सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन
का कहना है कि इमर्जिंग मार्केट्स की करेंसियों में आई गिरावट की तरह रुपए
में भी गिरावट दिखी है। दरअसल अमेरिकी डॉलर में मजबूती के चलते रुपए पर
दबाव बढ़ा है। लिहाजा पिछले महीने के मुकाबले इस महीने में करेंट अकाउंट
घाटा ज्यादा रह सकता है। हालांकि सोने के आयात में बड़े पैमाने पर गिरावट
देखने को मिली है।
रघुराम
राजन के मुताबिक हाल में सरकार के उठाए गए कदमों से जून महीने में सोने के
आयात में भारी कमी की उम्मीद है। जून के 14 कारोबारी दिनों में सोने के
आयात में कमी आई है। लेकिन फिलहाल सोने के आयात पर लगाम लगाने के लिए और
कदम नहीं उठाएंगे। साथ ही भारत से होने वाले निर्यात में सुधार हो रहा है।
रघुराम
राजन ने कहा कि सरकारस आरबीआई और सेबी की रुपए के उतार-चढ़ाव पर नजर है।
रुपए में पिछले कुछ दिनों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। ऐसे में
जरूरत पड़ने पर सरकार उचित कदम उठाएगी। मई महीने के दौरान डेट फंडों से
डॉलर की निकासी और व्यापार घाटे में बढ़त से रुपये में गिरावट देखने को
मिली है।
रघुराम
राजन ने बताया कि कैबिनेट के सामने काफी सारे सेक्टरों में एफडीआई की सीमा
बढ़ाने का प्रस्ताव रखेंगे ताकि करेंट अकाउंट घाटे को कम किया जा सके।
इसके अलावा आगे भारत में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए कदम उठाएंगे। वहीं
आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम का कहना है कि रुपये में अगले 3-4
दिन में सुधार की उम्मीद है। फंडामेटल्स के आधार पर रुपए में स्थिरता की
उम्मीद है। रुपए में गिरावट अस्थायी है और फिलहाल कमजोर रुपए से चिंतित
नहीं हैं। सभी विकासशील देशों की करेंसी में गिरावट आई है। वहीं सोने के
आयात में भारी गिरावट आने की उम्मीद है।
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