बीजेपी और जेडीयू का 17 साल पुराना गठबंधन
टूट के कगार पर है। मोदी को बीजेपी चुनाव अभियान की कमान सौंपे जाने से
नाराज जेडीयू नेताओं के बयान बेहद तीखे हो गए हैं। माना जा रहा है कि जल्द
ही नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी से गठबंधन तोड़ सकते हैं। खबर ये भी है कि
जेडीयू सरकार बचाने के लिए निर्दलियों के संपर्क में है। उधर बीजेपी ने भी
आपात स्थिति पर विचार के लिए पटना में बैठक की है। सवाल है कि क्या 2014
से पहले एनडीए बिखर जाएगा।
नरेंद्र
मोदी की कीमत पर बीजेपी को नीतीश कबूल नहीं हैं और नीतीश को मोदी कबूल
नहीं हैं। लिहाजा दोनों ही पार्टियों को अब 17 साल पुराना रिश्ता कबूल
नहीं, इसीलिए बिहार में 8 साल से सरकार चला रहा ये गठबंधन टूटने जा रहा है।
बिहार में लालू विरोध और विकास के नारे के साथ लगातार दूसरी बार बीजेपी के
साथ गठबंधन में सत्ता चला रहे नीतीश कुमार किसी भी सूरत में नरेंद्र मोदी
को केंद्रीय नेता बनाने की फिराक में लगी बीजेपी से अब रिश्ता रख कर
सांप्रदायिक ठप्पा नहीं लगवाना चाहते।
लिहाजा
जैसे ही मोदी को तवज्जो दिए जाने से रूठे लालकृष्ण आडवाणी ने अपने इस्तीफे
वापस लिए नीतीश को बीजेपी पर छाता मोदी का परचम नजर आने लगा और उन्होंने
अपने सिपहसालार तलब कर लिए। मंगलवार देर रात तक बैठक चलती रही और सुबह होते
ही जनता दल (यूनाइटेड) ने मोदी को दंगाई करार दिया। साफ है नीतीश कुमार
अपनी छवि से समझौता नहीं कर सकते, वो इसी शर्त पर बिहार में इस पार्टी के
साथ सहयोग में उतरे थे कि वो नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए आगे
नहीं बढ़ाएगी, लेकिन वक्त के साथ मोदी ताकतवर होते गए और नीतीश हर दिन और
संशकित। आखिर में जेडीयू ने फरमान सुना दिया।
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