजारे को लोकपाल बिल के मुद्दे पर पत्र लिखा है। पत्र में सोनिया ने कहा है कि लोकपाल बिल आगामी बजट सत्र में पास हो जाएगा। लोकपाल बिल दिसंबर 2011 में लोकसभा में पास हो गया था, लेकिन समय की कमी के कारण राज्यसभा में अटक गया था। तब से सरकार ने इस बिल को राज्यसभा में पेश नहीं किया है।
सोनिया ने ये पत्र किसानों को एकजुट करने के मकसद से अन्ना हजारे के देश के दौरे से ठीक दो दिन पहले लिखा है। हजारे ने 16 जनवरी को ऐलान किया था कि वो 30 जनवरी से बिहार से अपने अभियान की शुरूआत करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों में एकजुटता की कमी का फायदा सरकार उठाती है। इसीलिए किसानों को एकजुट करना जरूरी है। मैंने फैसला किया है कि मैं डेढ़ साल तक देशव्यापी अभियान जारी रखूंगा और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में सत्याग्रह करूंगा।


'विश्वरूपम' पर कोर्ट की सलाह, सरकार से बात करें कमल

कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम की रिलीज पर मद्रास हाईकोर्ट ने सुनवाई कल तक के लिए टाल दी है। कोर्ट ने प्रोड्यूसर कमल हासन से सरकार से बात करने को कहा है ताकि बीच का कोई रास्ता निकल सके। अगर इस पर भी बात नहीं बनती है तो कोर्ट इस पर अपना फैसला कल सुनाएगा।
तमिलनाडु में रोक के बाद बैंगलोर और हैदराबाद में भी फिल्म रिलीज नहीं हो पाई है। आतंकवाद पर आधारित इस फिल्म का कुछ मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं। विश्वरूपम रिलीज की जाए या नहीं इसके लिए मद्रास हाईकोर्ट के जजों ने 26 जनवरी को फिल्म देखी और आज इस पर फैसला सुनाना था। 
तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनी कमल हासन की फिल्म 'विश्वरूपम' विवादों के घेरे में है। शुक्रवार को फिल्म देशभर में रिलीज हुई, लेकिन आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में और बैंगलोर में फिल्म नहीं दिखाई जा सकी। आंध्र में गृह मंत्री सविता रेड्डी ने हैदराबाद और साइबराबाद में फिल्म रिलीज पर रोक लगाने का आदेश दिया तो बैंगलोर में पुलिस ने वितरकों को ईद के मौके पर प्रदर्शन रोकने का फरमान जारी कर दिया।
मुस्लिम संगठनों के विरोध के चलते तमिलनाडु सरकार पहले ही फिल्म पर दो हफ्ते के लिए रोक लगा चुकी है। राज्य सरकारों को आशंका है कि फिल्म से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने भी राज्य सरकारों के फैसले को सही ठहराने की कोशिश की है। आरोप है कि फिल्म में मुसलमानों को गलत ढंग से पेश किया गया है। धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली के मुताबिक हम इस फिल्म पर लगे बैन का स्वागत करते हैं, ये आगे के लोगों को लिए भी सबक है कोई भी ऐसी विवादस्पद चीज या फिल्म जो किसी भी भावनाओं को ठेस पहुंचाए वो नहीं करना चाहिए।
कमल हासन की ये फिल्म आतंकवाद पर आधारित है। इस मुद्दे पर मिशन कश्मीर, न्यूयॉर्क, फिजा, कुर्बान और ब्लैक फ्राइडे जैसी फिल्म पहले भी बन चुकी हैं। विश्वरूपम को सेंसर बोर्ड मंजूरी दे चुका है। ऐसे में सवाल ये है कि फिल्म का विरोध क्यों? 95 करोड़ की लागत से फिल्म बनाने वाले कमल हासन इसे सांस्कृतिक आतंकवाद करार दे रहे हैं।
फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के खिलाफ बॉलीवुड से भी जबरदस्त प्रतिक्रिया आई है। साहित्यकारों और लेखकों ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। सवाल ये है कि क्या कला और संस्कृति के प्रति समाज का रवैया संकीर्ण होता जा रहा है और क्या फिल्म और साहित्य पर रोक लगाकर सरकार कट्टरपंथियों के सामने खुद को कमजोर साबित नहीं करती?


कर्नाटक:13 विधायकों पर BJP और येदुरप्पा में मचा घमासान

कर्नाटक में बीजेपी सरकार पर संकट खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। बीजेपी के 13 विधायकों के इस्तीफे के मुद्दे पर केजेपी के अध्यक्ष और पूर्व बीजेपी मुख्यमंत्री बी एस येदुरप्पा पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। पार्टी का कहना है कि 13 विधायकों का इस्तीफा जल्द स्वीकार किया जाए। उधर, सूत्रों से खबर आ रही है कि बीजेपी 13 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है। पार्टी ने इन्हें अयोग्य ठहराने की भी मांग की है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने 13 विधायकों के इस्तीफे से इनकार किया है। इन विधायकों ने बीजेपी छोड़ पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा की पार्टी ज्वाइन करने का फैसला किया है। इन विधायकों के इस्तीफे के बाद कर्नाटक की शेट्टर सरकार संकट में मानी जा रही है। 


करगिल युद्ध में आतंकी नहीं, शामिल थे पाक सैनिक!

14 साल बाद करगिल जंग से जुड़ा पाकिस्तान का सबसे बड़ा झूठ सामने आ गया है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तानी जनरल ने ये कबूल किया है कि करगिल युद्ध में पाकिस्तानी फौज ने हिस्सा लिया था न कि आतंकवादियों ने। आपको बता दें कि करगिल युद्ध के दौरान और उसके बाद तक पाकिस्तान ये कहता रहा कि करगिल में घुसपैठ आतंकवादियों ने की थी लेकिन पाकिस्तान के जनरल ने अपनी ही सरकार के झूठ को बेनकाब कर दिया है यानि ये साफ हो गया है कि करगिल युद्ध पूरी तरह से पाकिस्तानी सेना के इशारे पर लड़ी गई थी और इसमें कोई आतंकी ग्रुप शामिल नहीं था।
ये खुलासा खुद पाकिस्तान के तत्कालीन लेफ्टीनेंट जनरल अजीज ने पाकिस्तानी अखबार 'द नेशन' को दिए साक्षात्कार में किया है। अजीज उस समय आईएसआई की अनालिसिस विंग के प्रमुख के तौर पर काम कर रहे थे। साल 2005 में रिटायर हुए अजीज ने साफ कहा कि करगिल की लड़ाई की योजना गलत तरीके से बनाई गई और हमने अपने सैनिकों को शिकार को दिए जाने वाले चारे की तरह इस्तेमाल किया। उस समय भारत की तरफ से किसी हमले की आशंका नहीं थी। तत्कालीन सेना नेतृत्व ने सोचा था कि भारतीय सेना ऊंचाई से हुए हमले का जवाब नहीं दे पाएगी लेकिन वो गलत थे।
दूसरी तरफ पाकिस्तानी लेफ्टीनेंट जनरल अजीज के बयान पर भारत में राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि अब ये साफ हो गया है कि करगिल की जंग के लिए पाकिस्तान ने बिना वजह भारत को उकसाया था। कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी के मुताबिक ये साबित हो गया है कि पाकिस्तान ने साजिश रची थी। पाकिस्तानी सेना का भरोसा नहीं किया जा सकता है। भारत सरकार को पाक से बात करते हुए बहुत एहतियात बरतनी चाहिए। बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी के मुताबिक पाकिस्तान सिर्फ भारत के लिए ही नही पूरी दुनिया के लिए खतरा है।
जबकि भारतीय रक्षा विशेषज्ञों ने भी नए खुलासे के बाद पाकिस्तानी सेना पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने याद दिलाया कि तब पाक सेना ने हमले में मारे गए अपने जवानों को मुजाहिदीन बताते हुए उनके शव तक लेने से इनकार कर दिया था। रक्षा विशेषज्ञ भरत वर्मा के मुताबिक उस वक्त आई कार्ड मिले थे वो पाकिस्तान जनरल सोल्जर्स के ही थे। जनरल अजीज पुष्टिकरण कर रहे हैं। जब उन्होंने अपने ही सिपाहियों की बॉडी लेने से मना कर रहे थे जो बहुत ही असम्मानीय था।
14 सालों में ये पहली बार नहीं है जब करगिल जंग पर पाकिस्तान का झूठ सामने आया है। करगिल में पाकिस्तानी सेना ने भारत के खिलाफ जंग लड़ी थी। उसने इस जंग में मात खाई थी। लेकिन उसने कभी नहीं माना की करगिल की जंग आतंकियों ने नहीं बल्कि उसकी सेना ने लड़ी थी।
10 जुलाई, 1999 को करगिल की जंग शुरू हुई थी जो 26 जुलाई तक लड़ी गई थी, लेकिन सवाल ये उठता है कि पाकिस्तान के इस नापाक इरादे को किसने शक्ल दी थी। गौरतलब है कि साल 2010 के नवंबर महीने में पाकिस्तानी सेना ने अपने आधिकारिक वेबसाइट पर 350 सैनिकों के नाम जारी किए। इन्हें शहीद का दर्जा दिया गया। खास बात ये है कि ये सभी करगिल की जंग में भारतीय सेना के शिकार बने थे। इनमें पाकिस्तान के दो हीरो कैप्टन कमाल शेर खान और हवलदार ललक जान का भी नाम था। इन्हें पाकिस्तान ने अपने सर्वोच्च वीरता पुरुस्कार निशान-ए-हैदर से सम्मानित किया था।
करगिल जंग पाकिस्तान के चेहरे पर हार का ऐसा बदनुमा दाग है। ये दाग जब भी उसके चेहरे से झूठ का नकाब उतरता है तब दिखता है। करगिल पाकिस्तान सेना की साजिश थी। इस साजिश का पोल पिछले 14 साल में कई बार खुली है। भारतीय सेना के आधिकारिक आकड़ों के मुताबिक इस लड़ाई में पाकिस्तानी सेना के एक हजार से 1200 सैनिक मारे गए। इनमें से करीब 200 तो भारत की जमीन में ही दफ्न किए गए। वहीं साल 2009 के जुलाई महीने में पाकिस्तान एयरफोर्स के पूर्व एयर कोमोडोर कैसर तुफैल ने अपने एक लेख में इस पूरी साजिश का खुलासा किया था। तुफैल के पास करगिल हमले के वक्त अहम जिम्मेदारी थी।
तुफैल के उस लेख की माने तो करगिल जंग में पाकिस्तानी सेना के चार अफसरों ने अहम भूमिका निभाई थी। वो तत्कालीन सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ के खासमखास थे और उनके हर आदेश का पालन कर रहे थे। कैसर के मुताबिक पाक सेना के 10 कॉर्प्स के तत्कालीन कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल महमूद अहमद और पाक सेना के फोर्स कमांड नॉर्दर्न एरिया के तत्कालीन कमांडर मेजर जनरल जावेद हसन के ऊपर इस पूरे ऑपरेशन की जिम्मेदारी थी।
इनके अलावा इस पूरे ऑपरेशन के बारे में उस वक्त के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेनाध्यक्ष जनरल परवेज मुशर्रफ को ही सारी जानकारी थी। पूर्व एयर कमोडोर कैसर तुफैल ने अपने लेख में लिखा था कि। पाक एयर फोर्स को 12 मई को पाक सेना ने पहली बार इस हमले के बारे में बताया यानि दो हफ्ते पहले जब भारत ने बदले में एयर स्ट्राइक किया। इसके बाद पीएएफ के तीन अफसरों को पाक सेना और मुशर्रफ के भरोसेमंद लेफ्टिनेंट जनरल महमूद अहमद ने करगिल के बारे में एक अहम बैठक में बताया। मैं भी इस बैठक में शामिल था। हमें कहा गया कि दो दिन पहले पाक सेना ने स्कर्दू, करगिल और द्रास में एक छोटा ऑपरेशन शुरु किया है जिसमें पीएएफ की थोड़ी बहुत मदद चाहिए। हमें बताया गया कि पाक सेना ने एलओसी के करीब द्रास-करगिल रोड से सटी चोटियों की खाली भारतीय पोस्ट पर कब्जा कर लिया है। पाक स्टिंगर मिसाइल हर चोटी पर मौजूद हैं जो कि भारतीय एयर फोर्स को नाको चने चबवा देंगे। आर्टिलरी गन और एम्युनिशन भी खाली भारतीय पोस्ट में भिजवा दी गईं हैं।
लेकिन पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर कभी भी इसे स्वीकार नहीं किया। हांलाकि राष्ट्रपति की कुर्सी छोड़ते वक्त जनरल परवेज मुशर्रफ ने करगिल जंग के लिए अपनी पीठ जरुर थपथपाई थी। पाकिस्तान ने ये कभी नहीं माना। असल में ये भारतीय खुफिया एजेंसियों की भी चूक थी। उन्हें जंग की शुरुआत के दिन तक नहीं पता चल पाया कि आखिर कितनी बड़ी साजिश रची है पाकिस्तान ने। कितनी बड़ी साजिश का शिकार हुआ है भारत। पाकिस्तान इस जंग को जीतने का सपना देख रहा था। उसे यकीन था कि उसकी पोल नहीं खुलेगी। लेकिन उसके मारे गए सैनिकों के पहचान पत्र ने उस वक्त भी उसे बेनकाब किया था।


'स्पेशल 26' की कहानी समझने में अक्षय को लगे 4 मही

अभिनेता अक्षय कुमार ने 'स्पेशल छब्बीस' फिल्म में अभिनय के लिए हामी भरने में चार महीने का वक्त लिया था। उनके मुताबिक उन्हें शुरुआत में इसकी कहानी समझ नहीं आई थी, जिसमें महत्वपूर्ण संदेश भी छुपा हुआ था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि इसके लिए मुझे चार महीने लगे। जब पहली बार मैंने कहानी पढ़ी, मुझे समझ में नहीं आई। कभी-कभी जब तक कोई आपको कहानी समझाता नहीं, आप नहीं समझते। यही एक बात थी।
अक्षय के मुताबिक 'स्पेशल छब्बीस' 80 के दशक में घटी एक वास्तविक घटना पर आधारित है। उन्होंने कहा कि मेरा किरदार एक आम इंसान और फिल्म उसकी जिंदगी में आए बदलाव के बारे में है। एक आम इंसान के साथ क्या होता है और उसकी सीमाएं क्या है? फिल्म इसी पर आधारित है और यह 1986-87 में हुई एक वास्तविक घटना पर भी आधारित है।
फिल्म की कहानी 26 लोगों के एक समूह के बारे में है जो केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) और आयकर विभाग के नकली अधिकारी बनकर अमीर व्यवसायियों और उद्योगपतियों को लूटते हैं। नीरज पांडे द्वारा निर्देशित 'स्पेशल छब्बीस' में अभिनेता मनोज वाजपेयी, अनुपम खेर, जिम्मी शेरगिल और अभिनेत्री काजल अग्रवाल मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म का प्रदर्शन आठ फरवरी को होगा।

Friday, January 25, 2013

नौकरी करने वाले लोगों के लिए आधार कार्ड जरूरी

अगर आप नौकरी करते हैं तो आपके लिए आधार कार्ड बनवाना जरूरी हो गया है क्योंकि ईपीएफओ यानि एंप्लॉइज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन ने कहा है कि ईपीएफ स्कीम का फायदा उठाने के लिए आधार नंबर देना जरूरी होगा।
देश के करीब 5 करोड़ नौकरीपेशा लोगों का ईपीएफओ में अकाउंट है। और संस्था का कहना है कि इन सभी सदस्यों को 30 जून तक अपना आधार नंबर देना होगा। 1 मार्च या उसके बाद नौकरी शुरू करने वालों के लिए भी केवाईसी के लिए आधार नंबर देना जरूरी होगा। हालांकि, जिन लोगों के पास आधार नंबर नहीं होगा उन्हें एंप्लॉयर की तरफ से एक एनरोलमेंट आईडी जारी की जा सकती है जिसे बाद में आधार नंबर में बदल दिया जाएगा।
पेंशनभोगी अपने बैंक की ब्रांच या ईपीएफओ के ऑफिस में अपना आधार नंबर जमा कर सकते हैं। ईपीएफओ ने अपनी सर्विस सुधारने के लिए आधार नंबर को जरूरी कर दिया है। ईपीएफओ एक सेंट्रल डेटाबेस पर भी काम कर रहा है जिसमें ये कोशिश की जा रही है कि सभी सदस्यों को एक यूनिक अकाउंट नंबर दिया जाए ताकि नौकरी बदलने पर पीएफ अकाउंट ट्रांसफर कराने के झंझट से मुक्ति मिल सके।

पोखरण के वक्त मिसाइल, बम, रॉकेटों से छकाए थे ‘जासूस’!

पूर्व राष्ट्रपति और देश के मिसाइल कार्यक्रम के जनक डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम ने खुलासा किया है कि पोखरण परमाणु विस्फोट से पहले दुनिया भर के जासूसों का ध्यान बांटने और उन्हें छकाने के लिए भरपूर मिसाइलें, रॉकेट और बम का इस्तेमाल किया गया था।
कलाम ने तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के नेतृत्व में 1998 में पोखरण में एक के बाद एक पांच परमाणु परीक्षण किए थे और उसके बाद दुनिया भर में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ द्वारा आयोजित 7वें आर एन काव मेमोरियल लेक्चर में कलाम ने कहा कि 1998 की गर्मियों में पोखरण परमाणु विस्फोट से दो दिन पहले दुनिया भर का ध्यान बंटाने के लिए भारत ने सुनियोजित तरीके से मिसाइलों, रॉकेट और बम का इस्तेमाल किया।
कलाम ने बताया कि परीक्षण के एक दिन पहले कई एजेंसियां एक्टिव मोड में थीं और अपने-अपने काम को अंजाम दे रही थीं। अगले दो दिन चांद बिल्कुल छुपा रहने वाला था और रातें अंधेरी होने वाली थीं। चांदीपुर फ्लाइट टेस्ट रेंज से उस समय एक के बाद एक 12 त्रिशूल मिसाइलें लांच की गईं। हर दो घंटे में एक मिसाइल लांच की गई। अग्नि मिसाइल की लांचिंग की तैयारियां भी तेज कर दी गईं।
कलाम के मुताबिक पोखरण में विस्फोट से दूर पिनाका जैसे रॉकेट छोड़े गए। इसके अलावा वायुसेना के विमानों ने रनवे विध्वंस करने का अभ्यास भी उसी दौरान शुरू कर दिया। इसके अगले दिन पता चला कि भारत ने तीन परमाणु परीक्षण किए हैं। अगले दिन दो और परीक्षण किए गए।
कलाम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव ने उन्हें बुलाकर परमाणु परीक्षण की तैयारी करने को कहा। इसके दो दिन बाद ही 1996 के आम चुनाव के नतीजे घोषित होने वाले थे। नतीजे राव के खिलाफ गए तो उन्होंने फिर कलाम को बुलाया और परीक्षण के बारे में भावी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को ब्रीफ करने को कहा ताकि इतना महत्वपूर्ण फैसला सत्ता परिवर्तन के बाद अटके न। कलाम ने कहा कि ये घटना एक देशभक्त राजनेता की परिपक्वता और पेशवर रवैये को दर्शाती है जो समझता है कि देश राजनीति से कहीं ऊपर है।


Thursday, January 24, 2013

'विश्वरूपम' बैन पर भड़के सेलिब्रेटी

कमल हासन की महात्वाकांक्षी फिल्म 'विश्वरूपम' पर तमिलनाडु सरकार ने प्रतिबंध क्या लगाया लोग बुरी तरह से भड़क गये। ताज्जुब तो इस बात का है कि लोग फिल्म रिलीज ना करने के लिए भी भड़क रहे थे और अब जब बैन हो गयी है तो भी भड़क रहे हैं। लेकिन कमल हासन के लिए राहत की बात है क्योंकि साउथ फिल्म इंडस्ट्री ने कमल हासन का साथ देते हुए उनकी फिल्म 'विश्वरूपम' पर लगे बैन के लिए अफसोस जताया है। साउथ की खूबसूरत अभिनेत्री खुशबू ने ट्विटर पर लिखा है कि वाकई में अफसोसजनक और शॉकिंग है कि फिल्म 'विश्वरूपम' को बैन कर दिया है। कमल हासन एक बहुत बड़े एक्टर है, वो गलत फिल्म कैसे बना सकते हैं। तो वहीं अभिनेता प्रकाश राज ने ट्विट किया है कि जिस फिल्म को हिंदी, तेलगू और तमिल सिनेमा के सेंसर बोर्ड ने हरी झंडी दी हो वो भला गलत कैसे हो सकती है। कोर्ट को अपने फैसले पर फिऱ से सोचना चाहिए।
Published: Thursday, January 24, 2013, 17:41 [IST] Ads by Google Jobs in Ghaziabad Looking for job in your city? Get Great Opportunities. Apply Now freeads.in/Jobs/Ghaziabad Sri Sri Ravi Shankar Live Join Google+ Hangout With Sri Sri Ravi Shankar on January 26. plus.google.com कमल हासन की महात्वाकांक्षी फिल्म 'विश्वरूपम' पर तमिलनाडु सरकार ने प्रतिबंध क्या लगाया लोग बुरी तरह से भड़क गये। ताज्जुब तो इस बात का है कि लोग फिल्म रिलीज ना करने के लिए भी भड़क रहे थे और अब जब बैन हो गयी है तो भी भड़क रहे हैं। लेकिन कमल हासन के लिए राहत की बात है क्योंकि साउथ फिल्म इंडस्ट्री ने कमल हासन का साथ देते हुए उनकी फिल्म 'विश्वरूपम' पर लगे बैन के लिए अफसोस जताया है। साउथ की खूबसूरत अभिनेत्री खुशबू ने ट्विटर पर लिखा है कि वाकई में अफसोसजनक और शॉकिंग है कि फिल्म 'विश्वरूपम' को बैन कर दिया है। कमल हासन एक बहुत बड़े एक्टर है, वो गलत फिल्म कैसे बना सकते हैं। तो वहीं अभिनेता प्रकाश राज ने ट्विट किया है कि जिस फिल्म को हिंदी, तेलगू और तमिल सिनेमा के सेंसर बोर्ड ने हरी झंडी दी हो वो भला गलत कैसे हो सकती है। कोर्ट को अपने फैसले पर फिऱ से सोचना चाहिए। 
मालूम हो कि अपनी फिल्म की रिलीज रोके जाने से गुस्साये कमल हासन ने अब कोर्ट का सहारा लिया है और खबर आ रही है कि वह 'विश्वरूपम' के प्रदर्शन पर तमिलनाडु सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। कमल हासन ने कहा कि यह जानबूझकर किया गया नाटक है जो कुछ राजनीतिक पुरोधाओं के स्वार्थी लोगों के कार हुआ है। कुछ लोग अपनी गंदी राजनीति चमकाने के लिए मेरे नाम का सहारा ले रहे हैं। लेकिन मैं उन्हें सफल नहीं होने दूंगा। मुझे कानून पर पूरा भरोसा है, इस सांस्कृतिक आतंकवाद को रोकना बहुत जरूरी है। मालूम हो कि बुधवार रात को तमिलनाडु सरकार ने आदेश दिया कि फिल्म विश्वरूपम को तमिलनाडु में रिलीज नहीं किया जायेगा क्योंकि फिल्म में कुछ ऐसा है जो कि राज्य में हिंसा पैदा कर सकता है। कहा गया है कि कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ दिखाया गया है जो कि स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

अब एचपी बनाएंगी अखिलेश यादव के लिए लैपटॉप

12वीं पास छात्रों को लैपटॉप दिए जाने के अखिलेश कैबिनेट ने अपने फैसले की दिशा में एक ओर कदम आगे बढ़ाया है। अखिलेश सरकार ने छात्रों को दिए जाने वाले लैपटॉप के निर्माण का आर्डर आईटी की एक प्रतिष्ठत एचपी को दिया है। सरकार ओर कंपनी के बीच 15 लाख लैपटॉप का करार साइन किया गया है। इस करार के मुताबिक कंपनी 7 महीने के अंदर सरकार को लैपटॉप मुहैया कराएंगी। सरकार ने इस बावत लैपटॉप की आपूर्ति करने के लिए एचपी को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया जाएगा है। इस खबर के बाद यूपी में 12वीं की परीक्षा उर्तीण करने वाले छात्रों को अब इतना भरोसा तो जरुर मिलेगा कि देर सवेर उन्हें लैपटॉप मिल ही जाएगा। प्रदेश सरकार ने लेपटॉप की खरीद के लिए यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन को जिम्मेदारी सौंपी थी। जिसके बाद चार कंपनियों ने इसके लिए निविदाएं डाली थी। चारों कंपनियों के टेंडर को जब खोला गया तो उसमें से सबसे कम रेट एचपी के थे। कंपनी ने इस टेंडर में एक लैपटॉप के लिए 19,058 की कीमत रखी थी। सबसे कम रेट पर लैपटॉप देने की पेशकश करने की वजह से ये टेंडर एचपी को दे दिया गया। कैबिनेट से प्रस्ताव मंजूर होने के बाद यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स जल्द ही एचपी को लेटर ऑफ इंटेंट जारी करेगा। इस के साथ ही कंपनी को यूपी सरकार की ओर से टेंडर का 5 फीसदी रकम बतौर परफार्मेन्स गारंडी के तौर पर सैंपेगी।इस करार के बाद एचपी यूपी सरकार को सात महीने के अंदर 15 लाख लैपटॉप सैपेंगी। सरकार की शर्तों के मुताबिक कंपनी को कुल लैपटॉप का 5 फीसदी लैपटॉप की आपूर्ति 60 दिनों के भीतर करनी होगी। कंपनी यूपी सरकार को 19058 रुपए प्रति लैपटॉप के हिसाब से 15 लाख लैपटॉप सैपेंगी।


महाकुंभ: गंगाजी में फूल, पूजन सामग्री नहीं डालने की अपील

27 जनवरी को महाकुंभ में दूसरा बड़ा स्‍नान है। इस दिन एक बार फिर करोड़ों लोग गंगा नदी में डुबकियां लगायेंगे और एक बार फिर प्रयाग से थोड़ी ही दूर पर स्थित नदी में की गई बैरीकेडिंग में हजारों कुंटल फूल और पूजन सामग्री इकठ्ठा होगी। ऐसा नहीं हो, इस‍के लिये कुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वो गंगा नदी में फूल, पूजन सामग्री, मूर्तियां आदि विसर्जित नहीं करें। कुंभ के स्नान के लिए कुम्भ मेला प्रशासन की तैयारियां पूरी हैं और मंडलायुक्त श्री देवेश चतुर्वेदी ने सभी विभागों की तैयारियों पर संतोष जताते हुए यह उम्मीद की है कि जनसहयोग से मेला प्रशासन को 14 जनवरी के स्नान में जो कामयाबी मिली थी इस स्नान पर भी वह दोहराई जायेगी। उन्होंने सहयोगी अधिकारियों से आगामी स्नान को भी सफल बनाने के लिए समर्पित तथा निष्ठा भाव से कार्य करने की अपेक्षा जताते हुए एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखने में कोई कोर कसर न छोड़ी जाए।
मंडलायुक्त ने कल्पवासियों, स्नानार्थियों और तीर्थयात्रियों के साथ ही मेले में आये व्यवसायिओं से भी अपील की है कि गंगा माँ को प्रदूषण से बचाने के लिए अपने अपने स्तर पर प्रयास करें, सचेत रहे और कहीं भी गंगा प्रदुषण किये जाने की सूचना अधिकारियों को दें। उन्होंने ख़ास तौर से पालीथीन के प्रयोग पर प्रतिबन्ध का ज़िक्र करते हुए कहा है कि गंगाजी में फूल, पूजा सामग्री तथा टूटी मूर्तियाँ इस दौरान न डालें। श्री चतुर्वेदी ने कहा कि गंगाजी में नहाते समय साबुन का प्रयोग न किया जाए और कपडे न धोये जाएं। गंगा माँ की शुचिता और निर्मलता की रक्षा भी एक पुनीत कार्य है।


NRHM घोटाले के आरोपी प्रदीप शुक्ला की बेटी गिरफ्तारl

बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाला मामले में पहले से गिरफ्तार स्वास्थ्य विभाग के पूर्व सचिव प्रदीप शुक्ला की बेटी को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रदीप शुक्ला की बेटी दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से इमिग्रेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने प्रवीण शुक्ला को गिरफ्तार किया। प्रवीण शुक्ला पर फर्जी पासपोर्ट के साथ विदेश जाने का आरोप लगा है। सूत्रों के मुताबिक प्रवीण शुक्ला एयर इंडिया के विमान से न्यूयार्क जाने की तैयारी में थी, कि अचानक इमिग्रेशन ऑफिसर ने उन्हें हिरासत में ले लिया। गौरतलब है कि ५ करोड़ के एनआरएचएम घोटाले में प्रदीप सुक्ला समेत यूपी के कई आलाधिकारी पुलिस की हिरासत में है। यूपी की इतिहास में एनआरएचएम अपनी सरह का पहला मामला है जिसमें सरकार से लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य महकमें के कई आलाधिकारी शामिल है। इस घोटाले के तार ऊंचे तबके पर बैठे कई ऐसे लोगों से जुड़े है जो समाज के लिए काफी सम्मानित माने जाते है। इस घोटाले की चपेट में आकर कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इस घोटाले की छींटे प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा की मुखिया मायावती के दामन पर भी पड़ी है।

महाकुंभ मेला: 696 सिपाही लड़ रहे मच्‍छर-मक्खियों से जंग

प्रयाग में चल रहे महाकुंभ मेले में तरह-तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं। करोड़ो श्रद्धालुओं का जनसैलाब प्रयागराज आ रहा है। एक तरफ जहां सुरक्षा इंतजाम के लिये केंद्रीय व राज्‍य पुलिस बल के हजारों सिपाही तैनात हैं, वहीं 696 लोग ऐसे हैं, जो मच्‍छर-मक्खियों से जंग लड़ रहे हैं। इन्‍हें सिपाही की संज्ञा देने में कोई हर्ज नहीं, क्‍योंकि मेले में साफ-सफाई के लिये ये युद्ध स्‍तर पर जुटे हुए हैं। नहीं। लाखो-करोड़ों की संख्या में लोग मेले में आ रहे है ऐसे में कुंभ परिसर की साफ़ सफाई सबसे बड़ी चुनौती बनती है। इसके अलावा मेले को मक्खी- मच्छर विहीन बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है। इलाहबाद के कमिश्नर देवेश चतुर्वेदी समेत कई बड़े अधिकारियों के अथक प्रयासों से मेले में सफाई की व्यवस्था देखते ही बनती है।

मेले में आ रहे श्रद्धालुओ को किसी तरह की दिक्कत और गंदगी का सामना न करना पड़े इसके लिए स्वास्थय विभाग ने कई तरह के उपाय कर रखे है। कुंभ मेले में तैनात अपर स्वास्थय निदेशक रमेश श्रीवास्तव, डा. सुरेश द्विवेदी, डा. अरुण, डा. आनंद सिंह, डा. श्रीकांत ओझा ने बताया कि कुंभ मेले के दौरान सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्वास्थ्य महकमें ने मेले में सफाई पर जो जोर दिया है उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरे मेले को प्रशासन ने 22 सैनिटेशन सर्किल और स्वास्थ महकमे ने मेले के 14 सेक्टरो को 22 सर्किल में बांटा है और प्रत्येक सर्किल में इंस्पेक्टरों की भी तैनाती की गयी है, जिनके अंतर्गत मेट (सफाईकर्मी) आते है। स्वाथ्य महकमे ने सफाई के लिए सफईकर्मियों के गैंग्स भी बना रखे है जिसके मुखिया को "मेट" की संज्ञा दी है और प्रत्येक गैंग में 12 सदस्य होते है। इलाहबाद के कमिश्नर श्री देवेश चतुर्वेदी ने मेले को साफ़ सुथरा बनाए रखने के लिए हर संभव तैयारी कर रखी है। मेले में अब तक सफाईकर्मियों के 58 गैंग्स तैनात किए जा चुके हैं। जिससे पता चलता है कि मेले में सफाईकर्मियों की संख्या 696 है। स्वास्थय विभाग ने सफाईकर्मी के मुखिया को "मेट" और उन सफाईकर्मियों के भोजन की व्यवस्था करने वालो को "मिठाईन" नाम दिया है और सफाईकर्मियों को "रेजा" का नाम दिया गया है । मेला प्रशासन ने सफाईकर्मियों को जो निर्देश दिया है उसके अनुसार रोजाना सुबह 6बजे से 11 और दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक सफाई पर ज्यादा जोर देने के लिए कहा गया है। सफाई का जोर इस कदर हावी है कि स्वास्थ महकमा रोजाना मीटिंग कर इस पर विशेष नज़र रखे हुए है। मेले में हज़ारो सफाईकर्मी तो है ही साथ ही कई तरह के केमिकल छिडकाव के लिए भी टीमे तैनात की गयी है। अकेले डीडीटी के छिड़काव के लिए 1 टीमे तैनात की गयी है। और जहाँ पानी जमा है वहा एंटी-लारवा स्प्रे के जरिये जीवाणुओ को नष्ट किया जा रहा है। फागिंग (पल्स फाग) भी रोजाना समयानुसार की जा रही है । इसके अलावा 9 हाई प्रेशर मशीने जिससे पैरिथ्रम, मैलिथिओन, डीडीवीपी और मैलिथिओन टेक्नीकल जैसे केमिकलो का सुबह और रात को छिड़काव कर बीमारी पैदा करने वाले विशाणुओ को नष्ट किया जा रहा है।

'परमाणु युद्ध के लिये तैयार रहे कश्‍मीर के लोग'

श्रीनगर। जम्‍मू कश्‍मीर में एक अखबार में छपे विज्ञापन को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। इस विज्ञापन की मानें तो बहुत जल्‍द ही भारत और पाकिस्‍तान के बीच परमाणु युद्ध छिड़ सकता है। इस विज्ञापन के माध्‍यम से गांव के लोगों को सचेत किया गया है कि वो अपनी सुरक्षा का इंतजाम कर लें। इस विज्ञापन को जम्‍मू कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला ने एक मुर्खतापूर्ण कार्य बताया है और कहा है कि इसके पीछे लोगों के अंदर दहशत फैलाने का मकसद है। हालांकि अब्‍दुल्‍ला ने जांच के भी आदेश दे दिये हैं। मालूम हो कि मौजूदा समय में जम्‍मू कश्‍मीर और पाकिस्‍तान सीमा के आसपास रहने वाले लोग दहशत में हैं। पाकिस्‍तानी सेना की तरफ से भारतीय जवानों की हत्‍या करने के बाद से लोगों में ऐसा भय पहले से व्‍याप्‍त है कि कभी भी दोनों देशों के बीच लड़ाई हो सकती है। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार राज्‍य आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा दिये गये एक विज्ञापन में लोगों से कहा गया है कि नियंत्रण रेखा पर चल रहे तनाव के चलते लोगों को अपनी सुरक्षा के लिये उपाय कर लेने चाहिए। विज्ञापन में लिखा गया है कि किसी भी समय दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध छिड़ सकता है। इस विज्ञापन के बाद से स्‍थानीय लोगों में दहशत का माहौल है और लोग गांव छोड़कर पलायन कर रहे हैं। इसी बीच मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला ने कहा कि यह एक मुखर्तापूर्ण काम है और लोगों को परेशान होने की जरुरत नहीं है। उल्‍लेखनीय है कि पाकिस्तानी सेना के सैनिकों ने बीते 8 जनवरी को जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा के इस पार भारतीय सीमा में घुसकर लांस नायक सुधाकर सिंह और लांस नायक हेमराज की हत्या कर दी थी। पाकिस्‍तान सैनिक ने बर्बरात की सारी हदें पार करते हुए हेमराज का सिर काटकर अपने साथ ले गये थे। इसके बाद से दोनों देशों के संबंधों में काफी खटास आ गई है और व्‍यापार संबंध भी समाप्‍त कर लिया गया है।


प्रिंस हैरी का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है: तालिबान

अफगानिस्तान में आतंकवादियो को गोली मारने की तुलना वीडियो गेम खेलने के साथ करने वाले ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस हैरी के बारे में तालिबान ने कहा है कि उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुहाजिद ने प्रिंस हैरी की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में 49 देशों की फौजे मुजाहिद्दीनों का मुकाबला कर रहीं है और अब यह प्रिंस आया है जो इस लड़ाई की तुलना वीडियो गेम से कर रहा है। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि उसका मानसिक संतुलन बिगड गया है।
जबीउल्लाह ने कहा कि लेकिन हम ऐसी किसी टिप्पणी को बहुत गंभीरता से नहीं लेते है क्योंकि हम सभी ने देखा और सुना है कि जो विदेशी सैनिक अफगानिस्तान में आए यहां से वापस जाते समय उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। 
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अपना कार्यकाल समाप्त करने के बाद प्रिंस हैरी ने यह टिप्पणी की थी।

कोहरे की वजह से चीन में कई विमान सेवाएं रद्द

चीन की राजधानी बीजिंग में घना कोहरा छाए होने के कारण बुधवार को बीजिंग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कई उड़ानों को रद्द कर दिया गया। रूस, सिंगापुर और अमेरिका के लिए उड़ान भरने वाले विमानों सहित कई अन्य विमान धुंध की वजह से रद्द कर दिए गए। टर्मिनल प्रबंधकों ने एयर्पार्ट की वेबसाइट पर यह जानकारी दी है। मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को राजधानी बीजिंग में दृश्यता 100 मीटर से भी कम मापी गई।
जांचकर्ताओं का कहना है कि प्रदूषण मिश्रित कोहरे की वजह से श्वास लेने वाली वायु की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। वायु में प्रदूषण खतरे के स्तर तक पहुंच चुका है। बीजिंग के मेयर वांग अनशुन ने मंगलवार को प्रदूषण कम करने वाले कार्यक्रमों की घोषणा की जिनमें पुराने वाहनों के परिचालन पर रोक लगाना भी शामिल है। वैज्ञानिकों का कहना है कि राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के लिए करीबी प्रांतों में स्थापित भारी उद्योग कारखाने जिम्मेदार हैं।

परमाणु परीक्षण की योजना बना रहा है उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया के रक्षा आयोग ने कहा है कि उनका देश तीसरा परमाणु परीक्षण और लंबी दूरी वाले रॉकेट लांचर का परीक्षण करने की योजना बना रहा है।
संवाद समिति के सीएनए ने रक्षा आयोग के हवाले से बुधवार को यह जानकारी दी। एक रिपोर्ट में रक्षा आयोग ने कहा कि हम इस तथ्य को छिपा नहीं रहे है कि लंबी दूरी वाले रॉकेट और उच्च स्तरीय परमाणु परीक्षण का मुख्य निशाना अमेरिका है।

हिलेरी क्लिंटन ने बेंघाजी हमले पर सरकार का बचाव किया

अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने बुधवार को सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी के सामने दी गई एक गवाही में लीबिया के बेंघाजी में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के बाद अमेरिका की प्रतिक्रिया का बचाव किया। समाचार एजेंसी ईएफई के मुताबिक विदेश मंत्री ने कानून निर्माताओं से कहा कि बेंघाजी की घटना ऐसे ही नहीं हो गई। अरब क्रांति ने सत्ता समीकरण को उलट-पुलट कर दिया है और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बलों को तहस-नहस कर दिया है।
वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले में अमेरिका के चार अधिकारी मारे गए थे, जिसमें राजदूत क्रिस स्टीवेंस भी शामिल थे। क्लिंटन ने बुधवार को कहा कि मैंने पहले भी कई बार कहा है कि मैं इस घटना की जिम्मेदारी लेती हूं और इसे ठीक करने के लिए कोई और अधिक प्रतिबद्ध नहीं है। यह हमला किस तरह का था, इसे लेकर सरकारी बयान में बार-बार बदलाव आ रहा है। कुछ अधिकारियों ने शुरू में कहा था कि एक मुस्लिम विरोधी वीडियो से उपजे आक्रोश के बाद यह हमला हुआ था।
क्लिंटन ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बेंघाजी में हुई मौतों के दूसरे ही दिन इस घटना को एक 'आतंकवादी घटना' बताया था। क्लिंटन ने यह भी कहा कि शुरू में हमलावरों की पहचान के बारे में विश्वसनीय जानकारी का अभाव था। उन्होंने सीनेट की समिति से कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि हमला सोच-समझ कर अवसर को देखते हुए किया गया था, लेकिन इसके पहले बहुत अधिक योजना नहीं बनाई गई थी।
क्लिंटन ने कहा कि हमले के बाद फैसला लेने में देरी नहीं की गई, अमेरिका या हमारी सेना द्वारा सहयोग करने में कोई कोताही नहीं की गई। हमले के बाद क्लिंटन ने एक स्वतंत्र जांच का आदेश दिया था, जिसमें 29 सुझाव सामने आए थे, जिसका उपयोग विदेश विभाग के कार्यबल ने 64 'स्पेसिफिक एक्शन आइटम्स' निर्धारित करने में किया था। क्लिंटन ने कहा कि इन कार्रवाइयों में से 85 फीसदी पर काम मार्च अंत तक पूरा हो जाएगा। क्लिंटन अगले कुछ दिनों में वह विदेश मंत्री पद छोड़ देंगी। उम्मीद की जा रही है कि उनके बाद विदेश मंत्री बनने वाले ओबामा के उम्मीदवार सीनेटर जॉन केरी को सीनेट का आसानी से समर्थन मिल जाएगा।


अब अमेरिकी सेना में युद्ध पर जा सकेंगी महिला सैनिक!

अमेरिका में महिलाओं को सीधी लड़ाई पर नहीं भेजने सम्बंधी 1994 में लगाए गए प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद हजारों महिला सैनिकों के लिए मोर्चे पर तैनात होने और दुश्मन के साथ आमने-सामने की लड़ाई का रास्ता साफ हो गया है। यह जानकारी अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के सूचना विभाग 'अमेरिकन फोर्सेस प्रेस सर्विस' ने दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया कि रक्षा सचिव लियोन पैनेटा और ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के प्रमुख मार्टिन डेम्पसे इस फैसले की आधिकारिक घोषणा करेंगे। अधिकारी ने बताया कि एक प्रक्रिया के तहत इसका कार्यान्वयन होगा लेकिन उन्होंने अभी इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी है।
पिछली फरवरी में इस प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटाया गया था। जिसके तहत अमेरिकी थल सेना में 14,500 महिला सैनिकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हुआ था। इस नए फैसले के बाद इन पर लगा प्रतिबंध पूरी तरह से हट जाएगा। जिसके बाद थल और मैरिन इंफेंटरी यूनिट में 230,000 से अधिक महिला सैनिकों की नियुक्ति का रास्ता खुल गया जाएगा।
अमेरिकी सेना में 14 लाख अधिकारी और जवान कार्यरत हैं और इनमें से 14 प्रतिशत महिलाएं हैं।