दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा
है। इस वक्त दिल्ली में यमुना ने खतरे के निशान को पार कर लिया है। दिल्ली
में यमुना नदी के खतरे का निशान है 204.83 मीटर। इस वक्त यमुना खतरे के
निशान से ऊपर 204.84 मीटर पर बह रही है।
दिल्ली
मे 52 साल बाद वक्त से पहले मानसून आया है जो आफत का सबब बन गया है।
राजधानी में अब तक की सबसे बड़ी बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। हथिनीकुंड
बैराज से निकला 8 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी तेजी से दिल्ली की ओर बढ़ रहा
है। यमुना खतरे के निशान के पार पहुंच चुकी है। दोपहर बाद लोहे का पुल बंद
कर दिया जाएगा। नदी किनारे बसे लोगों को निकालने के काम शुरू हो चुका है।
दिल्ली
बाढ़ की जद में है। वैसे तो हर साल ही दिल्ली पर बाढ़ का खतरा होता है
लेकिन इस बार मामला गंभीर है। दरअसल हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से आठ लाख
साठ हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है। कुछ ही घंटों की बात है। देश की
राजधानी पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगेगा। आकड़ों की मानें तो हथिनी कुंड से
अब तक का सबसे ज्यादा पानी छोड़ गया है। लिहाजा घबराई दिल्ली में चेतावनी
जारी कर दी गई है। तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। यमुना के जलस्तर बढ़ने के
साथ ही लोग यमुना से सटे इलाकों को खाली करने लगे हैं। लोग अपना सामान
समेटकर सुरक्षित इलाकों की ओर बढ़ गए हैं।
हथिनीकुंड बैराज में इतनी बड़ी तादात में पानी छोड़े जाने के बाद यमुना खतरे के निशान को जल्द ही पार करेगी।
बुधवार रात 1 बजे यमुना का जलस्तर था 204.38
भोर में 4 बजे जलस्तर था 204.72
जबकि खतरे का स्तर है 204.83
इस बात की भी पूरी संभावना है कि यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से कहीं और ऊपर जाएगा।
जानकारों
की मानें तो इससे पहले 2010 में हरियाणा के हथिनी कुंड से 7 लाख 44 हजार
क्यूसेक पानी छोड़ गया था। जिसकी वजह से दिल्ली के कई इलाकों में पानी भर
गया था और यमुना के किनारे के कई इलाके डूब गए थे। इस बार पानी में डूबने
का खतरा दिल्ली के कई इलाकों समेत नोएडा के कुछ इलाकों पर भी मंडरा रहा है।
यमुना का जलस्तर बढ़ने के साथ ही जो इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं
वो हैं-
आईएसबीटी बस अड्डा
गीता कॉलोनी
मयूर विहार
सोनिया विहार
न्यू उस्मानपुर
ओखला
जामिया नगर
कालिन्दी कुंज
खादर
सरिता विहार
बाढ़
विभाग के सूत्रों की माने तो मंगलवार से पानी बढ़ना शुरु हो जाएगा। बुधवार
तक स्थिति गंभीर हो जाएगी। आशंका है कि यमुना का जलस्तर 208 मीटर तक पहुंच
सकता है। ये खतरे के निशान से तकरीबन चार मीटर से उपर होगा।
जानकारों
के मुताबिक आज तक राजधानी में यमुना का स्तर इतना उपर कभी नहीं गया है।
मौसम विभाग के भविष्यवाणी के मुताबिक उत्तर भारत में अगले 24 घंटों में
बारिश होगी। यानि स्थिति और बिगड़ सकती है।
असल
में लगातार बारिश से हरियाणा में भी स्थिति गंभीर हो चुकी है। यमुनानगर
में भारी बारिश की वजह दो दर्जन से ज्यादा गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
मजबूरन प्रशासन ने हथिनीकुंड बैराज से आठ लाख लाख साठ लाख क्यूसेक पानी
छोड़ा। इस पानी ने करनाल में काफी तबाही मचाई है। यमुना के किनारे के कई
गांव डूब गए। उनका संपर्क बाकी इलाकों से टूट गया है।
अब
यही पानी दिल्ली की तरफ आ रहा है। 100 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि
हथिनी कुंड से इतना ज्यादा पानी छोड़ा गया है। हथिनी कुंड में 80 हजार
क्यूसेक से ज्यादा पानी नहीं रखा जा सकता है। जाहिर है लगातार बारिश बार
बार पानी छोड़े जाने का खतरा बढ़ा रही है। अगर यही हालत रही तो दिल्ली में
स्थिति गंभीर होती नजर आ रही है। दिल्ली में 1978 में यमुना 207.29 के स्तर
पर पहुंची थी। ये खतरे के निशान से तीन मीटर उपर था। लेकिन इस बार खतरा और
बड़ा है।
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