दिल्ली में यमुना नदी में भी बाढ़
का खतरा मंडरा रहा है। हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से अब तक
साढ़े आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। ये पानी आज शाम तक दिल्ली
पहुंच सकता है। उधर यमुननगर में दर्जनों गांव पानी में डूब गए हैं। यहीं पर
एक गांव में कल शाम से एक टापू पर करीब 53 लोग पानी के बीच फंसे हुए हैं।
दिल्ली
से सिर्फ साढ़े तीन घंटे की दूरी पर मौजूद हरियाणा के यमुनानगर जिला में
जहां नजर दौड़ाओ पानी ही पानी नजर आता है। लगातार हो रही बारिश से यमुना
नदी उफान पर है। हथिनीकुंड से दिल्ली की तरफ साढ़े चार लाख क्यूसेक से
ज्यादा पानी छोड़ा जा चुका है। कुछ घंटों में ये पानी दिल्ली पहुंच जाएगा।
जहां-जहां से ये पानी जा रहा है वहां तबाही बरपा रहा है। यमुना से सटे
दर्जनों गांव पानी की चपेट में आ चुके हैं।
यहां
के एक गांव लापरा में एक टापू पर 55 जिंदगियां रविवार से ही पानी के बीच
फंसी हुई हैं। जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। असल में टापू पर
तरबूज और खरबूजे की खेती होती है। वहीं पर ये लोग काम कर रहे थे, लेकिन
अचानक यमुना नदी का पानी बढ़ने से वो चारों तरफ पानी से घिर गए हैं। सभी
लोग खेतों में बने एक छोटे से कमरे में सहारा लिए हुए हैं। ऐसे ही एक किसान
ने आईबीएन7 से फोन पर वहां के हालात को बयां किया।
पानी
का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मौत के कदमों की आहट से सांसें अटकी हुई
हैं, लेकिन जिला प्रशासन खराब मौसम का रोना रोकर पल-पल मौत के मुंह में जा
रही उन 53 जिंदगियों के साथ जुआ खेल रहा है। पानी में फंसे बेबस लोगों को
बचाने के लिए भारतीय वायुसेना से एयर लिफ्टिंग की मदद मांगी गई लेकिन
वायुसेना के अधिकारी खराब मौसम की वजह से उड़ान नहीं भर पा रहे हैं और इधर
एनडीआरए की टीम भी देर रात तक मौके पर नहीं पहुंच पाई। पानी धार और गहराई
की वजह से नाव के जरिए भी टापू पर पहुंचना खतरे से खाली नहीं है। लिहाजा
बेबस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा मौसम सुधरने का इंतजार कर रहा है।
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