पत्नी समाजवादी पार्टी की विधायक है और पति
सरकारी शिक्षक की नौकरी करते हैं। पत्नी की ताकत ने बेचारे पति को अपनी
बेटियों से भी मिलने से रोक दिया। मौके पर पहुंची पुलिस तक ये नहीं समझ पा
रही थी कि वो किसके साथ खड़ी दिखे और वहां से खिसकने में ही अपनी भलाई
समझी।
विधायक
लक्ष्मी गौतम और शिक्षक दिलीप की लव स्टोरी चांद मोहम्मद और फिजा की प्रेम
कहानी से बहुत मिलती है। इस कहानी में भी दिलीप पर पहली पत्नी होने के
बावजूद झांसा देकर दूसरी शादी करने का आरोप है। ये आरोप किसी और ने नहीं
बल्कि उनकी विधायक पत्नी लक्ष्मी गौतम ने ही लगाए हैं। लक्ष्मी गौतम और
दिलीप की लव स्टोरी कई मायनों में चांद और फिजा की कहानी से अलग भी है। इस
कहानी में पति का किरदार निभाने वाला शख्स एक शिक्षक है। जबकि धर्म बदलकर
चांद मोहम्मद बनने वाले शख्स का रिश्ता हरियाणा के बड़े राजनीतिक घराने से
था।
लक्ष्मी
गौतम और दिलीप की प्रेम कहानी भी खत्म हो चुकी है और दिलीप का आरोप है कि
लक्ष्मी किसी गैर मर्द के साथ फिल्में देखती हैं, घूमती हैं और रहती हैं।
लक्ष्मी ने तमाम आरोपों को बेबुनियाद करार दिया और दलील दी कि विधायक बन
जाने की वजह से उनके रिश्ते को ये दिन देखना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि
जनता ने चुना है तो राजनीति कैसे छोड़ दें।
विवाद
सार्वजनिक जीवन जीने वालों से जुड़ा हो तो फजीहत भी बड़ी होती है। इस
विवाद को भी इलाके में फैलते देर नहीं लगी। सत्ताधारी पार्टी की विधायक की
कोठी के बाहर हलचल की खबर पाकर सुस्ती का आरोप झेलने वाली यूपी पुलिस को
मौके पहुंचने में देर नहीं लगी। लेकिन मौके पर पहुंचने के बाद जैसे ही
पुलिस को माजरा समझ में आया। उसे कोई जवाब देते नहीं बना। सिविल लाइन के
पुलिस इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह ने कहा कि हम तो जनरल गश्त में आए थे।
सत्ताधारी
पार्टी की विधायक पर तलाक दिए बगैर लिव इन रिलेशन में रहने का आरोप है।
ऐसे में पुलिस क्या बोल सकती है। भले ही विधायक का पति गुहार करता रहा और
उसका भाई बहू की चौखट पर घंटों खड़ा रहा। लेकिन दोनों को न तो बच्चों की
झलक दिखी और न ही घर में घुसने दिया गया। अब विधायक की निजी जिंदगी की
बातें सरेआम हो गई हैं तो विपक्ष को भी इनके बहाने पूरी पार्टी पर हमले का
मौका मिलेगा।
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