ईएमआई, इन 3 अक्षरों ने हमारी लाइफस्टाइल
बदल दी है। शॉपिंग से लेकर सैर सपाटे से लेकर अपना घर-कार, सब कुछ ईएमआई
में तब्दील हो जाता है। इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट (ईएमआई) यानि किस्तों
में कर्ज की अदायगी।
ईएमआई
पर घर तो लोग बरसों से लेते आए हैं, लेकिन आजकल लेटेस्ट फोन हो या फिर
विदेशी सैर सब कुछ आसान किस्तों पर मिल जाता है। यहां तक की अब फ्लाइट के
टिकट भी ईएमआई पर बेचने के प्लान हैं। ये फॉर्मूला जब एप्पल ने समझा तो
उनकी भारत में बिक्री करीब 400 फीसदी बढ़ गई। लेकिन इस ईएमआई क्रेज का दूसरा
पहलू भी है, जहां लोग ऐसी चीजें खरीदते है जिनकी उनको शायद जरूरत नहीं हो।
दरअसल
आईफोन4, आईफोन 4एस, आईफोन 5 पर 12 और 6 महीने की ईएमआई उपलब्ध है। वहीं
सैमसंग गैलेक्सी सीरीज पर 12 महीने की ईएमआई उपलब्ध है। इंडिगो और जेट
एयरवेज के टिकट 3 और 6 महीने की ईएमआई पर उपलब्ध हो गए हैं। ब्लैकबेरी
जेड10 और कर्व 9220 पर 12 महीने की ईएमआई मिल रही है। दरअसल ऑनलाइन शॉपिंग
में ज्यादातर साइट्स पर ईएमआई का विकल्प मौजूद है।
आलम
ये है कि ब्यूटी ट्रीटमेंट, हेयर ट्रांसप्लांट, जिम की मेंबरशिप और सैर
सपाटा भी ईएमआई पर उपलब्ध हो गया है। ईएमआई के गणित को समझें तो ये सामने
आता है कि 3 महीने की ईएमआई पर ज्यादातर ब्याज दर 3-3.5 फीसदी होती है। 6
महीने पर 5 फीसदी, 9 महीने पर 7 फीसदी और 12 महीने पर 10 फीसदी की ब्याज दर
वसूली जाती है। हालांकि ईएमआई से खरीद पर प्रोसेसिंग फीस और सर्विस चार्ज
का खर्च भी बढ़ जाता है। लेकिन कई ऑफर में कंपनियां भी खर्च उठाती हैं, तो
कई ऑफर में बैंक भी खर्च उठाते हैं।
एलजी
इंडिया के डायरेक्टर (होम अप्लायंसेज) वाई वी वर्मा का कहना है कि कंपनी
के 15 फीसदी प्रोडक्ट ईएमआई पर बिकते हैं और इसमें 20-25 फीसदी की ग्रोथ हो
रही है। ईएमआई के तहत सब कैटेगरी के प्रोडक्ट बिकते हैं और सर्विस क्लास
की पहली पसंद ईएमआई है।
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