Tuesday, June 18, 2013

बारिश का तांडव:100 से ज्यादा की मौत, सैकड़ों लापता

वक्त से पहले आए मॉनसून ने पूरे उत्तर भारत में कहर बरपा कर रखा है। बारिश के तांडव के चलते 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 70 हजार से ज्यादा लोग अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं। बादल फटने के बाद नदी की तेज धार में इमारतें और घर ताश के पत्तों की तरह धराशाई हो गए। लोग कुदरत के इस कहर के लिए पर्यावरण से हुए खिलवाड़ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
आसमान से लगातार बारिश और गरजती गंगा मानो उत्तराखंड में सबकुछ बहा ले जाना चाहती हैं। जो भी सामने आया वो बचा नहीं। मकान, होटल, लॉज, जानवर, पेड़, मंदिर, आश्रम और यहां तक कि शिव की ये विशालकाय मजबूत प्रतिमा। गंगा के गुस्से की ये एक झलक है। ऋषिकेश में मौजूद ये शिव प्रतिमा सोमवार रात तक पूरी तरह डूब गई। मंगलवार सुबह तक जब गंगा का गुस्सा थोड़ा कम हुआ तो वो नीचें आई। लेकिन शिव की मूर्ति नहीं थी। मूर्ति को गंगा बहा ले गई थी। उत्तराखंड में लोग कांप गए। उन्हें याद आया कि प्रकृति से कैसे खिलवाड़ हुआ है।
बारिश का तांडव:100 से ज्यादा की मौत, सैकड़ों लापता



चमोली
मटमैली गंगा, मिट्टी से सराबोर, पहाड़ों से तेज गति से नीचे बह रही है। पहाड़ों में तेजी से कटान हो रहा है। पहाड़ों को काटकर बने सड़क मार्ग लगातार कटान के कारण पतले हो गए। अपनी जान बचाने के लिए लोगों ने अपनी गाड़ियां सड़क पर ही छोड़ दी, क्योंकि उन्हें अहसास हो गया था कि अब यहां क्या होने वाला है। कटान के कारण एक कार बहुत जल्द पानी में समा गई। तिनके के माफिक कार पानी में बह गई। इसी तरह कई गाड़ियां पानी के तेज बहाव में बह गईं। कुदरत के आगे इंसान कितना बेबस और कमजोर है। उत्तरकाशी में करीब 100 से ज्यादा मकान पानी में बह गए हैं।
ऋषिकेश
यहां मरीन ड्राइव के नाम से मशहूर घाट इस वक्त बह चुका है। गंगा उसे काट कर अपने साथ ले गई तकरीबन 450 सड़कें बारिश से धंसने या फिर भूस्खलन की वजह से बंद हो चुकी हैं। आईबीएन 7 की टीम ने टिहरी इलाके के एक पहाड़ी रास्ते का जायजा लिया। ये रास्ता केदारनाथ को जोड़ता है। लेकिन अब इसपर चलना संभव नहीं है।
सेना के करीब 5000 जवान राहत कामों में जुटे हुए हैं। 2000 श्रद्धालु गंगोत्री के इलाके में फंसे हैं। बद्रीनाथ के इलाके में करीब 10,000 लोग फंसे हैं। रुद्रप्रयाग में सेना के दो हेलीकॉप्टर भेजे गए हैं। 10 प्राइवेट हेलीकॉप्टर राहत कामों में जुटे हैं
रुद्रप्रयाग में एक सहायता केंद्र खोला गया है। लखनऊ में सेना का सेंट्रल कमांड हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
एनडीआरएफ की 12 टीमें उत्तराखंड में बचाव और राहत में जुटी हुई हैं। उनके साथ आईबीएन 7 की भी एक टीम चल रही है। ये तस्वीरें रुद्र प्रयाग से 15 किलोमीटर पहले टिपरी की हैं। उधर देश के दूसरे राज्य उत्तराखंड की सहायता के आगे आने लगे हैं। हरियाणा सरकार उत्तराखंड को 10 करोड़ रुपए देगी। मध्यप्रदेश सरकार ने 2 करोड़ रुपए की राहत राशि का ऐलान किया है। मौसम विभाग की मानें बुधवार को स्थिति में सुधार आ सकता है। शायद बारिश बंद हो और उत्तराखंड राहत की सांस ले पाए।

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