गुरुवार को कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स
(सीटीटी) लागू करने का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। सीएनबीसी आवाज को मिली
एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक 23 एग्रो कमोडिटीज पर सीटीटी नहीं लगेगा।
लेकिन एग्रो कमोडिटी की प्रोसेसिंग से बनाए गए कमोडिटी की ट्रेडिंग पर
सीटीटी लगेगा। सरकार 1 जुलाई से सीटीटी को लागू कर सकती है।
सूत्रों
का कहना है कि गेहूं, सोयाबीन, मक्का, बादाम, जौ, इलाइची, चना, धनिया,
कपास, ग्वार सीड समेत 23 आइटम सीटीटी के दायरे से बाहर होंगे। लेकिन 23
आइटम के अलावा बाकी आइटम पर सीटीटी लगेगा। माना जा रहा है कि सोया ऑयल,
ग्वार गम जैसे एग्रो प्रोसेस्ड कमोडिटी पर सीटीटी लग सकता है।
सूत्रों
के मुताबिक नई कमोडिटी की फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू होने पर आयकर विभाग सीटीटी
लगेगा या नहीं, ये तय करेगा। कारोबारी की कीमत का 0.01 फीसदी सीटीटी
लगेगा। हालांकि स्पॉट एक्सचेंज को सीटीटी के दायरे से बाहर रखा गया है। हर
महीने की 7 तारीख तक पिछले महीने वसूला गया सीटीटी सरकार के पास जमा करना
होगा।
एनसीडीईएक्स
के मैनेजिंग डायरेक्टर समीर शाह का मानना है कि सीटीटी से जुड़े जो भी नियम
हैं उनमें बार-बार बदलाव नहीं होने चाहिए। छोटी अवधि में कमोडिटी के
वॉल्यूम पर सीटीटी का असर जरूर दिखेगा। लेकिन सीटीटी पर नोटिफिकेशन आने के
बाद और सफाई जरूर मिलेगी।
हिंदू
बिजनेस लाइन के कमोडिटी एडिटर जी चंद्रशेखर के मुताबिक सरकार का ये फैसला
बिल्कुल ठीक है। ज्यादा से ज्यादा कमोडिटीज पर सीटीटी लगाने से सट्टेबाजी
रुकेगी। साथ ही सरकार को सीटीटी से करीब 1,500 करोड़ रुपये का राजस्व
मिलेगा। लेकिन ट्रेड स्विफ्ट ब्रोकिंग के संदीप जैन का मानना है कि सीटीटी
लगने से कमोडिटी के कारोबार में बहुत बुरा असर पड़ेगा और वॉल्यूम गिरेंगे।
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