उत्तराखंड में हुई तबाही के बाद
इलाके में फंसे लोगों में प्रशासन और सरकार के खिलाफ जबर्दस्त गुस्सा है।
लोगों का कहना है कि उन्हें सरकार की तरफ से राहत और मदद मिलने में काफी
देरी हो रही है। इसी बात को लेकर जोशीमठ में राज्य के मुख्यमंत्री विजय
बहुगुणा को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी।
उत्तराखंड
में फंसे लोगों को निकाल कर हेलीकॉप्टर के जरिए देहरादून लाया जा रहा है।
पहाड़ों पर मची तबाही के छठे दिन जान बचाकर देहरादून पहुंचे लोगों का कहना
है कि उन्हें प्रशासन से मदद मिलने में बहुत देर हो गई। बचाए गए लोग
सुरक्षित लौटकर सांस में सांस लेते दिखे। कुछ लोगों का कहना है कि प्रशासन
की तरफ से कोई मदद नहीं की गई। बचाए गए लोगों में छोटे छोटे बच्चे भी शामिल
है।
प्रशासन पर बेरुखी का आरोप
परिजनों ने किया हंगामा
उत्तराखंड
में लापता लोगों के रिश्तेदार आज प्रशासन के रवैये से बेहद नाराज नजर आए।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लापता लोगों के रिश्तेदारों ने आज जमकर
हंगामा किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। रिश्तेदारों का आरोप है कि
पुलिस वाले और प्रशासन उनकी मदद नहीं कर रहे हैं। लोगों ने प्रशासन पर
नाराजगी जाहिर करते हुए सड़क जाम भी कर दिया। लोग अपने परिजनों की तस्वीरों
के साथ देहरादून में भटकते दिख रहे हैं
रेलवे की बेदिली
केदारनाथ
में मची तबाही के बाद सरकार और प्रशासन भले ही पीड़ितों को हर तरह की मदद
देने का दावा कर रहा हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है। पहाड़ों पर बरपे कुदरत
के कहर में अपना सब कुछ गंवा बैठे जो लोग अपने शहर जाने के लिए हरिद्वार
रेलवे स्टेशन पहुंचे हैं, उन्हें रेलवे के कर्मचारी बिना टिकट यात्रा करने
से मना कर रहे हैं। पीड़ितों का आरोप है कि स्टेशन पर रेलवे कर्मचारी उनके
साथ मुल्जिमों जैसा व्यवहार कर रहे हैं।
50 हजार लोग फंसे-शिंदे
गृह
मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि आपदा प्रबंधन में हो रही दिक्कतें
को देखते हुए पूर्व गृह सचिव वी के दुग्गल को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
आपका बता दें कि गृह मंत्री शिंदे कल उत्तराखंड का दौरा भी करेंगे। बाढ़
प्रभावित उत्तराखंड के कई इलाकों में अभी भी लगभग 50 हजार लोग फंसे हुए
हैं। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय आपदा
प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ बैठक के बाद शिंदे ने कहा कि 34 हजार
से अधिक लोगों को निकाल लिया गया है मगर तकरीबन 49 हजार से 50 हजार लोग अभी
भी वहां फंसे हुए हैं।
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