Tuesday, June 18, 2013

टला नहीं है बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर और बढ़ा

हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार को यमुना का जलस्तर एक मीटर और बढ़ गया है। मंगलवार को खतरे के निशान को पार करने के बाद दिल्ली के कई निचले इलाकों में यमुना का पानी भर गया। जैसे-जैसे पानी का स्तर बढ़ेगा, कई और इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ेगा। इसको देखते हुए कई इलाकों को खाली करा दिया गया है।
नाले की तरह बहने वाली यमुना के दिल्ली में अचानक बढ़ने से लोगों पर मुसीबत टूट पड़ी। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से करीब 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद हर घंटे यमुना का जलस्तर 6 से 8 सेंटीमीटर तक बढ़ रहा है। दिल्ली में यमुना नदी के खतरे का निशान है 204.83 मीटर। मंगलवार की सुबह यमुना 205.02 मीटर पर बह रही थी। बुधवार सुबह तक ये बढ़कर 206.22 मीटर पर पहुंच गई है। यमुना के लगातार बढ़ते जलस्तर की वजह से लोगों का तट के नजदीकी इलाकों को खाली करना जारी है। जगह-जगह पर राहत कैंप लगाए गए हैं।
टला नहीं है बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर और बढ़ा
ओखला, जामिया, आईएसबीटी, मॉनेस्ट्री, न्यू उस्मानपुर समेत करीब 50 इलाकों से लोगों को खाली कराया जा रहा है। जिस रफ्तार से यमुना में पानी बढ़ रहा है, उससे जल्द ही दिल्ली के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बनने का अंदेशा है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी माना कि हथिनीकुंड से बड़े पैमाने पर पानी छोड़े जाने से उनकी चिंता बढ़ गई है। शीला दीक्षित ने कहा है कि उन्होंने अधिकारियों को एहतियात के कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
दिल्ली के निचले इलाकों में पानी भर गया है और प्रशासन नाव पर घूम-घूम कर चेतावनी दे रहा है। नदी किनारे रह रहे लोग अपना घर-बार छोड़कर राहत कैंपों में पहुंच रहे हैं। बाढ़ की आशंका को देखते हुए ओखला बैराज पर दो नावों को मंगाया गया है। लोगों का दावा है कि उन्होंने इस इलाके में इतना पानी कभी नहीं देखा।
यमुना नदी पर बने लोहे के पुल को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर इस पुल से ट्रेनों की आवाजाही पर रोकी जा सकती है। कालिंदी कुंज में दिल्ली मेट्रो का काम रोक दिया गया है। हालात पर नजर रखने और अंदेशों का आकलन करने के लिए सेना भी मौके पर पहुंच गई है।
यमुना के आसपास के निचले इलाके में रहने वाले लोगों के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए गए हैं।
विस्थापितों के लिए टैंट लगाए गए हैं लेकिन बाढ़ पीड़ितों के खाने पीने के इंतजामों की कोशिश प्रशासन की तरफ से नहीं की गई है। ऐसे में टेंट में रहने वाले भूखे-प्यासे रहने को मजबूर हैं। बाढ़ पीड़ित सत्यनारायण के मुताबिक अभी तक कोई मदद नहीं आई। वहीं सिविल लाइन जॉन के एसडीएम श्यामचंद ने कहा कि टेंट लगवा दिए हैं, खाना भी जाएगा। दूसरी ओर मौसम विभाग की अगले 24 घंटे में तेज बारिश की होने की चेतावनी ने खतरे के अंदेशे को और बढ़ा दिया है।

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