किडनी चोरी का आरोपी डॉक्टर देश के
सबसे प्रतिष्ठित अस्पतालों में से एक एम्स का निकला। एक महीने पहले ही उसने
एम्स ज्वाइन किया था। नवंबर में किडनी चोरी मामले के सामने आने के बाद से
वो कहां रहा, एम्स में उसको कैसे नौकरी मिली और किडनी चोरी के आरोप अगर सही
है तो इस रैकेट से कौन-कौन जुड़ा है? पुलिस अब इन सवालों के तहकीकात में
लगी है।
किडनी
चोरी के आरोपी डॉक्टर पर पलवल में किडनी चोरी का आरोप लगा फिर भी वह एम्स
जैसे मशहूर और देश के प्रतिष्ठित अस्पताल में नौकरी पाने में कामयाब रहा।
गिरफ्तारी के डर से पलवल से फरार आरोपी डॉक्टर पुलिस को जांच में मदद करने
के बजाय उसकी आंखों में धूल झोंकता रहा। लेकिन जब हरियाणा पुलिस ने उसे
पलवल से दबोच लिया है तो वह खुद को बेकसूर बता रहा है।
डॉ.
राजकुमार तेवतिया के मुताबिक आरोप बिल्कुल गलत है। तेवतिया ने कहा कि मैं
कर ही नहीं सकता। मैं एलिजिबल ही नहीं हूं। ये बिल्कुल गलत है।
अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट में किडनी गायब होने की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे
में फरजाना के दावे पर शक करने का सवाल नहीं उठता। डॉ. तेवतिया ने माना है
कि पीड़ित मरीज इलाज के लिए उनके अस्पताल में भर्ती हुई थी और उसका दावा है
कि उसने मरीज के जिस्म में मौजूद एक गांठ का ऑपेरशन किया था।
डॉ.
तेवतिया ने कबूला कि पीड़ित उसके यहां कई बार एडमिट रही थी लेकिन किडनी का
आरोप गलत है। क्योंकि वहां इसकी फैसिलिटी नहीं है। डॉ. तेवतिया की माने तो
वो गिरफ्तारी के डर से फरार नहीं हुए थेऔर न ही उन्होंने अपना अस्पताल ही
बंद किया था। उनके मुताबिक अस्पताल कुछ और वजहों से बंद था
पुलिस
जांच से साफ हो सकेगा कि इस रैकेट में और कौन-कोन शामिल थे। दिल्ली के
इतने पास किडनी चोरी के रैकेट का जिस तरह भंडाफोड़ हुआ है। उसने गुड़गांव
के किडनी किंग अमित कुमार की याद ताजा कर दी है।
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